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दिल्ली में मुगल शासन के दौरान प्रचलन में सिक्कों की एक प्रदर्शनी - An exhibition of coins

दिल्ली क्वीन्स सोसाइटी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया है जिसमें प्राचीन विरासत के सिक्के, बैंकनोट और डाक टिकट जैसे उत्पाद बिक्री के लिए रखे गये हैं. दिल्ली क्वीन्स सोसाइटी के सक्रिय सदस्य सैयद मोहम्मद असलम ने कहा कि हमारी सोसाइटी के 25 साल पूरे हो गए हैं.

दिल्ली में मुगल शासन के दौरान प्रचलन में सिक्कों की एक प्रदर्शनी
दिल्ली में मुगल शासन के दौरान प्रचलन में सिक्कों की एक प्रदर्शनी
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Published : Jun 26, 2022, 2:20 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली क्वीन्स सोसाइटी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया है जिसमें प्राचीन विरासत के सिक्के, बैंकनोट और डाक टिकट जैसे उत्पाद बिक्री के लिए रखे गये हैं. दिल्ली क्वीन्स सोसाइटी के सक्रिय सदस्य सैयद मोहम्मद असलम ने कहा कि हमारी सोसाइटी के 25 साल पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर युवा पीढ़ी को ऐतिहासिक धरोहर से परिचित कराने के लिए हमने इस आयोजन का नाम दिल्ली मुद्रा उत्सव रखा है. जिसमें देश के 100 से अधिक लोग प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं. राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. प्रदर्शनी में प्राचीन सिक्के उपलब्ध हैं.

पढ़ें: मन की बात: PM मोदी ने कहा 'लोकतंत्र ने तानाशाही को हराया था'

ईटीवी भारत के संवाददाता ने नागपुर के रहने वाले सोहम रामटेके से बात की. उन्होंने कहा कि वह और उसके पिता पिछले 45 वर्षों से प्राचीन काल से सिक्के एकत्र कर रहे हैं. नागपुर के रहने वाले सोहम रामटेके ने कहा कि उनके स्टॉल में 2,600 साल पुराना एक सिक्का भी था, जिसे इतिहास का सबसे पुराना सिक्का कहा जाता है, साथ ही अशोक युग के दौरान प्रचलन में रही मुद्रा भी थी. सोहम ने कहा कि उन्हें अपने पिता से पुरानी मुद्रा एकत्र करने का शौक विरासत में मिला है, इसलिए वह देश-विदेश में इस तरह की प्रदर्शनियों में जाते हैं, वहां अपनी मुद्रा और साथ ही जो कुछ भी उपलब्ध है उसे बेचते हैं.

नई दिल्ली : दिल्ली क्वीन्स सोसाइटी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया है जिसमें प्राचीन विरासत के सिक्के, बैंकनोट और डाक टिकट जैसे उत्पाद बिक्री के लिए रखे गये हैं. दिल्ली क्वीन्स सोसाइटी के सक्रिय सदस्य सैयद मोहम्मद असलम ने कहा कि हमारी सोसाइटी के 25 साल पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर युवा पीढ़ी को ऐतिहासिक धरोहर से परिचित कराने के लिए हमने इस आयोजन का नाम दिल्ली मुद्रा उत्सव रखा है. जिसमें देश के 100 से अधिक लोग प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं. राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. प्रदर्शनी में प्राचीन सिक्के उपलब्ध हैं.

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ईटीवी भारत के संवाददाता ने नागपुर के रहने वाले सोहम रामटेके से बात की. उन्होंने कहा कि वह और उसके पिता पिछले 45 वर्षों से प्राचीन काल से सिक्के एकत्र कर रहे हैं. नागपुर के रहने वाले सोहम रामटेके ने कहा कि उनके स्टॉल में 2,600 साल पुराना एक सिक्का भी था, जिसे इतिहास का सबसे पुराना सिक्का कहा जाता है, साथ ही अशोक युग के दौरान प्रचलन में रही मुद्रा भी थी. सोहम ने कहा कि उन्हें अपने पिता से पुरानी मुद्रा एकत्र करने का शौक विरासत में मिला है, इसलिए वह देश-विदेश में इस तरह की प्रदर्शनियों में जाते हैं, वहां अपनी मुद्रा और साथ ही जो कुछ भी उपलब्ध है उसे बेचते हैं.

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