चंडीगढ़/डिब्रूगढ़ : पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के गनमैन तेजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जाता है कि गोरखा अमृतपाल का करीबी होने के साथ ही उसकी सुरक्षा में मुस्तैद रहाता था. इतना ही नहीं तेजिंदर सिंह भी अजनाला केस में आरोपी है. मलोद के मांगेवाल के रहने वाले तेजिंदर सिंह के द्वारा सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो भी पोस्ट किया करता है. फिलहाल पुलिस ने गोरखा बाबा के विरूद्ध धारा 107/105 के तहत मामला कायम किया गया है. वहीं मामले में पुलिस तेजिंदर के दो करीबियों को भी हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है. वहीं डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के साथियों को अलग-अलग कोठरी में रखे जाने के साथ ही सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है. साथ ही पंजाब सरकार ने तरन तारन और फिरोजपुर जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक को शुक्रवार दोपहर तक के लिए बढ़ा दिया है.
डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के साथियों को अलग-अलग कोठरी में रखा गया - असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में अलगाववादी अमृतपाल सिंह के चाचा समेत सात सहयोगियों को अलग-अलग कोठरियों में 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी में रखा गया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पूरे जेल परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और 'वारिस पंजाब दे' (डब्ल्यूपीडी) के सात सदस्यों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है.
अधिकारी के अनुसार सातों को उनकी कोठरियों में बिस्तर और टेलीविजन सेट की सुविधा दी गयी है. उन्होंने बताया कि जेल परिसर में चार अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वहीं अन्य खराब कैमरों को सही कर दिया गया है या बदल दिया गया है. जेल के एक अधिकारी ने कहा कि ब्लैक पैंथर असम पुलिस के कमांडो के एक दल को जेल के बाहर की सुरक्षा सौंपी गयी है, वहीं सीआरपीएफ, असम पुलिस के जवान तथा जेल सुरक्षाकर्मी आंतरिक सुरक्षा संभाल रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि जेल की पूरी चाहरदीवारी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रशांत भुइयां ने बुधवार को जेल की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. डिब्रूगढ़ के उपायुक्त बिस्वैत पेगू ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत निरुद्ध आरोपी अन्य कैदियों से अलग होते हैं. अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह समेत उसके तीन साथियों को मंगलवार को उच्च सुरक्षा वाली डिब्रूगढ़ जेल में लाया गया था. इनमें कुलवंत सिंह धालीवाल और गुरिंदर पाल सिंह भी थे. इससे पहले रविवार को समूह के चार सदस्यों को डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार लाया गया था. इनमें दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह और भगवंत सिंह उर्फ 'प्रधानमंत्री' बाजेका हैं.
हरियाणा में अमृतपाल, उसके सहयोगी को शरण देने के आरोप में महिला गिरफ्तार- मामले में हरियाणा पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर कट्टर अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पपलप्रीत सिंह को कुरुक्षेत्र जिले में अपने घर में शरण दी थी. पुलिस ने बताया कि महिला को शाहबाद इलाके से गिरफ्तार किया गया. कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक सुरिंदर सिंह भोरिया ने बताया, 'हमने रविवार को शाहबाद में अपने घर पर अमृतपाल और उसके सहयोगी पपलप्रीत सिंह को शरण देने वाली महिला बलजीत कौर को गिरफ्तार कर लिया है. महिला को पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है.' पंजाब पुलिस ने पिछले शनिवार को अमृतपाल की अगुवाई वाले संगठन 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया था.
तरन तारन, फिरोजपुर में मोबाइल इंटरनेट व एसएमएस सेवाओं पर शुक्रवार तक रोक - पंजाब सरकार ने तरन तारन और फिरोजपुर जिलों में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक को शुक्रवार दोपहर तक के लिए बढ़ा दिया, जबकि अमृतसर में मोगा, संगरूर, अजनाला उप-संभाग और मोहाली के कुछ इलाकों में पाबंदियां हटा दी गईं. पंजाब के अन्य हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 21 मार्च को बहाल कर दी गई थीं.
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गृह विभाग तथा न्याय विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए गए आदेशानुसार, तरन तारन और फिरोजपुर में 'जन सुरक्षा, हिंसा के किसी भी उकसावे को रोकने और शांति व जन व्यवस्था भंग बनाए रखने के लिए' मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक की अवधि बढ़ा दी गयी है. आदेश में कहा गया, 'यह निर्देश दिया जाता है कि सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली वॉयस कॉल के अलावा सभी डोंगल सेवाएं पंजाब के तरन तारन तथा फिराजपुर में 23 मार्च (दोपहर 12 बजे से) से 24 मार्च (दोपहर 12 बजे) तक सार्वजनिक सुरक्षा के हित में, किसी भी तरह की हिंसा को रोकने, शांति तथा सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए निलंबित कर दी जाएं.'
आदेशानुसार, ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित नहीं किया जा रहा है ताकि बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित न हों. खालिस्तान समर्थक कट्टर उपदेशक अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद पंजाब के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते राज्य में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया था. जालंधर जिले में अमृतपाल सिंह के काफिले को रोके जाने के बाद वह वहां से भाग निकला था.
(पीटीआई-भाषा)