नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली समूह की कंपनी के पूर्व सीएमडी अनिल कुमार शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी है. शीर्ष अदालत ने यह कहकर याचिका खारिज कर दी कि उन्होंने हजारों आवास खरीदारों को धोखा दिया और वह किसी सहानुभूति के पात्र नहीं हैं. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने शर्मा की जमानत याचिका पर अभियोजन एजेंसी को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया, जो इस मामले में चार साल से अधिक समय से जेल में हैं. पीठ ने कहा, ''आपने हजारों आवास खरीदारों को ठगा है. आपने उनकी गाढ़ी कमाई और जीवन भर की जमा-पूंजी गबन कर ली. आप किसी भी सहानुभूति के काबिल नहीं हैं."
अदालत ने कहा, "अपराध बहुत गंभीर है. यहां तक कि अदालत को भी समस्या से निपटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. यह कोई धोखे का आम मामला नहीं है. हजारों आवास खरीदारों की दुर्दशा देखें. आपको अदालत से सहानुभूति नहीं मिल सकती है. बेहतर होगा आप जेल में रहने का आनंद लें...आपने जो किया उससे यह अदालत अच्छी तरह से वाकिफ है. आपने गड़बड़ी पैदा की है और हम इससे बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पा रहे हैं. बड़ी संख्या में आवास खरीदार पीड़ित हैं."
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गौरतलब है कि रियल एस्टेट समूह के पूर्व सीएमडी और फर्म के अन्य निदेशकों को फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के बाद शीर्ष अदालत के निर्देश पर गिरफ्तार किया गया था, जिसमें खुलासा हुआ था कि प्रबंधन द्वारा बड़ी मात्रा में आवास खरीदारों के पैसे की हेराफेरी की गई थी. इससे पहले शीर्ष अदालत ने मामले में स्वास्थ्य आधार पर शर्मा को कुछ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी. शर्मा और अन्य आरोपी 2018 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और मनी लॉन्ड्रिंग सहित विभिन्न अपराधों के लिए जेल में हैं और लगभग चार साल जेल में बिता चुके हैं. उन पर आवास खरीदारों के पैसे हड़पने का भी आरोप लगाया गया है.
(पीटीआई)