प्रयागराज: जिले में खाद बनाने वाली कंपनी इफको में अमोनिया गैस का रिसाव हुआ है. इससे कंपनी के दो बड़े अफसरों की मौत हो गई है. इसके साथ ही गैस रिसाव के इस हादसे में 15 से अधिक लोगों की हालत बिगड़ गई है. गैस रिसाव के शिकार हुए लोगों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इफको प्रशासन ने पूरे हादसे की जांच का आदेश दे दिया है.
फूलपुर स्थित इफको के प्लांट में यूनिट वन के अंदर मगलवार की देर रात अमोनिया गैस के रिसाव से अफरा-तफरी मच गई. वहां मौजूद कर्मचारी व अधिकारी जब तक कुछ समझ पाते, तब तक गैस की चपेट में आने से कई कर्मचारी गिरकर अचेत हो गए. बेसुध हुए लोगों को प्लांट में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया, जहां से उन्हें कैम्पस स्थित अस्पताल भेजा गया. गंभीर रूप से बीमार लोगों को शहर के लिए रेफर कर दिया गया. शहर पहुंचने तक प्लांट के असिस्टेंट मैनेजर बीपी सिंह और डिप्टी मैनेजर अभय नंदन कुमार को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. गैस रिसाव के इस हादसे में जिन 15 लोगों की हालत गंभीर है, जिसमें से 6 लोगों का शहर के दो अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
हादसा कैसे और क्यों हुआ
इफको के यूरिया बनाने वाले प्लांट के अंदर यूरिया वन प्लांट में रात 12 बजे के करीब हादसा हुआ. इसमें प्लांट में लगी पाइप के अंदर क्लेंजर रॉड फट गई, जिस वजह से रोड के अंदर भरी हुई अमोनिया गैस अचानक से पूरे प्लांट में फैल गई. इससे वहां मौजूद प्लांट के अधिकारी और कर्मचारी तड़पने लगे और हादसे वाली जगह के नजदीक मौजूद लोग बेसुध होकर गिर गए. इसके बाद प्लांट 1 के आसपास मौजूद लोगों ने भागकर अपनी जान बचायी. हादसे में समय प्लांट के अंदर और बाहर अमोनिया गैस फैल गई थी, जिससे वहां मौजूद लोगों की आंखों में तेज जलन और सांस लेने में तकलीफ होने लगी.
हादसे को आधे घंटे में कंट्रोल करने का दावा
इफको के जनसंपर्क अधिकारी विश्वजीत श्रीवास्तव के मुताबिक जिस वक्त प्लांट वन मे अमोनिया गैस रिसाव की जानकारी मिली. उसके तत्काल बाद ही इफको की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई. जिसके बाद फायर एंड सेफ्टी की रेस्क्यू टीम ने वहां पर पानी का छिड़काव करते हुए अमोनिया गैस पर नियंत्रण किया. इसके साथ ही गैस रिसाव से प्रभावित सभी लोगों को तत्काल प्लांट के अंदर बने ट्रीटमेंट सेंटर ले जाया गया और फिर वहां से अस्पताल पहुंचाया गया. इफको की रेस्क्यू टीम ने आधे घंटे से भी कम समय में गैस लीकेज को पूरी तरह से कंट्रोल कर लिया, वरना यह हादसा और विकराल रूप ले सकता था.
इफ्को के प्लांट में अमोनिया गैस के रिसाव होने के दौरान वहां फंसे लोगों ने बताया कि जिस वक्त प्लांट में गैस रिसाव हुआ चारों तरफ कोहरे की तरह धुआं ही धुआं फैल गया था. हर कोई अपनी जान बचाकर प्लांट से भागने का प्रयास कर रहा था, लेकिन सांस लेने में दिक्कत होने और आंखों में जलन की वजह से कई लोग वहीं पर फंस गए. जबकि आसपास मौजूद लोग भी गैस की चपेट में आने से बचने के लिए प्लांट से बाहर की तरफ भागे. प्लांट में फंसे लोगों को जब तक रेस्क्यू टीम ने बचाया उनकी हालत बिगड़ चुकी थी और अस्पताल पहुंचने पर ही उन्हें होश आया.
हादसे की जांच का दिया गया आदेश
बता दें कि बीते 2 सालों में इफको के अंदर इस तरह के पांच हादसे हो चुके हैं. आसपास के लोगों का आरोप है कि लापरवाही की वजह से आए दिन इस तरह के हादसे हो रहे हैं. जबकि इफको प्रशासन का साफ कहना है कि कंपनी में काम करने के दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जाता है. जो हादसे हो रहे हैं उसके पीछे तकनीकी गड़बड़ियां बतायी जा रही हैं. बीती रात हुए इस हादसे की जांच का इफको प्रशासन ने आदेश दे दिया है. जांच रिपोर्ट आने पर किसी की कमी उजागर होती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही जा रही है. हालांकि अभी तक इस हादसे की वजह स्पष्ट रूप से पता नहीं चल सकी है. अभी तक की जानकरी के मुताबिक क्लेंजर रॉड फटने की वजह से हादसा हुआ है. जिससे रॉड में भरी हुई अमोनिया गैस फैल जाने से हादसा हुआ. हालांकि इफको प्रशासन ने ये जानकरी नहीं दी कि जिस रॉड के फटने से गैस लीक हुई उसमें कितनी मात्रा में गैस भरी हुई थी.