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Manipur Violence: गृह मंत्री शाह ने की समीक्षा, हिंसा प्रभावित मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात - Amit Shah speaks to CM

मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) भड़कने के मामले में गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कर हालात की समीक्षा की. शाह ने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की.

Amit Shah
गृह मंत्री अमित शाह
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Published : May 4, 2023, 10:55 PM IST

नई दिल्ली : मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बीच गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि केंद्र मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और आसपास के राज्यों से अर्द्धसैनिक बल भेजे जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय अधिकारियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कर हालात की समीक्षा की.

सूत्रों के मुताबिक, शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बात की. मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को राज्य सरकार ने 'गंभीर स्थिति' में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया.

गुरुवार सुबह शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिन्होंने गृह मंत्री को राज्य में मौजूदा स्थिति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने स्थिति की समीक्षा के लिए दो वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठकें भी कीं, जिसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख, केंद्रीय गृह सचिव और केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.

वहीं, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 'कॉलम' को तैनात किया गया है. हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं.

नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जिसने रात में और गंभीर रूप ले लिया.

राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी.

पढ़ें- Manipur violence : मणिपुर में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश

पढ़ें- Manipur Violence: हिंसा प्रभावित मणिपुर में सेना तैनात, 7500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बीच गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि केंद्र मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और आसपास के राज्यों से अर्द्धसैनिक बल भेजे जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय अधिकारियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कर हालात की समीक्षा की.

सूत्रों के मुताबिक, शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर बात की. मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को राज्य सरकार ने 'गंभीर स्थिति' में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया.

गुरुवार सुबह शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिन्होंने गृह मंत्री को राज्य में मौजूदा स्थिति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने स्थिति की समीक्षा के लिए दो वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठकें भी कीं, जिसमें मणिपुर के मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख, केंद्रीय गृह सचिव और केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.

वहीं, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 'कॉलम' को तैनात किया गया है. हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं.

नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जिसने रात में और गंभीर रूप ले लिया.

राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर' (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी.

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पढ़ें- Manipur Violence: हिंसा प्रभावित मणिपुर में सेना तैनात, 7500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

(पीटीआई-भाषा)

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