देवमाली (अरुणाचल प्रदेश): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच अंतरराज्यीय सीमा विवाद अगले साल तक सुलझने की उम्मीद है. शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर को उग्रवाद मुक्त बनाने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने दावा किया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले आठ वर्षों के दौरान क्षेत्र के 9000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है.
अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के नरोत्तम नगर में रामकृष्ण मिशन स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र क्षेत्र में शांति एवं विकास लाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और असम की सरकारें अंतर-राज्यीय सीमा विवाद के सौहार्दपूर्ण और स्थायी समाधान के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के युवा अब बंदूकें और पेट्रोल बम नहीं रखते हैं. वे अब लैपटॉप रखते हैं और स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं. यह विकास का वह मार्ग है जिसकी परिकल्पना केंद्र ने क्षेत्र के लिए की है.
उन्होंने कहा कि मणिपुर जिसे पहले साल में 200 से अधिक दिनों के लिए बंद और नाकाबंदी के लिए जाना जाता था, वह अब राज्य में पिछले पांच वर्षों के भाजपा शासन के दौरान बिना किसी बंद के बदलाव की बयार देख रहा है. शाह ने कहा कि असम के बोडोलैंड क्षेत्र में उग्रवाद को बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर के माध्यम से सुलझाया गया. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में उग्रवादी समूहों का आत्मसमर्पण और ब्रू शरणार्थी मुद्दे का समाधान मोदी सरकार द्वारा शुरू किया गया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम के कार्बी आंगलोंग में शांति लाने के लिए पहल की है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास के लिए त्रिस्तरीय एजेंडा तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले, हम क्षेत्र की स्वदेशी संस्कृतियों और भाषाओं को संरक्षण और बढ़ावा देंगे. दूसरा, हम पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सभी विवादों को समाप्त करना चाहते हैं और इसे उग्रवाद से मुक्त करना चाहते हैं और तीसरा हम आठ राज्यों को देश में सबसे विकसित बनाना चाहते हैं.
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