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एजेंसियां सुनिश्चित करें अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा-व्यवस्था: अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एजेंसियों कहा है कि अमरनाथ यात्रा के लिए बुनियादी ढांचा विकास और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान कश्मीर में टारगेट कीलिंग पर भी चर्चा की गई. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

अमित शाह
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Published : May 17, 2022, 3:40 PM IST

नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और सुरक्षा पर व्यवस्था पर मंगलवार को नॉर्थ ब्लॉक में बैठक हुई. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने सभी एजेंसियों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रा के लिए पूर्ण प्रमाण व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. बैठक में घाटी में आतंकवादी संगठनों द्वारा बेरोकटोक की जा रही टारगेट कीलिंग पर भी गंभीर चर्चा की गई.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि पहली छमाही पूरी तरह से अमरनाथ यात्रा के लिए रसद पहलुओं पर केंद्रित है. अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक घंटे की पहली बैठक में सड़क, परिवहन, स्वास्थ्य, आईटी और संचार सहित अमरनाथ यात्रा के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है. अधिकारी के मुताबिक शाह ने सभी विभाग प्रमुखों को अमरनाथ यात्रा के दौरान सभी जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया है ताकि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. अमरनाथ मंदिर के रास्ते में स्वास्थ्य शिविर खोलने के निर्देश दिए गए हैं.

जम्मू-कश्मीर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की निदेशक नीता वर्मा, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी सहित अन्य लोग बैठक में उपस्थित रहे. इस महत्वपूर्ण बैठक का दूसरा चरण अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा पहलुओं पर केंद्रित था. घाटी में बेरोकटोक लक्षित हत्याओं के बाद बैठक में सुरक्षा पहलू पर विशेष जोर दिया गया है.

बैठक में बताया गया कि अमरनाथ यात्रा को जोड़ने वाली सभी सड़कों को अत्यधिक सेनेटाइज किया जाए. सुरक्षा पहलू पर दूसरी बैठक में जम्मू-कश्मीर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनएसए अजीत डोभाल, सेना प्रमुख, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ एके मेहता, रॉ प्रमुख, आईबी प्रमुख अरविंद कुमार, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के दिलबाग सिंह, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने भाग लिया.

कोविड-19 महामारी की वजह से दो साल बाद होने वाली अमरनाथ यात्रा के पिछले वर्षों की तुलना में अधिक तीर्थयात्रियों के आकर्षित होने की उम्मीद है. अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त को समाप्त होगी. गृह मंत्रालय ने पहले ही यात्रा के लिए 50 कंपनियों को मंजूरी दे दी है और मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को जरूरत पड़ने पर और सुरक्षा बल उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. गौरतलब है कि गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने हाल के दिनों में दिल्ली और श्रीनगर में ऐसी दो बैठकें की हैं. इस बीच वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 11 अप्रैल से शुरू हो गया है.

यह भी पढ़ें- गृहमंत्री शाह ने उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू कश्मीर की स्थिति की समीक्षा की

नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और सुरक्षा पर व्यवस्था पर मंगलवार को नॉर्थ ब्लॉक में बैठक हुई. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने सभी एजेंसियों को सुरक्षित और शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रा के लिए पूर्ण प्रमाण व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. बैठक में घाटी में आतंकवादी संगठनों द्वारा बेरोकटोक की जा रही टारगेट कीलिंग पर भी गंभीर चर्चा की गई.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि पहली छमाही पूरी तरह से अमरनाथ यात्रा के लिए रसद पहलुओं पर केंद्रित है. अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक घंटे की पहली बैठक में सड़क, परिवहन, स्वास्थ्य, आईटी और संचार सहित अमरनाथ यात्रा के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है. अधिकारी के मुताबिक शाह ने सभी विभाग प्रमुखों को अमरनाथ यात्रा के दौरान सभी जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया है ताकि तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. अमरनाथ मंदिर के रास्ते में स्वास्थ्य शिविर खोलने के निर्देश दिए गए हैं.

जम्मू-कश्मीर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की निदेशक नीता वर्मा, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी सहित अन्य लोग बैठक में उपस्थित रहे. इस महत्वपूर्ण बैठक का दूसरा चरण अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा पहलुओं पर केंद्रित था. घाटी में बेरोकटोक लक्षित हत्याओं के बाद बैठक में सुरक्षा पहलू पर विशेष जोर दिया गया है.

बैठक में बताया गया कि अमरनाथ यात्रा को जोड़ने वाली सभी सड़कों को अत्यधिक सेनेटाइज किया जाए. सुरक्षा पहलू पर दूसरी बैठक में जम्मू-कश्मीर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनएसए अजीत डोभाल, सेना प्रमुख, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ एके मेहता, रॉ प्रमुख, आईबी प्रमुख अरविंद कुमार, सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के दिलबाग सिंह, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने भाग लिया.

कोविड-19 महामारी की वजह से दो साल बाद होने वाली अमरनाथ यात्रा के पिछले वर्षों की तुलना में अधिक तीर्थयात्रियों के आकर्षित होने की उम्मीद है. अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होगी और 11 अगस्त को समाप्त होगी. गृह मंत्रालय ने पहले ही यात्रा के लिए 50 कंपनियों को मंजूरी दे दी है और मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को जरूरत पड़ने पर और सुरक्षा बल उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. गौरतलब है कि गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने हाल के दिनों में दिल्ली और श्रीनगर में ऐसी दो बैठकें की हैं. इस बीच वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 11 अप्रैल से शुरू हो गया है.

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