गुवाहाटी : असम के कोकराझार में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ बोडोलैंड समझौते के कारण आने वाले समय में असम और पूरा बोडोलैंड विकास के रास्ते पर बढ़ेगा. शाह ने उपेन्द्र नाथ ब्रह्मा और रूपनाथ ब्रह्मा जैसे बोडो नेताओं के योगदान को भी याद किया.
अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी से भी तीखे सवाल किए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर में शांति का मार्ग प्रशस्त किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी कई समझौते किए लेकिन उनका अनुपालन नहीं होता था.
शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जो भी वादे करते हैं, उसे अपने ही कार्यकाल में लागू भी करते हैं.
बिंदुवार पढ़ें अमित शाह की बातें-
- जो कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकाल में शांति, विकास नहीं ला सकी, वो आज हमें सलाह दे रहे हैं. इसने वर्षों तक असम रक्त-रंजित रहा, बोडो क्षेत्र रक्त-रंजित रहा, क्या किया आपने? जो भी किया भाजपा सरकार ने किया.
- बोडो शांति समझौते के बाद ब्रू-रियांग समझौते का प्रयास किया गया. 8 अलग-अलग हत्यारे ग्रुपों ने हथियार डालकर शांति का रास्ता चुना. ये सारी प्रक्रिया विकास के रास्ते में हमें ले जाने वाली है.
- इस क्षेत्र में मैं कई बार आया हूं, कई रैलियां की हैं. परन्तु मित्रों, जहां बोडो और नॉन बोडो उपस्थित हों ये पहली रैली है, इसलिए इस रैली का महत्व है.
- वर्षों से चली आई समस्या ने 5,000 से ज्यादा लोगों की जान ली, वो मोदी जी के दृढ़ निश्चय, मार्गदर्शन और हमारे प्रमोद जी के इनिशिएटिव के कारण आज ये समस्या शांत हो गई है और आने वाले अनेक वर्षों तक हमारा बोडो क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ेगा.
- मुझे कहते हुए आनंद है कि मोदी जी की अगुवाई में जो BTR क्षेत्र का शांति समझौता हुआ, उसको एक साल आज पूरा हुआ है. आपका चुनाव भी समाप्त हो गया है और शांति के एक नए युग की शुरुआत हुई है.
- आज से ठीक एक साल पहले देश के प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में बोडो शांति समझौता हुआ और बोडो शांति समझौते के साथ प्रधानमंत्री जी ने संदेश दिया कि उत्तर पूर्व में जहां-जहां अशांति है, वहां बातचीत कीजिए और शांति का मार्ग प्रशस्त कीजिए.
- आज इस ऐतिहासिक रैली में पूरे देश को कहना चाहता हूं कि मेरे राजनीतिक जीवन में मैंने बहुत रैलियां देखी, मगर आज इस रैली को संबोधित करते हुए मेरे मन को अपरा शांति का अनुभव हो रहा है.
- आज से ठीक एक साल पहले देश के प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में बोडो शांति समझौता हुआ और बोडो शांति समझौते के साथ प्रधानमंत्री जी ने संदेश दिया कि उत्तर पूर्व में जहां-जहां अशांति है, वहां बातचीत कीजिए और शांति का मार्ग प्रशस्त कीजिए
- मुझे कहते हुए आनंद है कि मोदी जी की अगुवाई में जो BTR क्षेत्र का शांति समझौता हुआ, उसको एक साल आज पूरा हुआ है। आपका चुनाव भी समाप्त हो गया है और शांति के एक नए युग की शुरुआत हुई है
- वर्षों से चली आई समस्या ने 5,000 से ज्यादा लोगों की जान ली, वो मोदी जी के दृढ़ निश्चय, मार्गदर्शन और हमारे प्रमोद जी के इनिशिएटिव के कारण आज ये समस्या शांत हो गई है और आने वाले अनेक वर्षों तक हमारा बोडो क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ेगा
- इस क्षेत्र में मैं कई बार आया हूं, कई रैलियां की हैं. परन्तु, जहां बोडो और नॉन बोडो उपस्थित हों ये पहली रैली है, इसलिए इस रैली का महत्व है.
पृष्ठभूमि
बता दें कि 27 जनवरी, 2020 को ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. केंद्र सरकार ने कहा था कि बोडो क्षेत्रीय जिलों (बीटीएडी) के सीमा निर्धारण के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा. विगत 7 फरवरी, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने असम के कोकराझार में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के समारोह में शिरकत की थी. पीएम मोदी ने उग्रवादियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की भावनापूर्ण अपील की थी.