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कोयले की ढुलाई में नहीं आएगी दिक्कतें, वैगन की समस्या होगी खत्म : रेलवे - national transporter railway coal

रेलवे ने कहा है कि आने वाले समय में कोयले की ढुलाई में दिक्कतें नहीं आएंगी. रेलवे ने एक लाख नए वैगनों की खरीद शुरू कर दी है. रेल मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि विभिन्न बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की रेक की निर्बाध और समय पर आवाजाही के महत्व पर जोर दिया गया है. लोडिंग/अनलोडिंग पॉइंट्स पर प्रत्येक गतिविधि के लिए कोयला रेक को रोकना और रास्ते में आने-जाने की निगरानी क्षेत्र स्तर पर मंडल टीमों द्वारा की जा रही है. पेश है अमित अग्निहोत्री की एक रिपोर्ट.

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Published : May 11, 2022, 10:52 PM IST

नई दिल्ली : बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने में वैगनों की समस्या का सामना कर रहे रेलवे ने समाधान निकालने का दावा किया है. मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि आने वाले समय में मांग को पूरा करने के लिए उसने एक लाख नए वैगनों की खरीद शुरू कर दी है. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मई में बिजली क्षेत्र के लिए रेक की उपलब्धता में प्रति दिन औसतन 472 रेक की मांग में वृद्धि देखी गई.

हालांकि, इस महीने रेक की औसतन मांग मात्र 409 रेक रही है. इसमें मुख्य रूप से घरेलू कोयले की पावर हाउस तक परिवहन शामिल है. इस पृष्ठभूमि में, कोयला कंपनियों और रेलवे दोनों ने संयुक्त रूप से बिजली क्षेत्र में घरेलू कोयले के 415 रेक और आयातित कोयले के 30 रेक की प्रतिदिन कोयला लोडिंग सुनिश्चित करने की योजना बनाई है.

रेल मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, बिजली घरों के लिए कोयले की लदान मांग के अनुसार लगातार तेज की जा रही है और भारतीय रेलवे सभी घरेलू कोयले को उठाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इसमें कोयला कंपनियों द्वारा लाया गया कोयला और बिजली पैदा करने वाली कंपनियों द्वारा बंदरगाहों पर लाया गया आयातित कोयला, दोनों शामिल है.

भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए, रेलवे ने पहले ही 1, 00,000 से अधिक वैगनों की खरीद शुरू कर दी है, जिससे रेक की उपलब्धता में सुधार होगा.

बिजली संयंत्रों को कोयले के परिवहन में बाधाओं का हवाला देते हुए, रेलवे ने कहा कि लगातार हड़ताल की वजह से ओडिशा के तलचर क्षेत्र में कोयला खनन प्रभावित हुआ. इस पृष्ठभूमि में, रेलवे ने बिजली क्षेत्र के लिए कोयला लोडिंग को अधिकतम करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर 60 अधिशेष खाली रेक रखे हैं.

नेशनल ट्रांसपोर्टर ने कोयला रेक की निकासी में तेजी लाने के लिए पूरी प्रक्रिया में तेजी लाने पर भी जोर दे रहा है. मसलन रेक से कोयला पहुंचाने पर उसे जल्द से जल्द खाली करवाना.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके लिए पूरे भारत में कोचिंग ट्रेनों (पैसेंजर ट्रेन) को रद्द कर दिया गया है ताकि कोयले की रेक की तेजी से आवाजाही हो सके.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “विभिन्न बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की रेक की निर्बाध और समय पर आवाजाही के महत्व पर जोर दिया गया है. लोडिंग/अनलोडिंग पॉइंट्स पर प्रत्येक गतिविधि के लिए कोयला रेक को रोकना और रास्ते में आने-जाने की निगरानी क्षेत्र स्तर पर मंडल टीमों द्वारा की जा रही है."

इसके अलावा, भीड़भाड़ वाले मार्गों पर लंबी दूरी की ट्रेनों और काफिले के रेक को बढ़ाया गया है. ट्रांसपोर्टर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कोयले की लोडिंग के लिए अतिरिक्त 100 रेक जुटाए जाएंगे, जिससे बिजली क्षेत्र के लिए रैक की उपलब्धता में और सुधार होगा.

नई दिल्ली : बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने में वैगनों की समस्या का सामना कर रहे रेलवे ने समाधान निकालने का दावा किया है. मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि आने वाले समय में मांग को पूरा करने के लिए उसने एक लाख नए वैगनों की खरीद शुरू कर दी है. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मई में बिजली क्षेत्र के लिए रेक की उपलब्धता में प्रति दिन औसतन 472 रेक की मांग में वृद्धि देखी गई.

हालांकि, इस महीने रेक की औसतन मांग मात्र 409 रेक रही है. इसमें मुख्य रूप से घरेलू कोयले की पावर हाउस तक परिवहन शामिल है. इस पृष्ठभूमि में, कोयला कंपनियों और रेलवे दोनों ने संयुक्त रूप से बिजली क्षेत्र में घरेलू कोयले के 415 रेक और आयातित कोयले के 30 रेक की प्रतिदिन कोयला लोडिंग सुनिश्चित करने की योजना बनाई है.

रेल मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, बिजली घरों के लिए कोयले की लदान मांग के अनुसार लगातार तेज की जा रही है और भारतीय रेलवे सभी घरेलू कोयले को उठाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इसमें कोयला कंपनियों द्वारा लाया गया कोयला और बिजली पैदा करने वाली कंपनियों द्वारा बंदरगाहों पर लाया गया आयातित कोयला, दोनों शामिल है.

भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए, रेलवे ने पहले ही 1, 00,000 से अधिक वैगनों की खरीद शुरू कर दी है, जिससे रेक की उपलब्धता में सुधार होगा.

बिजली संयंत्रों को कोयले के परिवहन में बाधाओं का हवाला देते हुए, रेलवे ने कहा कि लगातार हड़ताल की वजह से ओडिशा के तलचर क्षेत्र में कोयला खनन प्रभावित हुआ. इस पृष्ठभूमि में, रेलवे ने बिजली क्षेत्र के लिए कोयला लोडिंग को अधिकतम करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर 60 अधिशेष खाली रेक रखे हैं.

नेशनल ट्रांसपोर्टर ने कोयला रेक की निकासी में तेजी लाने के लिए पूरी प्रक्रिया में तेजी लाने पर भी जोर दे रहा है. मसलन रेक से कोयला पहुंचाने पर उसे जल्द से जल्द खाली करवाना.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके लिए पूरे भारत में कोचिंग ट्रेनों (पैसेंजर ट्रेन) को रद्द कर दिया गया है ताकि कोयले की रेक की तेजी से आवाजाही हो सके.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “विभिन्न बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की रेक की निर्बाध और समय पर आवाजाही के महत्व पर जोर दिया गया है. लोडिंग/अनलोडिंग पॉइंट्स पर प्रत्येक गतिविधि के लिए कोयला रेक को रोकना और रास्ते में आने-जाने की निगरानी क्षेत्र स्तर पर मंडल टीमों द्वारा की जा रही है."

इसके अलावा, भीड़भाड़ वाले मार्गों पर लंबी दूरी की ट्रेनों और काफिले के रेक को बढ़ाया गया है. ट्रांसपोर्टर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कोयले की लोडिंग के लिए अतिरिक्त 100 रेक जुटाए जाएंगे, जिससे बिजली क्षेत्र के लिए रैक की उपलब्धता में और सुधार होगा.

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