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कोविड के घटते रुझान के बाद भी सावधानी बरतने की जरूरत : विशेषज्ञ

भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या में कमी आने के बाद भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अभी भी सावधानी बरतने की जरुरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में दिशा निर्देशों का पालन करने में ढिलाई बरतने पर कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हुआ था. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

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कोरोना (प्रतीकात्मक फोटो)
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Published : Mar 24, 2022, 9:59 PM IST

नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 महामारी की घटती प्रवृत्ति के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है. इस संबंध में प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले (Dr. Tamorish Kole) ने कहा कि ' यह सही है कि भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या घट रही है, इसके साथ ही सरकार भी इससे लगे प्रतिबंध हटा रही है. फिर भी यह हमारे लिए सतर्क रहने का समय है क्योंकि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और कभी भी अपना स्वरूप बदल सकती है.' डॉ. कोले ने इसको लेकर देश में कोविड-19 के दर्ज किए गए आंकड़ों का भी उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि आंकड़े भी बता रहे हैं कि अभी इसकी रफ्तार काफी कम है.

बता दें कि 21 मार्च को भारत में कोरोना के नए मामलों की संख्या 1410 थी. वहीं 33 लोगों ने दम तोड़ दिया था इसमें 22 लोग केरल के थे. हालांकि 23 मार्च को 62 लोगों की मौत के साथ नए मामलों की संख्या 1910 हो गई थी. इस बारे में डॉ कोले ने कहा, ' पहले भी हमने देखा था कि कोविड-19 के लिए निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन करने में ढिलाई करना कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी का एक प्रमुख कारण था.'

गौरतलब है कि केरल, मिजोरम और महाराष्ट्र जैसे राज्य अभी भी शीर्ष तीन राज्य हैं जहां क्रमश: 702, 287 और 156 के साथ कोरोना वायरस संक्रमण के अधिकतम मामले दर्ज किए गए हैं.

ये भी पढ़ें - देश में कोविड-19 के 1,938 नए मामले, 67 मौतें

इसी कड़ी में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला (Home Secretary Ajay Kumar Bhalla) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र जारी कर उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश और दिशा निर्देश नहीं जारी करने की सलाह दी है. हालांकि भल्ला ने उल्लेख किया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों और सलाह का पालन करना जारी रख सकते हैं.

वहीं एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया), नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ गिरधर जे ज्ञानी (Dr Giridhar Gyani, director general of Association of Health Care Providers) ने कहा,' वर्तमान में कोविड19 से संबंधित घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने डीएम अधिनियम के तहत जारी किए जाने वाले मासिक दिशा निर्देश बंद करने का निर्णय लिया है.' उन्होंने कहा कि मैं अभी भी इस बात पर जोर दूंगा कि लोगों को कोविड के उचित व्यवहार का पालन करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रशासन को जांच, ट्रेसिंग, इलाज के साथ-साथ टीम वर्क के साथ ट्रैकिंग और निगरानी का सख्ती से पालन करना चाहिए. डॉ ज्ञानी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी पात्र लोगों के लिए अभी भी टीकाकरण जारी रहना चाहिए. डॉ ज्ञानी ने कहा, देश में कोरोना के प्रसार के रोकने में भारतीय आबादी में तेजी से टीकाकरण किया जाना भी एक प्रमुख वजह है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 1, 82,42,68,730 टीके की खुराक में 97,92,36,978 पहली खुराक और 82,40,66,700 दूसरी खुराक दी जा चुकी है.

नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 महामारी की घटती प्रवृत्ति के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है. इस संबंध में प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले (Dr. Tamorish Kole) ने कहा कि ' यह सही है कि भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या घट रही है, इसके साथ ही सरकार भी इससे लगे प्रतिबंध हटा रही है. फिर भी यह हमारे लिए सतर्क रहने का समय है क्योंकि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और कभी भी अपना स्वरूप बदल सकती है.' डॉ. कोले ने इसको लेकर देश में कोविड-19 के दर्ज किए गए आंकड़ों का भी उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि आंकड़े भी बता रहे हैं कि अभी इसकी रफ्तार काफी कम है.

बता दें कि 21 मार्च को भारत में कोरोना के नए मामलों की संख्या 1410 थी. वहीं 33 लोगों ने दम तोड़ दिया था इसमें 22 लोग केरल के थे. हालांकि 23 मार्च को 62 लोगों की मौत के साथ नए मामलों की संख्या 1910 हो गई थी. इस बारे में डॉ कोले ने कहा, ' पहले भी हमने देखा था कि कोविड-19 के लिए निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन करने में ढिलाई करना कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी का एक प्रमुख कारण था.'

गौरतलब है कि केरल, मिजोरम और महाराष्ट्र जैसे राज्य अभी भी शीर्ष तीन राज्य हैं जहां क्रमश: 702, 287 और 156 के साथ कोरोना वायरस संक्रमण के अधिकतम मामले दर्ज किए गए हैं.

ये भी पढ़ें - देश में कोविड-19 के 1,938 नए मामले, 67 मौतें

इसी कड़ी में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला (Home Secretary Ajay Kumar Bhalla) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र जारी कर उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत आदेश और दिशा निर्देश नहीं जारी करने की सलाह दी है. हालांकि भल्ला ने उल्लेख किया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों और सलाह का पालन करना जारी रख सकते हैं.

वहीं एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया), नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ गिरधर जे ज्ञानी (Dr Giridhar Gyani, director general of Association of Health Care Providers) ने कहा,' वर्तमान में कोविड19 से संबंधित घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने डीएम अधिनियम के तहत जारी किए जाने वाले मासिक दिशा निर्देश बंद करने का निर्णय लिया है.' उन्होंने कहा कि मैं अभी भी इस बात पर जोर दूंगा कि लोगों को कोविड के उचित व्यवहार का पालन करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि प्रशासन को जांच, ट्रेसिंग, इलाज के साथ-साथ टीम वर्क के साथ ट्रैकिंग और निगरानी का सख्ती से पालन करना चाहिए. डॉ ज्ञानी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी पात्र लोगों के लिए अभी भी टीकाकरण जारी रहना चाहिए. डॉ ज्ञानी ने कहा, देश में कोरोना के प्रसार के रोकने में भारतीय आबादी में तेजी से टीकाकरण किया जाना भी एक प्रमुख वजह है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 1, 82,42,68,730 टीके की खुराक में 97,92,36,978 पहली खुराक और 82,40,66,700 दूसरी खुराक दी जा चुकी है.

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