बुलंदशहर : जिले के डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी पेश कर दी है. इससे बुलंदशहर के साथ उनका गांव भी सुर्खियों में आ गया है. डॉ. हर्षवर्धन सिंह के दादा-नाना भी भाजपा के बड़े नेता रहे हैं. डॉ. हर्षवर्धन सोंझना रानी निवासी राज्यसभा सदस्य रहे नौनिहाल सिंह के पौत्र हैं. इसके अलावा वे पूर्व कैबिनेट मंत्री और कैराना से सांसद रहे बाबू हुकुम सिंह के रिश्तेदार भी हैं. डॉ. हर्षवर्धन सिंह बाबू हुकुम सिंह की दूसरे नंबर की बेटी नंदिता व दामाद त्रिभुवन सिंह के पुत्र हैं. दादा और नाना दोनों ही राजनीति के मैदान के स्वच्छ छवि वाले खिलाड़ी रहे हैं. डॉ. हर्षवर्धन सिंह को राजनीति विरासत में मिली है. यदि अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी ने डॉ. हर्षवर्धन को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया तो दुनिया में एक बार फिर से भारत का डंका बज उठेगा.
40 साल से अमेरिका में रह रहे डॉ. हर्षवर्धन : बाबू हुकुम सिंह की बड़ी पुत्री मृगांका सिंह ने अनुसार 40 साल से डॉ. हर्षवर्धन, मां नंदिता और अपने पिता त्रिभुवन सिंह के साथ अमेरिका में रह रहे हैं. वह वहां न्यू जर्सी (New Jersey) में बसे हुए हैं. वहां पर वह बिजनेसमैन के तौर पर कार्य करते हैं. इससे पूर्व 20 जनवरी 2017 से 20 जनवरी 2021 तक रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे. यदि पार्टी अनुमति देती है तो इस दौड़ में डॉ. हर्षवर्धन सिंह भी शामिल हो जाएंगे. वर्ष 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. मृगांका सिंह ने बताया कि उनकी छोटी बहन नंदिता के बेटे डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने अमेरिकन रिपब्लिकन पार्टी में करीब 10 दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने को दावेदारी पेश की है.
डॉ. हर्षवर्धन को विरासत में मिली है राजनीति : डॉ. हर्षवर्धन सिंह को राजनीति विरासत में मिली है. उनके दादा नौनिहाल सिंह भाजपा के राज्यसभा सदस्य रहे हैं. नाना बाबू हुकुम सिंह मंत्री रहे हैं. सन 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में कैराना विधानसभा से भाजपा पार्टी की ओर से स्व. हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को प्रत्याशी बनाया गया था. उस दौरान अमेरिका से कैराना पहुंचे हर्षवर्धन सिंह ने अपनी मौसी मृगांका सिंह के चुनावी प्रचार की बागडोर संभाली थी. बाकायदा गांव कंडेला सहित अन्य गांव में डोर-टू-डोर जाकर वोट मांगे थे.
सोंझना रानी में खुशी की लहर : डॉ. हर्षवर्धन सिंह की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी पेश करने पर जिले का सोंझना रानी गांव खुद पर इतरा रहा है. गांव के एक परिवार के लाल डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने ऐसा करके गांव का नाम रोशन कर दिया है. डॉ. हर्षवर्धन वर्ष 2009 में दादा के निधन के बाद गांव में तेरहवीं की रस्म अदा करने परिवार के साथ आए थे. ऊंचागांव ब्लाक के सोंझना रानी गांव निवासी पूर्व राज्यसभा सदस्य स्व. डॉ. नौनिहाल सिंह के दो पुत्रों में त्रिभुवन परिवार समेत अमेरिका में बस गए थे. दूसरे पुत्र सूर्यपाल सिंह दिल्ली में बस गए थे. त्रिभुवन सिंह के पुत्र डा. हर्षवर्धन सिंह का जन्म अमेरिका में ही हुआ था. इसके बाद भी डॉ. हर्षवर्धन में मातृभूमि के प्रति लगाव रहा है. वर्ष 2009 में हर्षवर्धन के दादा नौनिहाल सिंह का अमेरिका में देहांत हो गया था. इसके बाद हर्षवर्धन पूरे परिवार के साथ दादा की तेरहवीं की रस्म निभाने के लिए सौजना रानी गांव आए थे. वह कुटुंब के अन्य लोगों और गांव में घर-घर जाकर लोगों से मिले थे. बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था.
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'जब कुछ बन जाऊंगा तब आऊंगा' : डॉ. हर्षवर्धन के रिश्ते के चाचा नागेश भाटी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि डॉ. हर्षवर्धन सिंह के दादा नौनिहाल सिंह ने राज्यसभा सदस्य रहते हुए जिले में सड़कों का जाल बिछवाया था. शिलापट आज भी उनके कराए गए विकास कार्यों को दर्शाते हैं. डॉ. हर्षवर्धन के रिश्ते की चचेरी बहन प्रिंसी ने बताया कि गांव में खुशी है, उम्मीद है कि वह राष्ट्रपति बनकर गांव लौटेंगे, हम लोग उनका जोरदार स्वागत करेंगे. वहीं ताऊ सौदान सिंह भाटी ने बताया कि पहले डॉ. हर्षवर्धन सिंह का गांव में आना-लगा रहता था, वह नेक दिल इंसान हैं. गांव आने पर सबके हाल-चाल लेते थे. एक बार वह गांव आए थे हमने उनसे पूछा था कि अब कब आना होगा, इस पर उन्होंने कहा कि 'अब जब कुछ बन जाऊंगा तब आऊंगा'. उन्होंने यहां के युवाओं को भी कुछ कर दिखाने के लिए उत्साहित किया था.
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