बेंगलुरु: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चुनावी राज्य कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कांग्रेस के मुसलमानों को आरक्षण देने के मुद्दे पर पार्टी को घेरने की कोशिश की. उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने धर्म आधारित आरक्षण की वकालत नहीं की थी. जबकि कांग्रेस ने मुसलमानों को आरक्षण देने का वादा किया है.
कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह घोषणापत्र 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का मालूम पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऐसा मुसलमानों को खुश करने के लिए किया गया है. पीएफआई पर पहले से ही प्रतिबंधित है. कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया के कार्यकाल में पीएफआई को बड़ी राहत दी गई थी. इसके खिलाफ मामले वापस ले लिए थे. इसलिए पार्टी मुसलमानों को खुश करने के लिए पीएफआई और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कह रही है.
कांग्रेस का घोषणापत्र कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों के घोषणापत्र जैसा है. कांग्रेस की ओर से जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि वह बजरंग दल, पीएफआई जैसे अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे. असम के सीएम ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के बीजेपी के वादे पर कहा कि इससे लैंगिग न्याय और मुस्लिम महिलाओं का समान अधिकार सुनिश्चित होगा. बता दें कि बीजेपी की ओर से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का आश्वासन दिया गया है. बिस्वा ने कहा कि समान नागरिक संहिता की शुरुआत कर्नाटक से की गई है. इसे धीरे-धीरे पूरे देश में लागू करने की मांग की जाएगी. बीजेपी दिग्गज नेताओं के साथ दक्षिणी राज्य में बड़े पैमाने पर रैलियों और रोड शो के माध्यम से प्रचार अभियान को तेज कर दिया है.
(एएनआई)