हजारीबागः अदम्य साहस और शौर्य का दूसरा नाम बीएसएफ (Border Security Force) है. बीएसएफ अर्थात सीमा सुरक्षा बल जिसके भरोसे हम अपने घरों में चैन की नींद लेते हैं. कठिन परिश्रम, देश प्रेम का जज्बा और प्रशिक्षण से इसके प्रहरी तैयार होते हैं. बीएसएफ में जांबाजों की बाइकर्स टीम भी है. जिसके हैरतअंगेज करतब देख कर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे. इनके अदम्य साहस को सैल्यूट किए बिना आप नहीं रह सकेंगे.
हम आपको बीएसएफ की इसी बाइकर्स टीम से मिलाने जा रहे हैं, जिसमें दो सगे भाई, एक साथ इस टीम के सदस्य बने, एक साथ बीएसएफ ज्वाइन किया और आज उनका करतब देख पूरा देश हैरान है. बीएसएफ की बाइकर्स टीम के भाई हैं अवधेश और विश्वजीत. दोनों ने एक साथ ही बीएसएफ ज्वाइन की. बड़े भाई अवधेश और छोटे विश्वजीत दोनों की बहादुरी देख लोग दांतों तले अंगुलियां दबा लेते हैं. दोनों उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम बाबूलाल है. दोनों ने पहले एसएसबी ज्वाइन की थी, लेकिन इनकी इच्छा हुई कि बीएसएफ में शामिल हों. दोनों भाइयों ने तैयारी की और 2010 में बीएसएफ ज्वाइन कर इन्होंने बीएसएफ में सेवा शुरू की. दोनों भाई आज बीएसएफ के जांबाज डेयरडेविल के सदस्य हैं. जो हैरतअंगेज करतब के लिए जानी जाती है.
एडवेंचर के शौकीन हैं तो बीएसएफ है मंजिलः बीएसएफ में इंस्पेक्टर और जांबाज डेयरडेविल के सदस्य अवधेश का कहना है कि युवाओं को देश हित के लिए काम करना चाहिए. अगर युवा एडवेंचर के शौकीन हैं तो बीएसएफ ज्वाइन कर सकते हैं. जिसमें हर पल एडवेंचर है. वहीं उनका कहना है कि स्टंट जो हम लोग करते हैं वह आसान नहीं है. इसके लिए कई साल का परिश्रम और अनुशासन काम आता है. उन्होंने आम लोगों से अपील की कि जो भी स्टंट देख रहे हैं उसे दोहराएं नहीं. अगर आप मोटरसाइकिल चलाते हैं तो हेलमेट का उपयोग अवश्य करें.
हर पल देश के लिएः वहीं छोटे भाई इंस्पेक्टर विश्वजीत ने कहा कि हम दोनों भाइयों ने एक साथ, एक ही दिन बीएसएफ ज्वाइन की थी. उनका कहना है कि बचपन में पिताजी ने एक बाइक खरीदी थी. हम लोगों को स्टंट करने का शौक था तो हम इससे स्टंट की कोशिश करते थे. उसी वक्त हमारा सिलेक्शन बीएसएफ में हो गया और नसीब का खेल देखिए कि हम लोगों का चयन बीएसएफ की डेयरडेविल टीम में हो गया और आज हम लोग दोनों भाई एक साथ स्टंट करते हैं. उनका कहना है कि स्टंट करना भले ही शौक है लेकिन हमारा मेन मकसद देश सेवा है और हम हर पल देश के लिए जीते हैं. आप लोगों को भी देश के लिए आगे आने की जरूरत है.
झारखंड के राज्यपाल ने दी शुभकामनाः झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने भी बीएसएफ की जांबाज डेयरडेविल टीम को शुभकामना दी. उन्होंने कहा कि हम लोग टीवी पर इनके कारनामे और स्टंट देखते थे. आज पहली बार आंखों के सामने से इन्हें देखा. ये हमारे देश के गौरव हैं. जांबाज डेयरडेविल्स की टीम अपने काम को और लोगों को भी बताए. ताकि लोग बीएसएफ को जान सकें, समझ सकें और जो टीवी में देखते हैं वो हकीकत में देख पाएं.
बीएसएफ की खास बातेंः सीमा सुरक्षा बल भारत का एक प्रमुख अर्द्धसैनिक बल है. यह विश्व के सबसे बड़े सीमा रक्षक बल में से एक के रूप में जाना जाता है. जिसका गठन 1 दिसंबर 1965 को हुआ था. यह भारत की सीमाओं की प्रथम रक्षा पंक्ति है, जिसकी जिम्मेदारी भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा की निरंतर निगरानी है. बीएसएफ की ही एक टुकड़ी है जांबाज डेयरडेविल्स, जिसकी स्थापना 2014 को हुई. इस जांबाज टुकड़ी के पदाधिकारी एवं जवान इन दिनों हजारीबाग में हैं. हजारीबाग में अमृत महोत्सव कार्यक्रम के दौरान इनका कार्यक्रम 27 मार्च निर्धारित है. इसके पहले उन्होंने आज मेरु स्थित बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में एक से बढ़कर एक स्टंट दिखाए. स्टंट देखकर लोगों ने इनकी तारीफ की.