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अमरनाथ यात्रा 2023: 17 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र शिव‍लिंग के किए दर्शन

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Published : Jul 4, 2023, 10:49 AM IST

अमरनाथ यात्रा के लिए बाबा बर्फानी के भक्तों में जबरस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को यात्रा के तीसरे दिन 17 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की, जबकि 6,597 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था मंगलवार सुबह जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ.

अमरनाथ यात्रा 2023
amarnath yatra 2023

श्रीनगर: 17 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने तीसरे दिन अमरनाथ यात्रा की, जबकि 6,597 यात्रियों का एक और जत्था मंगलवार को जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को यात्रा के तीसरे दिन 17 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की, जबकि 6,597 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था मंगलवार सुबह जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से एक सुरक्षा काफिले में घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने कहा, "इनमें से 4975 पुरुष, 1429 महिलाएं, 33 बच्चे, 151 साधु और 9 साध्वियां हैं.

  • #WATCH | J&K | Ramban district administration provides free medical facilities to the Amarnath Yatra pilgrims along NH44. According to the Nodal Officer, Health Dr Opinder Singh, as many as 19 medical camps have been set up in Langars, Yatri Niwas and other facilities along the… pic.twitter.com/UCDvhTy1rS

    — ANI (@ANI) July 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यात्री या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से हिमालय गुफा मंदिर तक पहुंच रहे हैं, जिसमें पहलगाम बेस कैंप से 43 किलोमीटर की चढ़ाई होती है या उत्तरी कश्मीर बालटाल बेस कैंप से 13 किलोमीटर की चढ़ाई से होते हुए जा रहे हैं.

  • #WATCH | J&K | Yoga camp for Amarnath Yatra pilgrims organised at Jammu Base camp to help them in the yatra. The Yoga sessions are being organised by the Department of Ayush, J&K pic.twitter.com/qS3XXS5syw

    — ANI (@ANI) July 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में 3-4 दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं. दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं.

ये भी पढ़ें-

इस वर्ष की 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई और 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा उत्सव के साथ समाप्त होगी. तीर्थयात्रियों को ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए, अधिकारियों ने यात्रा के दोनों मार्गों पर स्थापित किए गए मुफ्त सामुदायिक रसोई, जिन्हें 'लंगर' कहा जाता है, में सभी जंक फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है.

(आईएएनएस)

श्रीनगर: 17 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने तीसरे दिन अमरनाथ यात्रा की, जबकि 6,597 यात्रियों का एक और जत्था मंगलवार को जम्मू से घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को यात्रा के तीसरे दिन 17 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की, जबकि 6,597 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था मंगलवार सुबह जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से एक सुरक्षा काफिले में घाटी के लिए रवाना हुआ. अधिकारियों ने कहा, "इनमें से 4975 पुरुष, 1429 महिलाएं, 33 बच्चे, 151 साधु और 9 साध्वियां हैं.

  • #WATCH | J&K | Ramban district administration provides free medical facilities to the Amarnath Yatra pilgrims along NH44. According to the Nodal Officer, Health Dr Opinder Singh, as many as 19 medical camps have been set up in Langars, Yatri Niwas and other facilities along the… pic.twitter.com/UCDvhTy1rS

    — ANI (@ANI) July 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यात्री या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से हिमालय गुफा मंदिर तक पहुंच रहे हैं, जिसमें पहलगाम बेस कैंप से 43 किलोमीटर की चढ़ाई होती है या उत्तरी कश्मीर बालटाल बेस कैंप से 13 किलोमीटर की चढ़ाई से होते हुए जा रहे हैं.

  • #WATCH | J&K | Yoga camp for Amarnath Yatra pilgrims organised at Jammu Base camp to help them in the yatra. The Yoga sessions are being organised by the Department of Ayush, J&K pic.twitter.com/qS3XXS5syw

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पारंपरिक पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में 3-4 दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन बेस कैंप लौट आते हैं. दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं.

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इस वर्ष की 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई को शुरू हुई और 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा उत्सव के साथ समाप्त होगी. तीर्थयात्रियों को ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए, अधिकारियों ने यात्रा के दोनों मार्गों पर स्थापित किए गए मुफ्त सामुदायिक रसोई, जिन्हें 'लंगर' कहा जाता है, में सभी जंक फूड पर प्रतिबंध लगा दिया है.

(आईएएनएस)

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