जम्मू/बालटाल : जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा क्षेत्र में बादल फटने के बाद तीर्थयात्रियों को दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन किये बिना ही लौटना पड़ा. पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना में कम से कम से 16 लोगों की मौत होने के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी. इधर, अमरनाथ यात्रा के तहत जम्मू शहर से शनिवार को कश्मीर स्थित दो आधार शिविरों के लिए करीब 6,000 श्रद्धालुओं का 11वां जत्था रवाना हुआ.
इस साल अमरनाथ यात्रा 43 दिनों तक चलेगी, जिसकी शुरुआत 30 जून को दो मार्गों से हुई थी. इनमें से एक मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है, जो दक्षिण कश्मीर के पहलगाम स्थित नूनवन से होकर गुजरता है. वहीं, दूसरा मार्ग अपेक्षाकृत छोटा और 14 किलोमीटर का है, जो खड़ी चढ़ाई वाला है और मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले के बलटाल से होकर गुजरता है. हालांकि, शुक्रवार शाम को पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना के चलते यात्रा स्थगित कर दी गई थी. बादल फटने के बाद पहाड़ी से नीचे आई मिट्टी और मलबे की चपेट में कई तंबू और सामुदायिक रसोई आ गई थी.
पटना से आए शुभम वर्मा ने बताया, "केवल एक व्यक्ति दर्शन कर सका. हम गुफा के बाहर एक टेंट में खड़े थे, इसलिए मैं दर्शन नहीं कर सका. जब पानी आया तब अफरातफरी फैल गई, भूस्खलन हुआ और हम बाहर आ गए." वर्मा और उनके साथ आए लोग जब टेंट से बाहर निकले तब वहां एक भूस्खलन आ चुका था. उन्होंने कहा, "दो मिनट पहले हम वहां से हटे थे जिसके बाद भूस्खलन आया, लेकिन हम बच गए. सामान का नुकसान होने का हमें दुख नहीं है."
प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यात्रा को बहाल करने का फैसला बचाव अभियान पूरा होने के बाद लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कड़ी सुरक्षा के बीच 279 वाहनों में सवार 6,048 श्रद्धालुओं का जत्था जम्मू शहर के भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुआ. तड़के साढ़े तीन बजे 115 वाहनों में सवार होकर 1,404 श्रद्धालु बलटाल के रास्ते भगवती नगर शिविर के लिए रवाना हुए, जबकि 164 वाहनों के जरिये 4,014 श्रद्धालु पहलगाम के लिए रवाना हुए. अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार तक करीब एक लाख श्रद्धालु पवित्र गुफा में शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं. यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन संपन्न हो जाएगी.
(पीटीआई-भाषा)