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किसान आंदोलन: ट्विटर पर भिड़े कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल

किसान आंदोनल को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच ट्विटर पर तीखी बहस हुई. दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप मढ़े. केजरीवाल ने अमरिंदर पर केंद्र से साठगांठ का आरोप लगाया तो अमरिंदर ने उन पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपनी आत्मा बेचने का आरोप लगाया.

केजरीवाल और अमरिंदर
केजरीवाल और अमरिंदर
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Published : Dec 15, 2020, 6:38 AM IST

Updated : Dec 15, 2020, 6:58 AM IST

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच ट्विटर पर बहस हो गई.

दरअसल, सिंह ने रविवार को चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल द्वारा किसानों के समर्थन में सोमवार को उपवास रखने की घोषणा को नाटक बताया था जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई.

सिंह की टिप्पणियों के जवाब में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बेटे को प्रवर्तन निदेशालय से बचाने की खातिर केंद्र के साथ सौदा कर लिया है.

कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल के बीच बहस
कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल के बीच बहस

सिंह के बयान संबंधी एक समाचार लेख साझा करते हुए केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया, 'कैप्टन जी, मैं शुरू से किसानों के साथ खड़ा हूं. दिल्ली के स्टेडियम जेल नहीं बनने दिए, केंद्र से लड़ा. मैं किसानों का सेवादार बनकर उनकी सेवा कर रहा हूं. आपने तो अपने बेटे के ईडी केस को माफ करवाने के लिए केंद्र से सेटिंग कर ली, किसानों का आंदोलन बेच दिया? क्यों?'

इस पर सिंह ने भी ट्वीट करके जवाब दिया, जिसमें लिखा कि उन्हें ईडी या अन्य मामलों से डराया नहीं जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपनी आत्मा बेचने का आरोप लगाया.

कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल के बीच बहस
कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल के बीच बहस

सिंह ने ट्वीट किया, 'जैसा कि हर पंजाबी जानता है, मुझे ईडी या अन्य मामलों के जरिए डराया नहीं जा सकता. श्रीमान अरविंद केजरीवाल आप तो अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपनी आत्मा तक बेच दें. अगर आपको लगता है कि किसान आपके नाटकों के फेर में आ जाएंगे तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं.'

अमरिंदर सिंह ने एक और ट्वीट किया, 'भारत के किसान, खासकर पंजाब के किसान यह जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 23 नवंबर को कठोर कृषि कानूनों में से एक को अधिसूचित करके किसानों के हितों को बेच डाला. केंद्र ने आप पर कौन सा दबाव डाला है?'

पढ़ें- 'किसान नहीं कर रहे राजनीति, आंदोलन को भटकाने की ताक में सरकार'

इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि सिंह उन तीन विधेयकों के मसौदों को तैयार करने वाली समिति का हिस्सा थे, जिन्हें अब कानून बना दिया गया है.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'आप उस समिति का हिस्सा थे, जिसने विधेयकों के मसौदे तैयार किए. ये विधेयक राष्ट्र को आपकी ओर से दिया गया उपहार हैं. कैप्टन साहब भाजपा नेताओं ने आप पर कभी भी दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप क्यों नहीं लगाया जैसा कि वह अन्य नेताओं पर लगाते हैं?'

इसके जवाब में सिंह ने कहा कि इन कृषि कानूनों पर किसी भी बैठक में चर्चा नहीं हुई.

उन्होंने ट्वीट किया, 'इन कृषि कानूनों पर किसी भी बैठक में चर्चा नहीं हुई और आपके बार-बार झूठ बोलने से यह बदलने वाला नहीं है. सीधी सी बात है कि आपकी तरह मेरी उनके साथ कोई साठगांठ नहीं है. उन्हें आपके साथ अपनी मिलीभगत को तो छिपाना ही पड़ेगा.'

केजरीवाल ने कहा कि यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि सिंह की समिति ने ही इन विधेयकों का मसौदा तैयार किया था.

उन्होंने ट्वीट किया, 'यह रिकॉर्ड का हिस्सा है कि आपकी समिति ने इन कानूनों का मसौदा तैयार किया था. आपके पास इन कानूनों को रोकने की शक्ति थी. इस देश के लोगों को बताइए कि ऐसे कानूनों पर केंद्र विचार करता है. आप ने केंद्र का साथ क्यों दिया?'

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच ट्विटर पर बहस हो गई.

दरअसल, सिंह ने रविवार को चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल द्वारा किसानों के समर्थन में सोमवार को उपवास रखने की घोषणा को नाटक बताया था जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई.

सिंह की टिप्पणियों के जवाब में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बेटे को प्रवर्तन निदेशालय से बचाने की खातिर केंद्र के साथ सौदा कर लिया है.

कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल के बीच बहस
कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल के बीच बहस

सिंह के बयान संबंधी एक समाचार लेख साझा करते हुए केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया, 'कैप्टन जी, मैं शुरू से किसानों के साथ खड़ा हूं. दिल्ली के स्टेडियम जेल नहीं बनने दिए, केंद्र से लड़ा. मैं किसानों का सेवादार बनकर उनकी सेवा कर रहा हूं. आपने तो अपने बेटे के ईडी केस को माफ करवाने के लिए केंद्र से सेटिंग कर ली, किसानों का आंदोलन बेच दिया? क्यों?'

इस पर सिंह ने भी ट्वीट करके जवाब दिया, जिसमें लिखा कि उन्हें ईडी या अन्य मामलों से डराया नहीं जा सकता. इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपनी आत्मा बेचने का आरोप लगाया.

कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल के बीच बहस
कैप्टन अमरिंदर और केजरीवाल के बीच बहस

सिंह ने ट्वीट किया, 'जैसा कि हर पंजाबी जानता है, मुझे ईडी या अन्य मामलों के जरिए डराया नहीं जा सकता. श्रीमान अरविंद केजरीवाल आप तो अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपनी आत्मा तक बेच दें. अगर आपको लगता है कि किसान आपके नाटकों के फेर में आ जाएंगे तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं.'

अमरिंदर सिंह ने एक और ट्वीट किया, 'भारत के किसान, खासकर पंजाब के किसान यह जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 23 नवंबर को कठोर कृषि कानूनों में से एक को अधिसूचित करके किसानों के हितों को बेच डाला. केंद्र ने आप पर कौन सा दबाव डाला है?'

पढ़ें- 'किसान नहीं कर रहे राजनीति, आंदोलन को भटकाने की ताक में सरकार'

इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि सिंह उन तीन विधेयकों के मसौदों को तैयार करने वाली समिति का हिस्सा थे, जिन्हें अब कानून बना दिया गया है.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'आप उस समिति का हिस्सा थे, जिसने विधेयकों के मसौदे तैयार किए. ये विधेयक राष्ट्र को आपकी ओर से दिया गया उपहार हैं. कैप्टन साहब भाजपा नेताओं ने आप पर कभी भी दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप क्यों नहीं लगाया जैसा कि वह अन्य नेताओं पर लगाते हैं?'

इसके जवाब में सिंह ने कहा कि इन कृषि कानूनों पर किसी भी बैठक में चर्चा नहीं हुई.

उन्होंने ट्वीट किया, 'इन कृषि कानूनों पर किसी भी बैठक में चर्चा नहीं हुई और आपके बार-बार झूठ बोलने से यह बदलने वाला नहीं है. सीधी सी बात है कि आपकी तरह मेरी उनके साथ कोई साठगांठ नहीं है. उन्हें आपके साथ अपनी मिलीभगत को तो छिपाना ही पड़ेगा.'

केजरीवाल ने कहा कि यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि सिंह की समिति ने ही इन विधेयकों का मसौदा तैयार किया था.

उन्होंने ट्वीट किया, 'यह रिकॉर्ड का हिस्सा है कि आपकी समिति ने इन कानूनों का मसौदा तैयार किया था. आपके पास इन कानूनों को रोकने की शक्ति थी. इस देश के लोगों को बताइए कि ऐसे कानूनों पर केंद्र विचार करता है. आप ने केंद्र का साथ क्यों दिया?'

Last Updated : Dec 15, 2020, 6:58 AM IST
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