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क्वाड के साथ-साथ अन्य वैश्विक शक्तियां भी करेंगी चीन का मुकाबला : पूर्व राजनायिक

ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी के साथ बातचीत में भारत के पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश का कहना है कि क्वाड समूह के सिर्फ चार लोकतांत्रिक देश ही नहीं, बल्कि अन्य वैश्विक शक्तियां भी चीन के विस्तारवादी कदमों का मुकाबला करने के लिए एक साथ आएंगी.

विष्णु प्रकाश
विष्णु प्रकाश
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Published : Mar 13, 2021, 12:57 PM IST

नई दिल्ली : चार देशों के क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन में गठबंधन के नेताओं ने शुक्रवार को निर्णय किया कि बृहद टीका पहल के तहत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिये भारत कोरोना वायरस रोधी टीके का उत्पादन अमेरिका और जापान के वित्तीय सहयोग से करेगा और आस्ट्रेलिया इसमें प्रचालन संबंधी सहयोग प्रदान करेगा.

क्वाड नेताओं ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति पर भी चर्चा की और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिये मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन में कहा कि गठबंधन विकसित हो चुका है और टीका, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के इसके एजेंडे में शामिल होने से यह वैश्विक भलाई की ताकत बनेगा.

उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा आज का सम्मेलन दिखाता है कि क्वाड विकसित हो चुका है और यह अब क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा. डिजिटल शिखर बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए क्वाड महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है. एक खुला एवं मुक्त हिन्द-प्रशांत क्षेत्र हमारे भविष्य के लिये अहम है.

उन्होंने कहा हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून से संचालित है, हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी दबाव से मुक्त हैं लेकिन मैं हमारी संभावना के बारे में आशावादी हूं.

ये भी पढ़ें : कोरोना का बढ़ता कहर, औरंगाबाद में सप्ताह के अंत में रहेगा लॉकडाउन

पहली बहुप्रतीक्षित क्वाड लीडर्स लेवल की वर्चुअल मीटिंग के बीच भारत के पूर्व दूत विष्णु प्रकाश ने कहा कि यह समय है कि चार लोकतांत्रिक देशों, जिनके पास एक साथ काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड है जैसा कि 2004 में स्थापित किया गया था, और अब संयुक्त अभ्यास करना भी शुरू कर दिया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में कानून का शासन या शक्ति प्राप्त करने का नियम, समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना, मुक्त-समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना और शांति को मजबूत करना और संकट का प्रबंधन करना है.

उन्होंने कहा कि कोविड -19 टीकों को उपलब्ध कराने के लिए क्वाड देशों से हाथ मिलाने का निर्णय कुछ ऐसा है जो कि रचनात्मक भूमिका को दर्शाता है, जिसे क्वाड निभा सकता है.

यह पूछे जाने पर कि क्या क्वाड चीन के अतिक्रमण की जांच कर सकता है

प्रकाश ने कहा चीन में एक निःशुल्क दौड़ है. चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में अलौकिक महत्वकांक्षाओं को हवा दी गई है, वे अब जापान के सागर को धमकी दे रहे हैं. चीनी भूटान के इलाके को भी खोद रहे हैं, इसलिए इसे चार देशों द्वारा जांचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह चीन के लिए मुफ्त दौड़ नहीं होगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या क्वाड समूह के विस्तार की कोई संभावना है?

पूर्व दूत प्रकाश बताते हैं कि न केवल चार देश बल्कि अन्य भी शामिल होंगे. उदाहरण के लिए, फ्रांस जैसे देशों में शामिल होने में खुशी होगी और साथ में चीन को यह संकेत देना बहुत संभव है कि अगर वह इस तरीके से काम करता है जो अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और समझौतों का उल्लंघन करता है, तो इसके भुगतान करने के लिए तैयार हो जाए.

शिखर बैठक के बारे में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं को बताया कि यह निर्णय किया गया कि भारत की निर्माण क्षमता का अमेरिकी टीके के निर्माण के लिये उपयोग किया जाए. उन्होंने कहा क्वाड टीका पहल सबसे अधिक जरूरी और मूल्यवान है.

श्रृंगला ने कहा कि हम साल 2022 के अंत तक एक अरब खुराक उत्पादन करने के बारे में चर्चा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि क्वाड राष्ट्रों ने अपने वित्तीय संसाधनों, विनिर्माण क्षमताओं और साजो-सामान (लाजिस्टिकल) क्षमता को साझा करने की योजना पर सहमति व्यक्त की.

श्रृंगला ने बताया कि अतिरिक्त क्षमता के निर्माण के लिये वित्त पोषण अमेरिका और जापान से आयेगा जबकि ऑस्ट्रेलिया साजो सामान एवं आपूर्ति को लेकर योगदान करेगा. ऑस्ट्रेलिया उन देशों को वित्तीय मदद करेगा जिन्हें टीके प्राप्त होंगे. उन्होंने कहा कि क्वाड टीका पहल का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 टीकों के विनिर्माण, वितरण में तेजी लाना है.

ये भी पढ़ें : भारत में एक अरब वैक्सीन के उत्पादन में मदद करेगा अमेरिका

विदेश सचिव ने कहा कि भारत क्वाड टीका पहलों का स्वागत करता है क्योंकि यह हमारी अपनी विनिर्माण क्षमताओं को मान्यता देता है. इससे पहले, चार देशों के क्वाड समूह के डिजिटल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में चर्चा की. मोदी ने कहा हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे एजेंडे में टीका, जलवायु परिवर्तन और उभरती हुई प्रौद्योगिकी जैसे सेक्टर शामिल हैं, जो 'क्वाड' को वैश्विक भलाई की ताकत बनाते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडन के साथ 4 देशों समूह के नेताओं के पहले ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा मैं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को भारत के वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन के विस्तार के तौर पर देखता हूं, जो कि पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने और सुरक्षित, स्थिर, समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हम पहले से कहीं अधिक मिलकर करीबी तालमेल से काम करेंगे. उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा आज का सम्मेलन दिखाता है कि क्वाड विकसित हो चुका है और यह अब क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा.

वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया कि क्वाड दुनिया की भलाई के लिए एक गठजोड़ है. आज के शिखर बैठक में क्वाड के नेताओं का सकारात्मक एजेंडा और दृष्टिकोण देखा गया है. उन्होंने कहा कि इसमें टीका, जलवायु परिवर्तन और उभरती तकनीक जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.

शिखर बैठक को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने जा रहा है और मैं आने वाले वर्षों में आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं. बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, आपको देख कर बहुत अच्छा लगा.

नई दिल्ली : चार देशों के क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन में गठबंधन के नेताओं ने शुक्रवार को निर्णय किया कि बृहद टीका पहल के तहत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिये भारत कोरोना वायरस रोधी टीके का उत्पादन अमेरिका और जापान के वित्तीय सहयोग से करेगा और आस्ट्रेलिया इसमें प्रचालन संबंधी सहयोग प्रदान करेगा.

क्वाड नेताओं ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति पर भी चर्चा की और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिये मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वाड समूह के पहले शिखर सम्मेलन में कहा कि गठबंधन विकसित हो चुका है और टीका, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के इसके एजेंडे में शामिल होने से यह वैश्विक भलाई की ताकत बनेगा.

उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा आज का सम्मेलन दिखाता है कि क्वाड विकसित हो चुका है और यह अब क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा. डिजिटल शिखर बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए क्वाड महत्वपूर्ण मंच बनने जा रहा है. एक खुला एवं मुक्त हिन्द-प्रशांत क्षेत्र हमारे भविष्य के लिये अहम है.

उन्होंने कहा हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून से संचालित है, हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी दबाव से मुक्त हैं लेकिन मैं हमारी संभावना के बारे में आशावादी हूं.

ये भी पढ़ें : कोरोना का बढ़ता कहर, औरंगाबाद में सप्ताह के अंत में रहेगा लॉकडाउन

पहली बहुप्रतीक्षित क्वाड लीडर्स लेवल की वर्चुअल मीटिंग के बीच भारत के पूर्व दूत विष्णु प्रकाश ने कहा कि यह समय है कि चार लोकतांत्रिक देशों, जिनके पास एक साथ काम करने का ट्रैक रिकॉर्ड है जैसा कि 2004 में स्थापित किया गया था, और अब संयुक्त अभ्यास करना भी शुरू कर दिया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में कानून का शासन या शक्ति प्राप्त करने का नियम, समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना, मुक्त-समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करना और शांति को मजबूत करना और संकट का प्रबंधन करना है.

उन्होंने कहा कि कोविड -19 टीकों को उपलब्ध कराने के लिए क्वाड देशों से हाथ मिलाने का निर्णय कुछ ऐसा है जो कि रचनात्मक भूमिका को दर्शाता है, जिसे क्वाड निभा सकता है.

यह पूछे जाने पर कि क्या क्वाड चीन के अतिक्रमण की जांच कर सकता है

प्रकाश ने कहा चीन में एक निःशुल्क दौड़ है. चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में अलौकिक महत्वकांक्षाओं को हवा दी गई है, वे अब जापान के सागर को धमकी दे रहे हैं. चीनी भूटान के इलाके को भी खोद रहे हैं, इसलिए इसे चार देशों द्वारा जांचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि यह चीन के लिए मुफ्त दौड़ नहीं होगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या क्वाड समूह के विस्तार की कोई संभावना है?

पूर्व दूत प्रकाश बताते हैं कि न केवल चार देश बल्कि अन्य भी शामिल होंगे. उदाहरण के लिए, फ्रांस जैसे देशों में शामिल होने में खुशी होगी और साथ में चीन को यह संकेत देना बहुत संभव है कि अगर वह इस तरीके से काम करता है जो अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और समझौतों का उल्लंघन करता है, तो इसके भुगतान करने के लिए तैयार हो जाए.

शिखर बैठक के बारे में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं को बताया कि यह निर्णय किया गया कि भारत की निर्माण क्षमता का अमेरिकी टीके के निर्माण के लिये उपयोग किया जाए. उन्होंने कहा क्वाड टीका पहल सबसे अधिक जरूरी और मूल्यवान है.

श्रृंगला ने कहा कि हम साल 2022 के अंत तक एक अरब खुराक उत्पादन करने के बारे में चर्चा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि क्वाड राष्ट्रों ने अपने वित्तीय संसाधनों, विनिर्माण क्षमताओं और साजो-सामान (लाजिस्टिकल) क्षमता को साझा करने की योजना पर सहमति व्यक्त की.

श्रृंगला ने बताया कि अतिरिक्त क्षमता के निर्माण के लिये वित्त पोषण अमेरिका और जापान से आयेगा जबकि ऑस्ट्रेलिया साजो सामान एवं आपूर्ति को लेकर योगदान करेगा. ऑस्ट्रेलिया उन देशों को वित्तीय मदद करेगा जिन्हें टीके प्राप्त होंगे. उन्होंने कहा कि क्वाड टीका पहल का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 टीकों के विनिर्माण, वितरण में तेजी लाना है.

ये भी पढ़ें : भारत में एक अरब वैक्सीन के उत्पादन में मदद करेगा अमेरिका

विदेश सचिव ने कहा कि भारत क्वाड टीका पहलों का स्वागत करता है क्योंकि यह हमारी अपनी विनिर्माण क्षमताओं को मान्यता देता है. इससे पहले, चार देशों के क्वाड समूह के डिजिटल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में चर्चा की. मोदी ने कहा हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी प्रतिबद्धता के लिए एकजुट हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे एजेंडे में टीका, जलवायु परिवर्तन और उभरती हुई प्रौद्योगिकी जैसे सेक्टर शामिल हैं, जो 'क्वाड' को वैश्विक भलाई की ताकत बनाते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडन के साथ 4 देशों समूह के नेताओं के पहले ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा मैं इस सकारात्मक दृष्टिकोण को भारत के वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन के विस्तार के तौर पर देखता हूं, जो कि पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने और सुरक्षित, स्थिर, समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए हम पहले से कहीं अधिक मिलकर करीबी तालमेल से काम करेंगे. उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा आज का सम्मेलन दिखाता है कि क्वाड विकसित हो चुका है और यह अब क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा.

वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दिया कि क्वाड दुनिया की भलाई के लिए एक गठजोड़ है. आज के शिखर बैठक में क्वाड के नेताओं का सकारात्मक एजेंडा और दृष्टिकोण देखा गया है. उन्होंने कहा कि इसमें टीका, जलवायु परिवर्तन और उभरती तकनीक जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.

शिखर बैठक को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, क्वाड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने जा रहा है और मैं आने वाले वर्षों में आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं. बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, आपको देख कर बहुत अच्छा लगा.

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