बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बुधवार को करीब 72 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. जहां सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी कांग्रेस और 'किंगमेकर' बनने की उम्मीद कर रही जद(एस) के बीच जबरदस्त मुकाबला देखा गया है. राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतगणना 13 मई को होगी. निर्वाचन आयोग ने कहा कि रात 10 बजे तक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 71.81 फीसदी मतदान हुआ. राज्य में सबसे कम 56.98% प्रतिशत मतदान बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) दक्षिण सीमा (बेंगलुरु शहर के कुछ हिस्सों) में दर्ज किया गया.
कर्नाटक ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 72.36 प्रतिशत मतदान दर्ज किया था. उस चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा बनी थी, जिसमें भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन बहुमत के आंकड़े से थोड़ी दूर रह गई थी. आयोग ने कहा कि जिलों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार कुछ क्षेत्रों से हिंसा की सूचना मिली है. एक गांव में ऐसी ही एक घटना सामने आई, जहां गांववालों ने कथित तौर पर चुनाव अधिकारी से दुर्व्यवहार किया.
राज्य भर के 58,545 मतदान केंद्रों पर कुल 5.31 करोड़ मतदाता वोट डालने के योग्य थे. चुनाव में 2,615 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई है. एक ओर, भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भरोसे कर्नाटक में 38 साल से चली आ रही परंपरा तोड़ना चाह रही है, जहां किसी एक पार्टी को लगातार दो चुनाव में जीत नहीं मिली है. दूसरी ओर, कांग्रेस मनोबल बढ़ाने वाली जीत की उम्मीद कर रही है ताकि 2024 के लोकसभा चुनावों में खुद को मुख्य विपक्षी दल के रूप में स्थापित कर सके. पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के नेतृत्व में जनता दल (सेक्युलर) को चुनाव प्रचार में अपनी पूरी शक्ति झोंकते देखा गया.
बताया गया कि बड़ी संख्या में युवा मतदाताओं ने पहली बार मतदान किया. चिलचिलाती धूप के बावजूद कई युवा मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचे. इस बार राज्य में कुल 11,71,558 युवा मतदाता थे. वरिष्ठ नागरिकों ने भी उत्साहपूर्ण मतदान किया. प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 13 मई को होगा.