नई दिल्ली : आयकर रिटर्न (आईटीआर) में की गई गलतियों को दुरुस्त करने के लिए करदाताओं को दी गई दो साल की मोहलत कोई माफी योजना नहीं है और पहले खुलासा नहीं की गई आय पर उन्हें 25 प्रतिशत कर चुकाना होगा. ये बात राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बुधवार को कही.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए आईटीआर में आय ब्योरे से जुड़े संशोधन के लिए दो साल का वक्त देने की घोषणा की थी.
बजाज ने एक साक्षात्कार में कहा कि करदाताओं के पास आईटीआर में किसी आय का ब्योरा न देने की कुछ वाजिब वजहें हो सकती हैं और दो साल की यह मोहलत उन्हें अपने रिटर्न में सुधार का एक मौका देती है.
उन्होंने कहा कि करदाताओं को रिटर्न में संशोधन का यह मौका स्थायी रूप से दिया जाएगा. करदाता आईटीआर दाखिल करने के दो साल के भीतर उसमें संशोधन कर उस आय का ब्योरा दे सकते हैं जिसका खुलासा रिटर्न दाखिल करते समय नहीं किया गया था.
हालांकि, संशोधित आईटीआर में घोषित अतिरिक्त आय पर करदाताओं को कर एवं ब्याज का भी भुगतान करना होगा. बजाज ने कहा कि 12 महीने के भीतर आईटीआर संशोधित करने पर करदाता को 25 प्रतिशत देय कर एवं ब्याज देना होगा. लेकिन 12 महीने के बाद और 24 महीने के पहले संशोधन करने पर कर की दर 50 फीसदी तक बढ़ जाएगी.
'रिटर्न दाखिल करने का मौका मिलेगा'
बजाज ने कहा कि आज के दौर में छोटे करदाता बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन कर रहे हैं, लिहाजा आईटीआर में कुछ आय का ब्योरा छूट जाने की गुंजाइश बनी रहती है. इसके अलावा विदेश गए लोगों के भी आईटीआर जमा न कर पाने की आशंका होती है, लिहाजा उन्हें भी रिटर्न दाखिल करने का मौका मिलेगा.
क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय का ब्योरा जोड़ने के लिए कॉलम
इसके साथ ही राजस्व सचिव ने कहा कि अगले साल के आईटीआर में क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय का ब्योरा देने के लिए अलग से एक कॉलम भी जोड़ा जाएगा. बजट में की गई घोषणा के अनुरूप एक अप्रैल, 2022 से क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर का भुगतान करना होगा.
बजाज ने कहा, 'वित्त विधेयक में यह प्रावधान डिजिटल परिसंपत्तियों पर कराधान से संबंधित है. क्रिप्टोकरेंसी पर कर लगाने से जुड़ी स्पष्टता के लिए यह प्रावधान लाया गया है. हालांकि, इससे क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर कोई राय नहीं जाहिर की गई है. इस बारे में संसद में विधेयक के बाद ही स्थिति साफ होगी.'
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उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली 50 लाख रुपये से अधिक आय पर 30 प्रतिशत कर के अलावा 15 फीसदी की दर से उपकर एवं अधिभार भी चुकाना होगा. इसके लिए अगले साल के आईटीआर में एक अलग कॉलम भी रखा जाएगा जिसमें करदाता को क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय का ब्योरा देना होगा.
(पीटीआई-भाषा)