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अवैध राशन कार्ड के साथ पकड़ा गया कथित रोहिंग्या, जयपुर में खरीदे दो प्लॉट, जांच के आदेश

कथित रोहिंग्या अब्दुल रहीम ने अप्रैल 2021 में जयपुर के कानोता में दो प्लॉट खरीदे थे, तब जाकर पुलिस को उसके बारे में जानकारी हासिल हुई. जिस पर पुलिस मुख्यालय की राज्य विशेष शाखा ने जयपुर पुलिस को कथित रोहिंग्या के आगरा रोड पर आवासीय भूखंड खरीदने की सूचना दी और पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

Rohingya man illegally staying in jaipur
अवैध राशन कार्ड के साथ पकड़ा गया रोहिंग्या
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Published : Apr 23, 2022, 3:14 PM IST

जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर के कानोता थाना इलाके में पिछले 20 सालों से अवैध रूप से एक कथित रोहिंग्या के निवास करने और अवैध तरीके से राशन कार्ड बनवा कर उसके आधार पर अन्य दस्तावेज बनवाने का मामला सामने आया है. कथित रोहिंग्या का नाम अब्दुल रहीम है. वह पिछले 20 वर्षों से बगराना कच्ची बस्ती में निवास कर रहा है. अब्दुल रहीम ने अप्रैल 2021 में कानोता में दो प्लॉट खरीदे, तब जाकर पुलिस को उसके बारे में जानकारी हासिल हुई. जिस पर पुलिस मुख्यालय की राज्य विशेष शाखा ने जयपुर पुलिस को रहीम के बगराना कच्ची बस्ती के पास लक्ष्मी वाटिका आगरा रोड पर आवासीय भूखंड खरीदने की सूचना दी और पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. कथित रोहिंग्या कबाड़ी का काम करता है.

पुलिस को हाथ लगी निराशा!: राज्य विशेष शाखा से मिली सूचना के आधार पर अक्टूबर 2021 में इस पूरे प्रकरण की जांच एसीपी बस्सी द्वारा शुरू की गई. जिस पर 55 वर्षीय अब्दुल रहीम को बुलाकर उससे पूछताछ की गई और उसके दस्तावेज राशन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, व वोटर आईडी आदि प्राप्त कर उनकी सत्यता की जांच करना शुरू किया गया. पुलिस ने वोटर आईडी की सत्यता की जांच के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी जयपुर, आधार कार्ड की सत्यता की जांच के लिए प्रोग्रामर पंचायत समिति झोटवाड़ा, राशन कार्ड की सत्यता की जांच के लिए पंचायत समिति विकास अधिकारी झोटवाड़ा और ड्राइविंग लाइसेंस की सत्यता की जांच के लिए जिला परिवहन अधिकारी जगतपुरा को पत्र लिखकर जानकारी मांगी.

वोटर आईडी को लेकर मांगी गई जानकारी पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने वर्तमान में अब्दुल रहीम का नाम मतदाता सूची में नहीं होने की जानकारी दी और वर्ष 2019 में अब्दुल रहीम का नाम मतदाता सूची में होने की जानकारी दी. मतदाता सूची संबंधित आवेदन पत्र का रिकॉर्ड तीन वर्ष तक का ही रखा जाता है, ऐसे में कथित रोहिंग्या अब्दुल रहीम ने किन दस्तावेजों के आधार पर वोटर कार्ड बनवाया इसकी जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी नहीं दे सके.

यह भी पढ़ें- अलवर में कथित बांग्लादेशी को ग्रामीणों ने पेड़ से बांधकर पीटा

इसी प्रकार से अब्दुल रहीम ने ड्राइविंग लाइसेंस किन दस्तावेजों के आधार पर बनवाया इसकी जानकारी भी जिला परिवहन अधिकारी नहीं दे सके. वहीं ग्राम विकास अधिकारी ने रहीम के राशन कार्ड के संबंध में पुराने राशन कार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि और राशन कार्ड आवेदन पत्र पुलिस को सौंपा है, जिसकी जांच की जा रही है. वर्ष 2012 से पहले अब्दुल रहीम ने जिला रसद अधिकारी कार्यालय से राशन कार्ड कैसे बनवाया इसके दस्तावेज वर्तमान में उपलब्ध नहीं हैं.

राशन कार्ड के आधार पर बनवाए अन्य दस्तावेज: पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि राशन कार्ड बनवाने के बाद अब्दुल रहीम ने उसके आधार पर आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य दस्तावेज बनवाए हैं, जिनकी सत्यता के बारे में फिलहाल जांच जारी है. तमाम दस्तावेज बनाने के बाद ही रहीम ने लक्ष्मी वाटिका मकराना में दो प्लॉट खरीदे हैं, जिनका उपपंजीयन कार्यालय और मुद्रा विभाग में पंजीकरण करवाया गया है. अब्दुल रहीम से हुई पूछताछ में ये तथ्य सामने आए हैं कि उसके पिता नगालैंड के आसपास से जयपुर में आकर बसे थे और तब से ही वह जयपुर में निवास कर रहा है. फिलहाल प्रकरण में पुलिस की जांच जारी है और राज्य विशेष शाखा से प्राप्त सूचना व गाइडेंस के आधार पर हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है.

जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर के कानोता थाना इलाके में पिछले 20 सालों से अवैध रूप से एक कथित रोहिंग्या के निवास करने और अवैध तरीके से राशन कार्ड बनवा कर उसके आधार पर अन्य दस्तावेज बनवाने का मामला सामने आया है. कथित रोहिंग्या का नाम अब्दुल रहीम है. वह पिछले 20 वर्षों से बगराना कच्ची बस्ती में निवास कर रहा है. अब्दुल रहीम ने अप्रैल 2021 में कानोता में दो प्लॉट खरीदे, तब जाकर पुलिस को उसके बारे में जानकारी हासिल हुई. जिस पर पुलिस मुख्यालय की राज्य विशेष शाखा ने जयपुर पुलिस को रहीम के बगराना कच्ची बस्ती के पास लक्ष्मी वाटिका आगरा रोड पर आवासीय भूखंड खरीदने की सूचना दी और पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए. कथित रोहिंग्या कबाड़ी का काम करता है.

पुलिस को हाथ लगी निराशा!: राज्य विशेष शाखा से मिली सूचना के आधार पर अक्टूबर 2021 में इस पूरे प्रकरण की जांच एसीपी बस्सी द्वारा शुरू की गई. जिस पर 55 वर्षीय अब्दुल रहीम को बुलाकर उससे पूछताछ की गई और उसके दस्तावेज राशन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, व वोटर आईडी आदि प्राप्त कर उनकी सत्यता की जांच करना शुरू किया गया. पुलिस ने वोटर आईडी की सत्यता की जांच के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी जयपुर, आधार कार्ड की सत्यता की जांच के लिए प्रोग्रामर पंचायत समिति झोटवाड़ा, राशन कार्ड की सत्यता की जांच के लिए पंचायत समिति विकास अधिकारी झोटवाड़ा और ड्राइविंग लाइसेंस की सत्यता की जांच के लिए जिला परिवहन अधिकारी जगतपुरा को पत्र लिखकर जानकारी मांगी.

वोटर आईडी को लेकर मांगी गई जानकारी पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने वर्तमान में अब्दुल रहीम का नाम मतदाता सूची में नहीं होने की जानकारी दी और वर्ष 2019 में अब्दुल रहीम का नाम मतदाता सूची में होने की जानकारी दी. मतदाता सूची संबंधित आवेदन पत्र का रिकॉर्ड तीन वर्ष तक का ही रखा जाता है, ऐसे में कथित रोहिंग्या अब्दुल रहीम ने किन दस्तावेजों के आधार पर वोटर कार्ड बनवाया इसकी जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी नहीं दे सके.

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इसी प्रकार से अब्दुल रहीम ने ड्राइविंग लाइसेंस किन दस्तावेजों के आधार पर बनवाया इसकी जानकारी भी जिला परिवहन अधिकारी नहीं दे सके. वहीं ग्राम विकास अधिकारी ने रहीम के राशन कार्ड के संबंध में पुराने राशन कार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि और राशन कार्ड आवेदन पत्र पुलिस को सौंपा है, जिसकी जांच की जा रही है. वर्ष 2012 से पहले अब्दुल रहीम ने जिला रसद अधिकारी कार्यालय से राशन कार्ड कैसे बनवाया इसके दस्तावेज वर्तमान में उपलब्ध नहीं हैं.

राशन कार्ड के आधार पर बनवाए अन्य दस्तावेज: पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि राशन कार्ड बनवाने के बाद अब्दुल रहीम ने उसके आधार पर आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य दस्तावेज बनवाए हैं, जिनकी सत्यता के बारे में फिलहाल जांच जारी है. तमाम दस्तावेज बनाने के बाद ही रहीम ने लक्ष्मी वाटिका मकराना में दो प्लॉट खरीदे हैं, जिनका उपपंजीयन कार्यालय और मुद्रा विभाग में पंजीकरण करवाया गया है. अब्दुल रहीम से हुई पूछताछ में ये तथ्य सामने आए हैं कि उसके पिता नगालैंड के आसपास से जयपुर में आकर बसे थे और तब से ही वह जयपुर में निवास कर रहा है. फिलहाल प्रकरण में पुलिस की जांच जारी है और राज्य विशेष शाखा से प्राप्त सूचना व गाइडेंस के आधार पर हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है.

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