नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को कहा कि भारत ने अमेरिका में सिख चरमपंथी की हत्या साजिश के मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं पर गौर करने के लिए 18 नवंबर को एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है. पन्नू एक सिख चरमपंथी है जिसके पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है. भारतीय जांच एजेंसियों को आतंकवाद के विभिन्न आरोपों में उसकी तलाश है. बागची ने कहा, "हम पहले ही कह चुके हैं कि द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ जानकारी साझा की थी. वह इस मामले पर मीडिया के एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने कहा, "हमने यह भी संकेत दिया था कि भारत ऐसी सूचनाओं को गंभीरता से लेता है क्योंकि वे हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी प्रभाव डालती हैं और संबंधित विभाग पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं." विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "इस संदर्भ में यह सूचित किया जाता है कि 18 नवंबर को भारत सरकार ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है." बागची ने कहा कि भारत समिति के निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करेगा.
'फाइनेंशियल टाइम्स' की खबर के कुछ सप्ताह पहले, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जून में वैंकूवर उपनगर में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोप लगाए थे. ट्रूडो के आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था. हालांकि इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया. खबर के बाद, बागची ने 22 नवंबर को कहा था कि अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ सूचना साझा की है. उन्होंने कहा कि सूचना दोनों देशों के लिए चिंता का कारण है और उन्होंने आवश्यक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.
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