अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है. इस मामले में सिविल लाइन क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी श्वेताभ पांडे ने बताया कि सोशल मीडिया में जो खबरें चल रही है वह उचित नहीं है. डॉ कफील के मामले में प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है. हाई कोर्ट से जो आदेश आया है. उसके अनुसार स्वीकृति सहित कोर्ट में पुनः संज्ञान कराया जाएगा.
हालांकि एएमयू में छात्रों के बीच भड़काऊ बयान देने के आरोप में फंसे डॉ कफील को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है, लेकिन पुलिस को मई में ही डॉक्टर कफील के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है. इस बात की पुष्टि क्षेत्राधिकारी श्वेताभ पांडे ने की. हालांकि डॉ. कफील के न्यायालय में हाजिर न होने के कारण मुकदमे में चार्ज फ्रेम नहीं हुआ है और न ही मुकदमें का ट्रायल शुरू हो सका है.
डॉ कफील 12 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रों के बीच आए थे और उसके बाद सीएए-एनआरसी का आंदोलन उग्र हो गया था. पुलिस का मानना है कि उनके भाषण से ही माहौल बिगड़ गया. इस मामले में थाना सिविल लाइन में उनके भड़काऊ भाषण को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया और 30 जनवरी को यूपी एसटीएफ ने डॉक्टर कफील को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था.
बता दें, डॉ कफील पर 153(a), 153(b), 109, 505(2) आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं, अलीगढ़ प्रशासन ने डॉ. कफील पर रासुका लगा दिया. जिसमें डॉ. कफील के बयान के आधार पर उपद्रव की वजह बताई गई. हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने रासुका को रद्द कर दिया जिसके बाद डॉक्टर कफील जेल से रिहा हुए थे.
इस मामले में डॉ. कफील ने रिहा होने के बाद थाना सिविल लाइन में दर्ज मुकदमें और चार्जशीट को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें अनुरोध किया था कि बिना अभियोजन स्वीकृति के यह मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार कर लिया है. वहीं जिला पुलिस का कहना है कि मई माह में ही अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है. बताया जा रहा है कि पुलिस की तकनीकी प्रक्रिया की खामियों का लाभ डॉक्टर कफील को मिला है.
पढ़ें : यूपी : डॉ. कफील खान की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज
वहीं, अब सिविल लाइन क्षेत्राधिकारी श्वेताभ पांडे ने बताया कि सोशल मीडिया पर खबर है कि डॉ कफील के खिलाफ 2019 में दर्ज मामला हाई कोर्ट द्वारा क्रैश (रद्द) कर दिया गया है. डॉक्टर श्वेताभ पांडे बताते हैं कि डॉ कफील मामले में कोई भी मुकदमा क्रैश (रद्द) नहीं किया गया है. बल्कि यह आदेशित किया गया है कि जो भी माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट में प्रक्रिया चल रही है. उसमें अभियोजन स्वीकृति लेकर उस प्रक्रिया को संज्ञान में लेकर आगे बढ़ाया जाए. इस संबंध में अभियोजन स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है. अब उसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष वैधानिक कार्यवाही और न्यायिक प्रक्रिया के लिए पुनः प्रस्तुत किया जाएगा.