नई दिल्ली : ऑल इंडिया शिया काउंसिल ने गुरुवार को दिल्ली में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी पर देश की गंगा -जमुनी तहजीब को तोड़ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह मुसलमान नहीं है और इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है.
ऑल इंडिया शिया काउंसिल द्वारा शिया जामा मस्जिद में बुलाई गई बैठक में कई इस्लामिक विद्वान और धर्मगुरु इकट्ठा हुए, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर वसीम रिजवी को देश की एकता और अखंडता का दुश्मन बताते हुए देश के सांप्रदायिक सौहार्द के लिए बड़ा खतरा बताया.
शिया मुसलमानों और धर्मगुरुओं ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाते हुए कहा कि वसीम रिजवी कुरान जैसी पवित्र किताब का अपमान कर इस्लाम के दायरे से बाहर हो चुके हैं और अब उन्हें मुसलमान ना माना जाए और ना ही उनके किसी काम को मुसलमान का काम माना जाए.
वसीम रिजवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका के विरोध-प्रदर्शन में बोलते हुए मौलाना मकसूद कासमी ने कहा, 'हम जानते हैं कि वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में जो कुरान की 26 आयतों को हटाने की याचिका दायर की है उसे खारिज कर दिया जाएगा और इसके साथ ही उस पर जुर्माना भी लगेगा. उन्होंने कहा कि किसी भी धार्मिक किताब या वेदों-पुराणों में कभी कोई बदलाव नहीं किया जा सकता.'
वहीं मौलाना मोहम्मद मोहसिन नकवी ने कहा कि शिया साहित्य में किसी भी शिया विद्वान द्वारा पवित्र कुरान के लिए जो बातें कही गईं हैं. उसमें ना ही किसी शब्द के कम होने की बात कही गई है और ना ही किसी शब्द के साथ ज्यादती की बात कही गई है.
पढ़ें - धमकी को आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं माना जा सकता है : एमपी हाई कोर्ट
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि वसीम रिजवी को देश के सांप्रदायिक सौहार्द के लिए बड़ा खतरा हैं और मुल्क की गंगा-जमुनी तहजीब को तोड़ने की कोशिश में लगे हैं. शिया धर्मगुरुओं ने वसीम रिजवी पर धार्मिक किताब की बेइज्जती करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने देश के करोड़ों मुसलमानों की भावनाओं को आहत पहुंचाई है और इस जुर्म में उस पर मुकदमा चलाए जाए और उसे तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए.