हैदराबाद : श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है. सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है और आगामी महीने के अंतिम कार्य दिवस पर जारी किया जाता है.
प्रमुख बिंदु
जनवरी, 2021 का अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (2016=100) 118.8 अंक से 0.6 अंक घटकर 118.2 (एक सौ अठारह दशमलव दो) अंकों के स्तर पर संकलित हुआ.
सूचकांक में दर्ज कमी में अधिकतम योगदान खाद्य एवं पेय समूह का रहा जो प्रतिशत में पिछले माह की तुलना में 0.51 प्रतिशत कम रहा जिनका हिस्सा 39.17 प्रतिशत था जिसमें इन दो महीनों में 1.92 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. जिन खाद्यों के मूल्य में गिरावट आई उनमें चावल, गेहूं आटा, अरहर दाल, पॉल्ट्री चिकन, मुर्गी का अंडा, केला, बैंगन, पत्तागोभी, गाजर, फूलगोभी, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक, प्याज, मटर, आलू, टमाटर, कर्मचारी राज्य बीमा का योगदान इत्यादि सहायक रहे.
महीने के लिए वर्ष दर वर्ष मुद्रास्फीति 3.15 प्रतिशत रही जबकि पिछले महीने यह 3.67 प्रतिशत थी और पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 7.49 प्रतिशत थी. इसी प्रकार खाद्य मुद्रास्फीति 2.38 प्रतिशत रही जबकि पिछले महीने यह 2.89 प्रतिशत थी और एक वर्ष पूर्व इसी अवधि के दौरान 10.61 प्रतिशत थी.
जनवरी 2021 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू में 0.6 अंकों की गिरावट आई और यह 118.2 (एक सौ अठ्ठारह और अंक दो) रहा. एक महीने के प्रतिशत बदलाव में इसमें पिछले महीने की तुलना में 0.51 की गिरावट आई जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में कोई बदलाव नहीं था.
वर्तमान सूचकांक में अधिकतम गिरावट खाद्य और पेय पदार्थ समूह में देखने को मिली जिसने कुल बदलाव में 0.90 प्रतिशत अंकों का योगदान दिया. मद स्तर पर चावल, गेहूं का आटा, अरहर दाल, मुर्गा , मुर्गी के अंडे, केला, बैंगन, गोभी, गाजर, फूलगोभी, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक, प्याज, मटर, आलू, टमाटर, कर्मचारी राज्य बीमा का योगदान आदि सूचकांक में गिरावट के लिए जिम्मेदार रहे. फिर भी इस गिरावट पर आवास और ईंधन तथा प्रकाश वर्गों ने क्रमशः 0.29 एवं 0.22 बिन्दु प्रतिशतता से सूचकांक में दर्ज कमी को नियंत्रित करने का प्रयास किया जिसके अंतर्गत मकान किराया, कुकिंग गैस, पेट्रोल, आदि मद सहायक रहे.
केंद्रीय-स्तर पर जलपाईगुड़ी के सूचकांक में अधिकतम 6.0 अंकों की कमी रही जिसके बाद बिस्वनाथ-चरियाली में 4.5 अंकों की कमी रही. अन्य 5 केंद्रों में 3.0 से 3.7 अंक, 9 केंद्रों में 2.2 से 2.9 अंक, 12 केंद्रों में 1.2 से 1.9 अंक तथा 33 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक की कमी रही. इसके विपरीत, कूनूर में 2.7 अंक की वृद्धि पाई गई. अन्य 7 केंद्रों में 1.0 से 1.6 अंक तथा 17 केंद्रों में 0.1 से 0.8 की वृद्धि रही. शेष 2 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे.
जनवरी, 2021 के लिए मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 3.67 प्रतिशत तथा गत वर्ष के इसी माह के 7.49 प्रतिशत की तुलना में 3.15 प्रतिशत रही. खाद्य-मुद्रास्फीति दर पिछले माह के 2.89 प्रतिशत एवं एक वर्ष पूर्व इसी माह के 10.61 प्रतिशत की तुलना में 2.38 प्रतिशत रही.
सी.पी.आई.- आई.डब्ल्यू. पर आधारित मुद्रास्फीति दर (सामान्य एवं खाद्य)
अखिल-भारत समूह-वार सूचकांक: दिसम्बर, 2020 एवं जनवरी, 2021 | |||
क्र. सं. | समूह | दिसम्बर, 2020 | जनवरी, 2021 |
I | खाद्य एवं पेय | 119.7 | 117.4 |
II | पान, सुपारी, तंबाकू एवं नशीले पदार्थ | 133.3 | 134.4 |
III | कपड़े एवं जूते | 117.6 | 117.8 |
IV | आवास | 113.5* | 115.2 |
V | ईंधन एवं प्रकाश | 132.4 | 136.4 |
VI | विविध | 117.6 | 116.9 |
सामान्य सूचकांक | 118.8 | 118.2 |
* दूसरे दशमलव बिंदु से ऊपर को राउंड किया गया है.
नवीनतम सूचकांक के बारे में, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने कहा कि जनवरी, 2021 के दौरान मुद्रास्फीति में गिरावट का मुख्य कारण बाजारों में प्रचुर मात्रा में आपूर्ति के कारण देखी गई सब्जियों की कीमतों में गिरावट है. उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति में गिरावट से कामकाजी वर्ग के परिवारों के हाथों में अधिक क्रय शक्ति होगी.
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श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डीपीएस नेगी ने कहा, सूचकांक में गिरावट और मुद्रास्फीति की दर अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा संकलित और जारी किए गए अन्य मूल्य सूचकांकों के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य और पेय समूह के योगदान (-) कुल परिवर्तन का 0.90 प्रतिशत अंक के लिए जिम्मेदार है. वस्तुओं जैसे चावल, गेहूं का आटा, अरहर की दाल, मुर्गी (मुर्गी), अंडे-मुर्गी, केला, बैंगन, गोभी, गाजर, फूलगोभी, मिर्च, हरी, लहसुन, अदरक, प्याज, मटर, आलू, टमाटर, कर्मचारी राज्य बीमा योगदान आदि सूचकांक में गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं.
श्रम और रोजगार मंत्रालय से सम्बद्ध श्रम ब्यूरो, देश के औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 88 केंद्रों में फैले 317 बाजारों से एकत्र खुदरा कीमतों के आधार पर हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संकलित करता है. सूचकांक 88 केंद्रों और अखिल भारतीय के लिए संकलित किया गया है और सफल महीने के अंतिम कार्य दिवस पर जारी किया गया है.