अलीगढ़/लखनऊ: नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में मंगलवार को अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने का प्रस्ताव पास हो गया. अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने को लेकर नगर निगम की ओर से प्रस्ताव पारित करके नगर विकास विभाग को भेजा गया है. नगर विकास विभाग अगर इस प्रस्ताव पर सहमति देगा तो इसको उत्तर प्रदेश की कैबिनेट में लाया जाएगा. यहां से इसे गजट करके पास किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद शहरों के नाम बदलने का सिलसिला शुरू हुआ है. बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव पार्षद संजय पंडित ने रखा था. अलीगढ़ को हरिगढ़ बनाने का मामला पहले भी उठ चुका है.
इससे पहले भी जिला पंचायत की पहली मीटिंग में अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने का प्रस्ताव पास हो चुका है. यह प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पास किया गया था. अलीगढ़ में जिला पंचायत बोर्ड की पहली बैठक अगस्त 2021 में हुई थी. बैठक में ही यह प्रस्ताव केहरी सिंह और उमेश यादव ने रखा था. सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया था. इसके बाद इस प्रस्ताव को शासन में भेजा गया था, जहां अब तक यह लंबित पड़ा है. इसके साथ ही जलकल और अमृत योजना के तहत राज्य वित्त आयोग से भुगतान के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई. नगर निगम के मूल बजट, जल मूल्य और सीवर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव सदन में पास नहीं किया गया.
क्या है प्रदेश में शहर का नाम बदलने की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग की विशेष सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि नगर निगम और निकाय क्षेत्र में शहर का नाम बदले जाने को लेकर उसे शहर के जनप्रतिनिधि या नगर निगम की ओर से एक प्रस्ताव नगर विकास निदेशालय को नगर निगम में बहुमत के आधार पास करके भेजा जाता है. इसके बाद नगर की ऐतिहासिकता, जनभावना और अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए नगर विकास विभाग संबंधित कैबिनेट प्रस्ताव बनाता है. इसके बाद में उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की कैबिनेट इस पर अपनी हामी भरती है. कैबिनेट की हामी के बाद इस संबंध में एक गजट किया जाता है. इसके बाद तमाम नए रिकॉर्ड में उस शहर का नाम बदल दिया जाता है. शहर का नाम बदलने के बाद संबंधित रेलवे और बस स्टेशन का नाम भी बदल दिया जाता है.
योगी सरकार ने इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदला
योगी सरकार में इलाहाबाद को प्रयागराज कर दिया गया. वहीं, फैजाबाद को अयोध्या, मुगलसराय रेलवे स्टेशन को पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन, गोरखपुर के उर्दू बाजार को हिंदी बाजार, हुमायूंपुर को हनुमान नगर, मीना बाजार को माया बाजार और अलीपुर को आर्य नगर किया गया. झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन रखा गया है. बनारस रेलवे स्टेशन का काशी रेलवे स्टेशन हो चुका है.
यूपी सरकार कई जिलों के नाम बदलने की कर रही तैयारी
नगर निगम में अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने का प्रस्ताव पास करने को लेकर एक बार फिर से सियासत गर्म हो गई है. कहा भी जा रहा है कि 2024 चुनाव से पहले अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ हो जाएगा. यूपी के कई शहरों का नाम बदल गया है. यह भी कहा जा रहा है कि यूपी के कई जिलों का नाम बदलने की तैयारी सरकार कर रही है. इसमें संभल, फर्रुखाबाद, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, आगरा, मैनपुरी और देवबंद शामिल हैं. हालांकि, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भी जिलों के नाम बदले हैं. संभल को भीम नगर, शामली को प्रबुद्ध नगर, हापुड़ को पंचशील नगर, हाथरस को महामाया नगर और कासगंज को काशीराम नगर बना दिया गया था. वहीं, 2012 में अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री बनकर पुराने नाम फिर से बहाल कर दिए थे.
इन शहरों के नाम बदलने की मांग
गाजीपुर का नाम गाधिपुर
शाहजहांपुर का नाम शादिपुर
आजमगढ़ का नाम आर्य नगर
लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुरी
पैगंबर के दामाद के नाम पर रखा गया अलीगढ़ नाम
अलीगढ़ का प्राचीन नाम कोल था. आज भी कोल तहसील और कोल विधानसभा क्षेत्र नाम प्रचलन में है. मथुरा और भरतपुर के जाट राजा सूरजमल ने 1753 में कोल पर अपना अधिकार कर लिया था. 6 नवंबर 1768 में यहां एक शिया मुस्लिम सरदार मिर्जा साहब का आधिपत्य हो गया था. 1775 में उनके सिपाही सालार अफरसियाब खान ने पैगंबर मोहम्मद के चचेरे भाई और दामाद अली के नाम पर कोल का नाम अलीगढ़ रखा था. मुगल शासन के समय का किला भी यहां बना हुआ है, जो अलीगढ़ किले के रूप में जाना जाता है.
स्वामी हरिदास के नाम पर रखना चाहते हैं हरिगढ़ नाम
अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ इसलिए रखा जा रहा है. क्योंकि, यहां स्वामी हरिदास की जन्मस्थली है. हालांकि, बाद में वह मथुरा बस गए थे. वही, अलीगढ़ में स्वामी हरिदास के नाम से हरिदासपुर गांव भी है. स्वामी हरिदास की पत्नी का स्मारक खेरेश्वर धाम में ही बना हुआ है. स्वामी हरिदास ने युवावस्था में गृह त्याग करके निधिवन को अपनी साधना स्थल बनाया था. अपने गाने की विधा के कारण वह विख्यात हैं. तानसेन जैसा सुप्रसिद्ध गायक उन्हीं का शिष्य था. ध्रुपद की रचना कर उन्होंने अपना स्थान अमर बना लिया था. सम्राट अकबर भी उनकी संगीत विद्या से प्रभावित थे.
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