वॉशिंगटन: अमेरिका ने दावा किया है कि उसने आतंकवादी संगठन अल कायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी को एक ड्रोन हमले में मार गिराया है. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक जवाहिरी को अफागनिस्तान में सीआईए के ड्रोन ने मार गिराया. कई मीडिया रिपोर्टों में भी यह बात सामने आई है कि अफगानिस्तान में सप्ताहांत अमेरिकी स्ट्राइक में अल-कायदा के प्रमुख नेता अयमान अल जवाहिरी की मौत हो गई है. व्हाइट हाउस ने सोमवार दोपहर को घोषणा की कि जो बाइडन सोमवार शाम को 'एक सफल आतंकवाद विरोधी अभियान' के बारे में राष्ट्र को संबोधित करेंगे, लेकिन व्हाइट हाउस किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया. हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट में अमेरिकी एयर स्ट्राइक में मारे गए शख्स की पहचान अल-जवाहिरी के रूप में की है. अल-जवाहिरी ओसामा बिन लादेन के बाद नंबर दो अल-कायदा नेता था.
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On Saturday, at my direction, the United States successfully conducted an airstrike in Kabul, Afghanistan that killed the emir of al-Qa’ida: Ayman al-Zawahiri.
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9/11 हमलों में जवाहिरी ने की थी मदद : मिस्र के डॉक्टर और सर्जन जवाहिरी ने अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 के हमलों में चार विमानों को हाईजैक करने में मदद की थी. इनमें दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) के दोनों टावर्स से टकरा गए थे. जबकि तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से टकराया. चौथा विमान शेंकविले में एक खेत में क्रैश हुआ था. इस घटना में 3,000 लोग मारे गए थे. अमेरिका पर 11 सितंबर के हमलों के बाद 2001 के अंत में जब अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को गिरा दिया था, उस समय बिन लादेन और जवाहिरी दोनों बचकर निकल गए थे. बाद में बिन लादेन को अमेरिकी फौजों ने साल 2011 में पाकिस्तान में मार गिराया था.
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रविवार को किया था ड्रोन हमला: अमेरिकी अधिकारियों में से एक ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सीआईए ने एक ड्रोन हमला किया था. प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में अल कायदा के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया है. ये ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा है और कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ. यह हमला अफगानिस्तान में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन के तहत किया गया.
तालिबान ने एयर स्ट्राइक को बताया अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ : जवाहिरी के मारे जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान आतंकी सरगना को शरण दिए हुए था. इससे पहले अफगानिस्तान में पिछले 20 साल तक अमेरिकी सेना की तैनाती रही है. वहीं, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में एक हमले की पुष्टि की और कड़ी निंदा की और इसे 'अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों' का उल्लंघन बताया. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कहा था कि काबुल में रविवार सुबह जोरदार धमाके की आवाज सुनी गई. प्रवक्ता अब्दुल नफी तकोर ने कहा, 'शेरपुर में एक मकान पर रॉकेट से हमला किया गया था. चूंकि मकान खाली था इसलिए कोई भी जख्मी नहीं हुआ.