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Nalanda Violence : 'बिहारशरीफ में धार्मिक स्थलों को जलाया.. दुकानों को लूटा', बोले AIMIM विधायक

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने महागठबंधन और भाजपा दोनों को बिहार हिंसा मामले पर आड़े हाथों लिया है. उन्होंने एक बार फिर से कहा कि अल्पसंख्यकों को पूरे देश में पॉलिटिकल एक्सपेरिमेंट का हिस्सा बनाया जा रहा है. सभी दल अपनी अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में लगे हैं.

akhtarul iman Etv Bharat
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Published : Apr 3, 2023, 6:05 PM IST

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान

पटना: रामनवमी के दौरान बिहार में असामाजिक तत्वों ने जमकर बवाल काटा. कई जिलों में हिंसक घटनाएं हुई हैं. रोहतास जिले का सासाराम और नालंदा जिले का बिहारशरीफ इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. दोनों जगह पर उपद्रवी लगातार बवाल काट रहे हैं और हालात पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए नालंदा में धारा 144 लागू है. यह मामला बिहार विधानसभा में भी गूंजा. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने महागठबंधन सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार के अंदर अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है.

पढ़ें- Bihar Politics: ये क्या.! ललन सिंह ने किसे बताया 'दंगाई'.. जिसे नहीं उखाड़ पाएंगे अमित शाह? सुनिए बयान

अख्तरुल इमान का बीजेपी और महागठबंधन पर हमला: अख्तरुल इमान ने कहा कि बिहार में दंगाईयों ने दंगे भड़काए हैं. एकतरफा तौर पर हर जगह एंटी माइनॉरिटी नारे लगाए गए. कई दिनों से आतंक का माहौल बनाने की कोशिश हो रही थी. नालंदा में इसकी हद हो गई. 31 मार्च को पुलिस के सामने मदरसों और धार्मिक ग्रंथों को जलाया गया. पुलिस ने सबक नहीं लिया और 1 अप्रैल को घटना की पुनरावृत्ति हुई. लहेरी थाना से दस मीटर की दूरी पर मुरारपुर के मस्जिद में भी आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की गई.

''अल्पसंख्यकों को पूरे देश में पॉलिटिकल एक्सपेरिमेंट का हिस्सा बनाया जा रहा है. बीजेपी समझती है कि माइनॉरिटी का खून बहाएंगे तो सांप्रदायिक हिंदू वोट में एकजुटता आएगी. यही कारण है कि बीजेपी के संगठनों ने इस दंगे को अंजाम दिया. अमित शाह कल आए थे. उनको नेशनल स्टेट के डीजीपी और आईजी ने बैठक में दंगा भड़काने वालों का जो नाम दिया था, सभी संगठन यहां शामिल थे. अगर उनपर प्रतिबंध लगा दिया जाता तो यह घटना नहीं होती.''-अख्तरुल इमान,प्रदेश अध्यक्ष,एआईएमआईएम

जीरो टॉलरेंस की नीति AIMIM ने उठाए सवाल: नीतीश और तेजस्वी की सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है. लेकिन जब यह घटना हो गई तो क्या सरकार को होश में नहीं आना चाहिए. इनकी पुलिस के सामने दुकान को लूटा गया, जलाया गया. प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया गया था. महागठबंधन के लोग भी चाहते हैं कि अकलियतों के बीच धक्का-मुक्की हो, ताकि डर के मारे वोट मिले.

बिहार हिंसा पर बवाल: दरअसल बिहार के कई जिलों से रामनवमी के बाद हिंसा की खबरें सामने आई थी. सासाराम और नालंदा में हालात सबसे ज्यादा खराब हुए. अमित शाह को 2 अप्रैल का नालंदा का कार्यक्रम तक रद्द करना पड़ा था. 3 अप्रैल को भी हालात तनावपूर्ण बने रहे. दुकानों को लूटा गया, जलाया गया. पथराव में कई लोग घायल हुए थे. वहीं नालंदा में एक व्यक्ति की मौत भी हुई है. फिलहाल सोमवार को स्थिति पहले की तुलना में नियंत्रित है. पुलिस प्रशासन अब भी कैंप कर रही है.

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान

पटना: रामनवमी के दौरान बिहार में असामाजिक तत्वों ने जमकर बवाल काटा. कई जिलों में हिंसक घटनाएं हुई हैं. रोहतास जिले का सासाराम और नालंदा जिले का बिहारशरीफ इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. दोनों जगह पर उपद्रवी लगातार बवाल काट रहे हैं और हालात पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए नालंदा में धारा 144 लागू है. यह मामला बिहार विधानसभा में भी गूंजा. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने महागठबंधन सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार के अंदर अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है.

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अख्तरुल इमान का बीजेपी और महागठबंधन पर हमला: अख्तरुल इमान ने कहा कि बिहार में दंगाईयों ने दंगे भड़काए हैं. एकतरफा तौर पर हर जगह एंटी माइनॉरिटी नारे लगाए गए. कई दिनों से आतंक का माहौल बनाने की कोशिश हो रही थी. नालंदा में इसकी हद हो गई. 31 मार्च को पुलिस के सामने मदरसों और धार्मिक ग्रंथों को जलाया गया. पुलिस ने सबक नहीं लिया और 1 अप्रैल को घटना की पुनरावृत्ति हुई. लहेरी थाना से दस मीटर की दूरी पर मुरारपुर के मस्जिद में भी आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की गई.

''अल्पसंख्यकों को पूरे देश में पॉलिटिकल एक्सपेरिमेंट का हिस्सा बनाया जा रहा है. बीजेपी समझती है कि माइनॉरिटी का खून बहाएंगे तो सांप्रदायिक हिंदू वोट में एकजुटता आएगी. यही कारण है कि बीजेपी के संगठनों ने इस दंगे को अंजाम दिया. अमित शाह कल आए थे. उनको नेशनल स्टेट के डीजीपी और आईजी ने बैठक में दंगा भड़काने वालों का जो नाम दिया था, सभी संगठन यहां शामिल थे. अगर उनपर प्रतिबंध लगा दिया जाता तो यह घटना नहीं होती.''-अख्तरुल इमान,प्रदेश अध्यक्ष,एआईएमआईएम

जीरो टॉलरेंस की नीति AIMIM ने उठाए सवाल: नीतीश और तेजस्वी की सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है. लेकिन जब यह घटना हो गई तो क्या सरकार को होश में नहीं आना चाहिए. इनकी पुलिस के सामने दुकान को लूटा गया, जलाया गया. प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया गया था. महागठबंधन के लोग भी चाहते हैं कि अकलियतों के बीच धक्का-मुक्की हो, ताकि डर के मारे वोट मिले.

बिहार हिंसा पर बवाल: दरअसल बिहार के कई जिलों से रामनवमी के बाद हिंसा की खबरें सामने आई थी. सासाराम और नालंदा में हालात सबसे ज्यादा खराब हुए. अमित शाह को 2 अप्रैल का नालंदा का कार्यक्रम तक रद्द करना पड़ा था. 3 अप्रैल को भी हालात तनावपूर्ण बने रहे. दुकानों को लूटा गया, जलाया गया. पथराव में कई लोग घायल हुए थे. वहीं नालंदा में एक व्यक्ति की मौत भी हुई है. फिलहाल सोमवार को स्थिति पहले की तुलना में नियंत्रित है. पुलिस प्रशासन अब भी कैंप कर रही है.

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