लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को सार्वजनिक तौर पर घोषणा की कि अगर भाजपा के गोरखपुर शहर के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (radha mohan das agarwal) चाहें तो समाजवादी पार्टी उन्हें तुरंत अपना उम्मीदवार घोषित कर देगी. लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में गोरखपुर शहर से चार बार के भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल की चर्चा पर अखिलेश ने कहा कि 'अगर आपका संपर्क हो तो उनसे बात कर लीजिए, टिकट अभी घोषित. टिकट हम तुरंत दे देंगे उन्हें.'
गौरतलब है कि गोरखपुर शहर सीट पर वर्ष 2002 से लगातार चुनाव जीत रहे डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल की जगह इस बार यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections) में भाजपा ने उस सीट से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उम्मीदवार घोषित किया है. अखिलेश ने कहा, 'आपको याद हो या न हो, मुझे याद है जिस समय मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) के शपथ के कार्यक्रम में गया था तो मैंने अपनी आंखों से देखा था कि राधा मोहन अग्रवाल को कहीं जगह नहीं मिली थी बैठने के लिए. वह दायीं तरफ बेचारे अकेले खड़े थे. उनका भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सबसे ज्यादा अपमान हुआ है.'
वहीं, इस मामले में संपर्क करने पर भाजपा विधायक अग्रवाल ने सपा प्रमुख के आमंत्रण पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. हालांकि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि 'भाजपा का एक-एक सदस्य पार्टी का अनुशासित सिपाही है और पार्टी जिसको जो दायित्व देती है उसको शिरोधार्य करता है.' श्रीवास्तव ने कहा, 'गोरखपुर में तो यशस्वी मुख्यमंत्री योगी जी भाजपा के उम्मीदवार हैं लेकिन जहां भाजपा के सामान्य प्रत्याशी हैं, वहां भी चुनाव लड़ने के लिए अखिलेश के पास कोई सशक्त उम्मीदवार नहीं है, इसलिए उनकी बेचैनी और हताशा साफ दिख रही है.'
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इसके पहले जब भाजपा के असंतुष्ट विधायकों के बारे में पत्रकारों के सवाल पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा, 'हम तो किसी को सीट नहीं दे सकते, भाजपा वाले अपने टिकट बांट लें, हम तो अब किसी को नहीं ले सकते. लेकिन डॉक्टर अग्रवाल का नाम आते ही उन्होंने कहा कि उनका टिकट तुरंत घोषित कर देंगे.'
अखिलेश यादव के छोटे भाई की पत्नी अपर्णा यादव को टिकट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'हमारे परिवार की हमसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी को चिंता है. कहीं आप भाजपा से प्रेरित होकर तो सवाल नहीं पूछ रहे हो.' अपर्णा के बारे में पिछले दिनों अटकलें लग रही थीं कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगी लेकिन बाद में यादव परिवार ने इसे खारिज कर दिया. अपर्णा 2017 में लखनऊ में विधानसभा का चुनाव लड़कर पराजित हो गई थीं.
(पीटीआई-भाषा)