गुवाहाटी : जेल में बंद आरटीआई कार्यकर्ता और प्रमुख किसान नेता अखिल गोगोई ने भाजपा प्रत्याशी सुरभि राजकोणवरी हराकर जीत दर्ज की. उनकी जीत इसलिए भी खास है क्योंकि जेल में रहते हुए विधानसभा चुनाव जीतने वाले वह असम के पहले व्यक्ति हैं.
सुरभि के लिए भगवा पार्टी की शीर्ष नेताओं ने पूरा जोर लगाया था. गोगोई ने न केवल भाजपा प्रत्याशी सुरभि राजकोणवरी को अच्छे अंतर से हराया, बल्कि कांग्रेस प्रत्याशी सुभमित्र गोगोई को भी पीछे छोड़ दिया, जो उनके लिए चुनौती थे.गोगोई ने 57,173 वोट, राजकोनवारी और सुभमित्र गोगोई ने क्रमश: 45,394 और 19,323 वोट हासिल किए.
अखिल गोगोई को दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के बाद आंदोलन के हिंसक रूप लेने पर समय गिरफ्तार किया गया था. बाद में जेल में कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) में स्थानांतरित कर दिया गया था.
दिसंबर 2019 में उनकी गिरफ्तारी के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने माओवादियों के साथ कथित सांठगांठ से संबंधित एक मामले के बारे में अखिल गोगोई को हिरासत में ले लिया.
राज्य की कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) में उनके सहयोगियों ने 2021 के चुनावों से ठीक पहले एक नई राजनीतिक पार्टी रेज़र दल बनाई और उनसे जेल से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था. गोगोई ने जीएमसीएच के वार्ड से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था और एक दिन प्रचार किए बिना चुनाव जीत गए.
शिवसागर निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने जेल में बंद कार्यकर्ता की जीत पर खुशी जताई और इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया. भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने रुख और संकल्प के लिए जाने जाने वाले गोगोई ने असम में बड़ी बिजली परियोजनाओं के निर्माण के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी.
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हालांकि, अखिल गोगोई के विपरीत, पूर्व ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) नेता लुरिनज्योति गोगोई इस बार जीत की सूची में जगह बनाने में असफल रहे. पूर्व फायरब्रांड आसू नेता जिन्होंने नई राजनीतिक पार्टी असम जातीय परिषद (AJP) बनाई थी वह दो निर्वाचन क्षेत्रों - नहरकटिया और दुलियाजान से चुनाव हार गई.