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'मैं भी ब्रह्मर्षि' : 20 लाख ब्रह्मर्षियों को जोड़ने का लक्ष्य - बेहतर शिक्षा और रोजगार के लिए कार्य

हरिद्वार में अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महाकुंभ का सोमवार को समापन हो गया. यह महाकुंभ दो दिन चला. इसमें मानवता के उत्थान के लिए चिंतन किया गया. साथ ही 'मैं भी ब्रह्मर्षि' अभियान में 20 लाख ब्रह्मर्षियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया.

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Published : Dec 27, 2021, 8:00 PM IST

हरिद्वार : धर्मनगरी हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महाकुंभ का समापन हो गया है. इस महाकुंभ में देश विदेश से त्यागियों, भूमिहारों, चितपावनों, गालवों, अनाविलों, नम्बूदरियों, हेगड़ों और अन्य ब्रह्मर्षि समाज के बुद्धिजीवियों, राजनीतिज्ञ समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.

महाकुंभ में सबसे पहले कोरोना महामारी में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ की राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदिता त्यागी (Udita Tyagi) ने ब्रह्मर्षियों के गौरवपूर्ण इतिहास के बारे में जानकारी दी. साथ ही उन्होंने अपनी संस्था की ओर से चलाए जाने वाले अभियान 'मैं भी ब्रह्मर्षि' (mai bhi brahmrishi abhiyan) के बारे में भी बताया.

अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महाकुंभ

डॉ. उदिता त्यागी ने बताया कि इस अभियान के प्रथम चरण में 20 लाख ब्रह्मर्षियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. महाकुंभ को संबोधित करते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण त्यागी ने कहा कि देश और धर्म के लिए मिटने का जज्बा ही हमारी पहचान है. अब हमारी प्राथमिकता अपने युवाओं को अपने इतिहास और अपनी मिट्टी से जोड़ते हुए संस्कार और संघर्ष के लिए तैयार करना है.

उन्होंने कहा कि वो युवाओं के लिए बेहतर शिक्षा और रोजगार के लिए कार्य करेंगे, लेकिन उनमें अपने आदिपुरुष भगवान परशुराम जैसी तेजस्विता, आचार्य चाणक्य जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति और वीर सावरकर जैसा समर्पण भी विकसित करने का प्रयास करेंगे. महाकुंभ में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद केसी त्यागी (janata dal united national gs KC Tyagi) ने ब्रह्मर्षि समाज से राजनीतिक रूप से जागरूक होने का आह्वान करते हुए समाज की एकता पर जोर दिया.

वहीं, ब्रह्मर्षि समाज के सभी घटकों में ज्यादा से ज्यादा परस्पर वैवाहिक संबंध बनाने पर जोर दिया. महाकुंभ में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खुलकर समाज में दहेज, नशाखोरी और कम शिक्षा जैसी समस्याओं पर भी अपने विचार रखे. इस अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महाकुंभ (All India Brahmarishi Mahakumbh) में समाज के सभी लोगों के लिए परिचय पत्र देने का भी शुभारंभ किया गया.

पढ़ेंः raipur dharma sansad विवाद : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित बयान देकर चौतरफा घिरे कालीचरण महाराज

हरिद्वार : धर्मनगरी हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महाकुंभ का समापन हो गया है. इस महाकुंभ में देश विदेश से त्यागियों, भूमिहारों, चितपावनों, गालवों, अनाविलों, नम्बूदरियों, हेगड़ों और अन्य ब्रह्मर्षि समाज के बुद्धिजीवियों, राजनीतिज्ञ समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.

महाकुंभ में सबसे पहले कोरोना महामारी में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ की राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उदिता त्यागी (Udita Tyagi) ने ब्रह्मर्षियों के गौरवपूर्ण इतिहास के बारे में जानकारी दी. साथ ही उन्होंने अपनी संस्था की ओर से चलाए जाने वाले अभियान 'मैं भी ब्रह्मर्षि' (mai bhi brahmrishi abhiyan) के बारे में भी बताया.

अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महाकुंभ

डॉ. उदिता त्यागी ने बताया कि इस अभियान के प्रथम चरण में 20 लाख ब्रह्मर्षियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. महाकुंभ को संबोधित करते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण त्यागी ने कहा कि देश और धर्म के लिए मिटने का जज्बा ही हमारी पहचान है. अब हमारी प्राथमिकता अपने युवाओं को अपने इतिहास और अपनी मिट्टी से जोड़ते हुए संस्कार और संघर्ष के लिए तैयार करना है.

उन्होंने कहा कि वो युवाओं के लिए बेहतर शिक्षा और रोजगार के लिए कार्य करेंगे, लेकिन उनमें अपने आदिपुरुष भगवान परशुराम जैसी तेजस्विता, आचार्य चाणक्य जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति और वीर सावरकर जैसा समर्पण भी विकसित करने का प्रयास करेंगे. महाकुंभ में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद केसी त्यागी (janata dal united national gs KC Tyagi) ने ब्रह्मर्षि समाज से राजनीतिक रूप से जागरूक होने का आह्वान करते हुए समाज की एकता पर जोर दिया.

वहीं, ब्रह्मर्षि समाज के सभी घटकों में ज्यादा से ज्यादा परस्पर वैवाहिक संबंध बनाने पर जोर दिया. महाकुंभ में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खुलकर समाज में दहेज, नशाखोरी और कम शिक्षा जैसी समस्याओं पर भी अपने विचार रखे. इस अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महाकुंभ (All India Brahmarishi Mahakumbh) में समाज के सभी लोगों के लिए परिचय पत्र देने का भी शुभारंभ किया गया.

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