हरिद्वार: हाल फिलहाल में सनातन धर्म पर कुछ नेताओं ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिनको लेकर हरिद्वार का संत समाज भड़का हुआ है. इस तरह के बयान पर गुस्साए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आज 14 सितंबर को आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव पारित किए. बैठक में सात अखाड़ों के संत मौजूद रहे.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की आपातकालीन बैठक का आयोजन कनखल स्थित श्री पंचायती निर्मल अखाड़े में किया गया. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि कर्नाटक और केरल के मंत्री सनातन धर्म का विरोध कर रहे हैं. अखाड़ा परिषद की बैठक में उन मंत्रियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है. साथ ही स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों ने भगवान हनुमान का अपमानित चित्रण किया है. इस कारण संप्रदाय के प्रतिबंध की मांग बैठक में की गई है.
साथ ही अखाड़ा परिषद और अखिल भारतीय संत समिति ने स्वामीनारायण संप्रदाय का पूर्व में भी बहिष्कार किया है. बैठक में संप्रदाय के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है. संप्रदाय से भविष्य में ऐसा न करने का आग्रह भी किया गया है. अगर फिर भी भगवान हनुमान का अपमान बंद नहीं होता है, तो संप्रदाय के खिलाफ सरकार के माध्यम से कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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वहीं बैठक में हिंदू धर्म के ग्रंथ में वर्णित बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने पर भी निंदा प्रस्ताव संतों ने सर्वसम्मति से पारित किया है. श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज का कहना है कि आज सनातन धर्म को अपमानित करने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही देवी देवताओं का भी अपमान किया जा रहा है. एक बहुत बड़ा षड्यंत्र सनातन धर्म के खिलाफ किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि स्वामीनारायण संप्रदाय भगवान हनुमान को अपमानित करने का कार्य कर रहा है. दक्षिण के एक राज्य के मुख्यमंत्री का पुत्र सनातन धर्म पर गलत टिप्पणी करता है. उन्होंने मांग कि सनातन धर्म का अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनना चाहिए, जिससे वह व्यक्ति तत्काल दंडित हो. नहीं तो 100 करोड़ सनातनी लोग इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे. अभी भी वक्त है सचेत हो जाएं, नहीं तो पूरे भारत में एक आंदोलन चलेगा.