हरिद्वारः उत्तराखंड में अगले महीने (3 मई) से चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) शुरू होने जा रही है. लेकिन उससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जाएगी. यात्रा पर जाने से पहले लोगों का सत्यापन किया जाएगा. वहीं, इस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (akhil bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी का अभिवादन किया है.
गौरतलब है कि लगातार साधु-संतों द्वारा यह मांग रखी जा रही थी की गैर हिंदुओं का प्रवेश चारधाम में वर्जित (Entry of non-Hindus prohibited in Chardham) किया जाना चाहिए. इस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी का अभिवादन करते हुए कहा कि गैर हिंदू जब हमारे देवी-देवताओं पर श्रद्धा नहीं रखते तो यह लोग बदरीनाथ और केदारनाथ जाकर अराजकता और दंगे ही फैलाएंगे. इसलिए इन्हें समय से पहले ही रोक देना चाहिए.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि मुस्लिम समाज की हमारे मंदिर और धर्म में बिल्कुल आस्था नहीं है. मैं मुस्लिम समाज का विरोध नहीं करता लेकिन कुछ शरारती तत्व हैं जो हमारे धार्मिक स्थलों और मंदिरों में उत्पात मचा सकते हैं. इसलिए इनका प्रवेश वर्जित होना चाहिए. साथ ही मैं पुष्कर सिंह धामी से उम्मीद करता हूं कि वह जल्द से जल्द यह कानून भी बनाएंगे.
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सीएम धामी का बयानः हाल ही में मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि चारधाम यात्रा के दौरान उत्तराखंड आने वाले लोगों का वेरिफिकेशन (Verification of people coming to Uttarakhand) किया जाएगा. साथ ही राज्य में असामाजिक तत्वों के वेरिफिकेशन के लिए एक मुहिम चलाई जाएगी. ताकि राज्य का माहौल खराब न हो. उन्होंने कहा कि धर्म और संस्कृति की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है.
साध्वी प्राची भी कर चुकी है मांगः बुधवार को यूपी के मुजफ्फरनगर में मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा की फायर ब्रॉन्ड नेता साध्वी प्राची ने भी हिंदुओं की चारधाम यात्रा में किसी भी गैर हिंदू के आने-जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब आप हज करने जाते हैं तो वहां गैर-मुस्लिम प्रवेश नहीं कर सकता. इसी तरह ईसाई धर्म के धार्मिक स्थल पर गैर-ईसाई प्रवेश नहीं कर सकते हैं. ऐसे में संत समाज मांग करता है कि हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर गैर-हिंदू का प्रवेश नहीं होना चाहिए. दूसरे धर्मों की तरह हमें भी सख्ती बरतनी चाहिए.