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अजीत पवार ने ईडी की जांच निगरानी वाली फर्म के साथ संबंधों से इनकार किया

महाराष्ट्र के उप- मुख्यमंत्री अजीत पवार ने ईडी की जांच निगरानी वाली फर्म के साथ संबंधों से मना कर दिया है. अजीत पवार ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि चीनी फैक्ट्री की मालिक गुरु कमोडिटी सर्विसेज जांच का सामना क्यों कर रही है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

अजीत पवार
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Published : Jul 2, 2021, 8:10 PM IST

पुणे : महाराष्ट्र के उप- मुख्यमंत्री अजीत पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने शुक्रवार को कहा कि उनका गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Guru Commodity Services Pvt Ltd ) से कोई संबंध नहीं है, जो प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate) (ईडी) की जांच के दायरे में है, हालांकि, इस कंपनी के स्वामित्व वाली एक चीनी मिल (sugar mill ) उनके एक रिश्तेदार द्वारा चलाई जा रही है.

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के सिलसिले में सतारा जिले के जरंदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना को कुर्क करने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को दावा किया कि पवार और उनकी पत्नी से जुड़ी एक कंपनी इस मामले में शामिल थी.

राकांपा के वरिष्ठ नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें नहीं पता कि चीनी फैक्ट्री की मालिक गुरु कमोडिटी सर्विसेज जांच का सामना क्यों कर रही है.

पवार ने कहा कि यह चीनी मिल, उन 14 मिलों में शामिल थी, जिन्हें एमएससी बैंक का ऋण चुकाने में विफल रहने के बाद बेच दिया गया था. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बैंक से कहा था कि उन्हें एक साल का समय दिया जाए और अगर वे बकाया राशि का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें बेच दिया जाए.’

यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र स्टेट कॉपरेटिव बैंक घोटाले में ईडी की कार्रवाई, पवार के करीबी की शुगर मिल सीज

उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद एमएससीबी ने एक निविदा जारी की, जिसमें 15 कंपनियां शामिल हुईं और गुरु कमोडिटी सर्विसेज की 65.75 करोड़ रुपये की बोली सबसे ज्यादा थी, इसलिए बैंक ने मिल उसे बेच दी..

(पीटीआई भाषा)

पुणे : महाराष्ट्र के उप- मुख्यमंत्री अजीत पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar) ने शुक्रवार को कहा कि उनका गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Guru Commodity Services Pvt Ltd ) से कोई संबंध नहीं है, जो प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate) (ईडी) की जांच के दायरे में है, हालांकि, इस कंपनी के स्वामित्व वाली एक चीनी मिल (sugar mill ) उनके एक रिश्तेदार द्वारा चलाई जा रही है.

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले के सिलसिले में सतारा जिले के जरंदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना को कुर्क करने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को दावा किया कि पवार और उनकी पत्नी से जुड़ी एक कंपनी इस मामले में शामिल थी.

राकांपा के वरिष्ठ नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें नहीं पता कि चीनी फैक्ट्री की मालिक गुरु कमोडिटी सर्विसेज जांच का सामना क्यों कर रही है.

पवार ने कहा कि यह चीनी मिल, उन 14 मिलों में शामिल थी, जिन्हें एमएससी बैंक का ऋण चुकाने में विफल रहने के बाद बेच दिया गया था. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बैंक से कहा था कि उन्हें एक साल का समय दिया जाए और अगर वे बकाया राशि का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें बेच दिया जाए.’

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उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद एमएससीबी ने एक निविदा जारी की, जिसमें 15 कंपनियां शामिल हुईं और गुरु कमोडिटी सर्विसेज की 65.75 करोड़ रुपये की बोली सबसे ज्यादा थी, इसलिए बैंक ने मिल उसे बेच दी..

(पीटीआई भाषा)

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