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कोविड वैक्सीन लाने-ले जाने के लिए हवाई अड्डों ने की तैयारी

कोविड -19 वैक्सीन को लॉन्च करने की तैयारियों के बीच देश के बड़े हवाई अड्डे टीकों को लाने ले जाने के लिए तैयारी कर चुके हैं. टीकों के लिए पर्याप्त संवेदनशील तापमान और टर्मिनलों से लेकर हवाई जहाजों तक टीकों को ले जाने के लिए पूरी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं.

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Published : Dec 15, 2020, 9:07 PM IST

नई दिल्ली : एक तरफ देश में कोविड-19 के लिए वैक्सीन लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है. वहीं देश के बड़े हवाई अड्डे उन्हें लोगों तक तेजी से लाने-ले जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं.

वैक्सीन को लेकर चल रहे प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए, नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे ने मंगलवार को कहा कि उसके पास जीडीपी (गुड डिस्ट्रीब्यूशन प्रैक्टिस) के साथ दो कार्गो टर्मिनल हैं. इसमें संवेदनशील तापमान से निपटने के लिए प्रमाणित तापमान नियंत्रित सुविधा मौजूद है.

तापमान नियंत्रित कार्गो सुविधाओं में प्रति वर्ष 1.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक की क्षमता होती है.

दिल्ली हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि इन सुविधाओं में अत्याधुनिक तापमान नियंत्रित क्षेत्र होते हैं, जिसमें +25 डिग्री सेल्सियस से -20 डिग्री सेल्सियस तक अलग-अलग कूल चैंबर होते हैं.

तापमान नियंत्रित कंटेनरों को संभालने के लिए टर्मिनलों को पर्याप्त संख्या में चार्जिंग पॉइंट प्रदान किए जाते हैं. कार्गो की आवाजाही के लिए संवेदनशील तापमान और टर्मिनलों से लेकर हवाई जहाजों तक इन कूल डॉली रखी जाती हैं.

दिल्ली हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने कहा कि हवाई अड्डा आपूर्ति कंपनियों में अन्य हितधारकों के साथ-साथ फार्मा कंपनियों, एयरलाइंस, तापमान नियंत्रित सुविधाओं के आपूर्तिकर्ताओं, फारवर्डरों, अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए कुशल, विश्वसनीय और बिना बाधा के सेवाओं के लिए तापमान नियंत्रित सुविधाओं के प्रदाताओं के साथ भी काम कर रहा है.

पिछले एक दशक में, भारत वैश्विक फार्मास्यूटिकल्स और वैक्सीन हब के रूप में उभरा है, जो दुनिया के लगभग 60 फीसदी टीकों का उत्पादन करता है. इसमें से हैदराबाद, फार्मा हब, वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति के एक तिहाई से अधिक उत्पादक की क्षमता रखता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि शहर कोविड -19 समाधान का एक अभिन्न अंग होगा, जो अपनी मजबूत विनिर्माण प्रौद्योगिकी और क्षमता के आधार पर लाखों खुराक का निर्माण करेगा. हालांकि वैक्सीन विकसित करना केवल आधी समस्या है, जबकि आधी समस्या वैक्सीन का वितरण करना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए जीएमआर हैदराबाद एयर कार्गो के प्रवक्ता ने कहा, जीएचएसी के पास मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, आवश्यक तापमान और हैंडलिंग के लिए एक अच्छी व्यवस्था है.

उन्होंने कहा कि उद्योग के अनुसार भारत के अधिकांश वैक्सीन निर्यात अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशियाई के लिए होगा. सामग्री यूरोप और कुछ अन्य क्षेत्रों से प्राप्त की जा सकती है.

जीएचए के प्रवक्ता ने कहा कि हैदराबाद एक प्रमुख पोर्ट के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार है.

पढ़ें - परीक्षणों के कारण कोरोना वैक्सीन मिलने में नहीं होगी देरी : डॉ. वीके पॉल

इससे पहले स्पाइसजेट ने संवेदनशील- तापमान कोविड -19 वैक्सीन के आवाजाही के लिए ओम लॉजिस्टिक्स लिमिटेड और स्नोमैन लॉजिस्टिक्स के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की थी.

स्पाइसजेट के कार्गो आर्म, स्पाइसएक्सप्रेस ने हाल ही में स्पाइस फार्मा प्रो नामक एक नई विशेष सेवा शुरू की थी, जिसमें -40 डिग्री सेल्सियस से +25 डिग्री सेल्सियस तक के नियंत्रित तापमान में अत्यंत संवेदनशील दवाओं, टीकों, रक्त के नमूनों और दवाओं को परिवहन करने की क्षमता है.

नई दिल्ली : एक तरफ देश में कोविड-19 के लिए वैक्सीन लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है. वहीं देश के बड़े हवाई अड्डे उन्हें लोगों तक तेजी से लाने-ले जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं.

वैक्सीन को लेकर चल रहे प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए, नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे ने मंगलवार को कहा कि उसके पास जीडीपी (गुड डिस्ट्रीब्यूशन प्रैक्टिस) के साथ दो कार्गो टर्मिनल हैं. इसमें संवेदनशील तापमान से निपटने के लिए प्रमाणित तापमान नियंत्रित सुविधा मौजूद है.

तापमान नियंत्रित कार्गो सुविधाओं में प्रति वर्ष 1.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक की क्षमता होती है.

दिल्ली हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि इन सुविधाओं में अत्याधुनिक तापमान नियंत्रित क्षेत्र होते हैं, जिसमें +25 डिग्री सेल्सियस से -20 डिग्री सेल्सियस तक अलग-अलग कूल चैंबर होते हैं.

तापमान नियंत्रित कंटेनरों को संभालने के लिए टर्मिनलों को पर्याप्त संख्या में चार्जिंग पॉइंट प्रदान किए जाते हैं. कार्गो की आवाजाही के लिए संवेदनशील तापमान और टर्मिनलों से लेकर हवाई जहाजों तक इन कूल डॉली रखी जाती हैं.

दिल्ली हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने कहा कि हवाई अड्डा आपूर्ति कंपनियों में अन्य हितधारकों के साथ-साथ फार्मा कंपनियों, एयरलाइंस, तापमान नियंत्रित सुविधाओं के आपूर्तिकर्ताओं, फारवर्डरों, अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए कुशल, विश्वसनीय और बिना बाधा के सेवाओं के लिए तापमान नियंत्रित सुविधाओं के प्रदाताओं के साथ भी काम कर रहा है.

पिछले एक दशक में, भारत वैश्विक फार्मास्यूटिकल्स और वैक्सीन हब के रूप में उभरा है, जो दुनिया के लगभग 60 फीसदी टीकों का उत्पादन करता है. इसमें से हैदराबाद, फार्मा हब, वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति के एक तिहाई से अधिक उत्पादक की क्षमता रखता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि शहर कोविड -19 समाधान का एक अभिन्न अंग होगा, जो अपनी मजबूत विनिर्माण प्रौद्योगिकी और क्षमता के आधार पर लाखों खुराक का निर्माण करेगा. हालांकि वैक्सीन विकसित करना केवल आधी समस्या है, जबकि आधी समस्या वैक्सीन का वितरण करना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए जीएमआर हैदराबाद एयर कार्गो के प्रवक्ता ने कहा, जीएचएसी के पास मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, आवश्यक तापमान और हैंडलिंग के लिए एक अच्छी व्यवस्था है.

उन्होंने कहा कि उद्योग के अनुसार भारत के अधिकांश वैक्सीन निर्यात अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशियाई के लिए होगा. सामग्री यूरोप और कुछ अन्य क्षेत्रों से प्राप्त की जा सकती है.

जीएचए के प्रवक्ता ने कहा कि हैदराबाद एक प्रमुख पोर्ट के रूप में उभरने के लिए पूरी तरह तैयार है.

पढ़ें - परीक्षणों के कारण कोरोना वैक्सीन मिलने में नहीं होगी देरी : डॉ. वीके पॉल

इससे पहले स्पाइसजेट ने संवेदनशील- तापमान कोविड -19 वैक्सीन के आवाजाही के लिए ओम लॉजिस्टिक्स लिमिटेड और स्नोमैन लॉजिस्टिक्स के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की थी.

स्पाइसजेट के कार्गो आर्म, स्पाइसएक्सप्रेस ने हाल ही में स्पाइस फार्मा प्रो नामक एक नई विशेष सेवा शुरू की थी, जिसमें -40 डिग्री सेल्सियस से +25 डिग्री सेल्सियस तक के नियंत्रित तापमान में अत्यंत संवेदनशील दवाओं, टीकों, रक्त के नमूनों और दवाओं को परिवहन करने की क्षमता है.

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