नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हवाई अड्डों के विस्तार, नवीनीकरण और यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण(AAI) मौजूदा टर्मिनलों के विस्तार और नवीनीकरण पर अगले पांच वर्षों में लगभग 25,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा. वहीं, सरकार ने देश में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे बनाने की मंजूरी दी है. दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु हवाई अड्डों की विस्तार योजना शुरू हो चुकी है. इसे वर्ष 2025 तक पूरा किया जाना है. इसपर 30 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी.
कोरोना महामारी के कारण भारत में विमानन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारत में एयरलाइनों और हवाई अड्डों से अनुमानित नुकसान क्रमश: लगभग 19,564 और 5,116 करोड़ रुपये का हुआ है.
नागरिक उड्डयन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के उपाय
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा मौजूदा टर्मिनलों के विस्तार, नवीनीकरण, नए टर्मिनलों, मौजूदा रनवे, नियंत्रण टावर, तकनीकी ब्लॉक, एयरपोर्ट नेविगेशन सर्विसेज (एएनएस) के विस्तार या सुदृढ़ीकरण करने की योजना है. इसके लिए अगले पांच वर्षों में लगभग 25,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे.
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दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु हवाई अड्डों को विस्तार करने की योजना शुरू हो चुकी है. इसे वर्ष 2025 तक पूरा किया जाना है. इसपर 30 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत इन हवाई अड्डों का विस्तार करने की योजना है.
21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की मंजूरी
देश भर में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास में निवेश के लिए 36,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है. भारत सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए मंजूरी दी है. अब तक आठ ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे बनाये गये हैं. इनमें महाराष्ट्र में शिरडी, पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, सिक्किम में पकयोंग, केरल में कन्नूर, आंध्र प्रदेश में ओरवकल, कर्नाटक में कलबुर्गी, महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग और उत्तर प्रदेश में कुशीनगर का संचालन किया जा चुका है.