नयी दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीनी गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये गये जिसमेंं स्पेशल इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मामले पर पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कहा कि एलएसी पर चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष ड्रोन से हवाई निगरानी बढ़ाई गई है. उन्होने बताया कि चीन ने एलएसी के पार सैनिकों के वार्षिक प्रशिक्षण में वृद्धि की है.
चीनी गतिविधियों के मद्देनजर भारत की सुरक्षा के लिए एलएसी पर सुरक्षा चौकसी महत्वपूर्ण है. सुरक्षा निगरानी को अत्यंत सुदृढ़ बनाने के लिए यहां कई कदम उठाये गये हैं. खासकर नये टेक्नोलॉजी के माध्यम से चौकसी बढ़ायी गयी है. इस संबंध में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कहा कि एलएसी के दूसरी तरफ इनडेप्थ एरिया में चीनी गतिविधि बढ़ाई गयी है.
इसके मद्देनजर निगरानी बढ़ाने के लिए ड्रोन, यूएवी को शामिल किया है. साथ ही बेहतर निगरानी रडार, बेहतर संचार प्रणाली, बेहतर रात्रि दृष्टि क्षमता व अन्य उपायों के लिए विभिन्न इक्विपमेंटों का इस्तेमाल बढ़ाया गया है. उन्होने कहा कि चीन की ओर से एलएसी के करीब बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा और इससे कभी-कभी समस्या होती है. यह एक रणनीति मॉडल के तहत किया जा रहा है.
चीन विलेज मॉडल का कर रहा है इस्तेमाल
चीन की ओर से एलएसी के करीब कई विलेज मॉडल बनाये हैं. लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि यह चिंता का विषय है. उन्होने कहा कि ये सब रणनीति का हिस्सा है. इन विलेज का दोहरा इस्तेमाल किया जाता है. उन्होने कहा कि इस पर नजर रखी जा रही है. और उसी के हिसाब से आगे की रणनीति भी तय की जाती है।
मुंहतोड़ जवाब के लिए भारतीय सेना तैयार
पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भारतीय सेना चीन के किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होने कहा कि सभी सेक्टरों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं और वह किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए सक्षम हैं. कुछ क्षेत्रों में पेट्रोलिंग में अधिक परिवर्तन नही किये गये हैं लेकिन कुछ क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गयी है.
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एलएसी के पार चीनी सैनिकों की गतिविधि बढ़ी
एलएसी के पार चीन की ओर से इनडेप्थ यानी काफी भीतर सैनिकों का वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास होता है. इस बार सैनिकों की गतिविधि अधिक दिनों तक चली. दोनो ओर से एलएसी के समीप आधारभूत ढांचे विकसित किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं. जो कई मुद्दों की ओर ले जाता है.