नई दिल्ली : एअर इंडिया को टाटा समूह को (air india hand over to tata group) सौंप दिया गया. दीपम सचिव तुहिन कांत पांडे और टाटा संस के चेयरमैन चंद्रशेखरन (Tata Sons Chairman N Chandrasekaran) ने बयान दिया कि एअर इंडिया के विनिवेश (air india disinvestment) की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि एअर इंडिया (Tata Chandrasekaran Air India) को फिर से पाकर समूह बहुत खुश है. चंद्रशेखरन ने कहा, 'हमें खुशी है कि एअर इंडिया के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई है.' उन्होंने कहा, 'एअर इंडिया को टाटा समूह में वापस पाकर हम बहुत खुश हैं. हम इसे विश्वस्तरीय एअरलाइन बनाने के लिए सभी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं.'
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने संवाददाताओं को बताया कि एअर इंडिया को टाटा समूह की सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया है, जो सफल बोलीदाता है. पांडेय ने कहा, अब, एयरलाइन की नई मालिक टैलेस हैं
इससे पहले टाटा संस के चेयरमैन ने पीएम मोदी से भेंट की. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एअर इंडिया को टाटा समूह को आधिकारिक रूप से सौंपे जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
बता दें कि टैलेस प्राइवेट लिमिटेड (Talace Pvt Ltd) ने पिछले साल एअर इंडिया एअरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Air India SATS Airport Services Private Limited ) और AIXL की एअर इंडिया में भारत सरकार की 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी हासिल करने की बोली जीती थी. टैलेस टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (Tata Sons Pvt Ltd) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है.
एक अनुमान के मुताबिक करीब 58 हजार करोड़ के कर्ज में दबी एअर इंडिया (Air India) को वित्त वर्ष 2018-19 में भी करीब साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. 2019-20 में एअर इंडिया 38,366.39 करोड़ रुपये का कर्जदार था. कर्ज की यह रकम असल में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक थी, मगर निवेशकों को लुभाने के लिए सरकार ने एअर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड में कंपनी के 22,064 करोड़ रुपये के लोन का ट्रांसफर कर दिया था.
एअर इंडिया विनिवेश की प्रक्रिया पूरी होने के बाद टाटा को 4400 घरेलू उड़ानें, देश में 1800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग की जगह मिलेगी. इसके अलावा पार्किंग अलोकेशन का कंट्रोल दिया जाएगा. टाटा को एअर इंडिया की सस्ती एविएशन सर्विस- एअर इंडिया एक्सप्रेस का सौ प्रतिशत कंट्रोल भी मिलेगा.
टाटा को एअर इंडिया के एयर बिजनेस में 13 प्रतिशत और विदेशों में 18.6 प्रतिशत की हिस्सेदारी मिलेगी. 52,352.18 करोड़ मूल्य की परिसंपत्तियों पर भी टाटा का हक होगा. एअर इंडिया के बेड़े में कुल 127 विमान हैं. मुंबई में एअर इंडिया बिल्डिंग और दिल्ली में एयरलाइंस हाउस भी टाटा समूह को सौंप दिया जाएगा.
बता दें कि 1932 में जेआरडी टाटा ने एअर इंडिया की शुरुआत की थी. मगर तब इसका नाम टाटा एयरलाइन था. 15 अक्टूबर 1932 को खुद जेआरडी टाटा इसकी पहली फ्लाइट लेकर कराची से मुंबई गए थे. 1933 में एयरलाइन ने कमर्शल सर्विस शुरू की. पहले साल में कंपनी ने 1,60000 मील की यात्रा की, 155 पैसेंजरों के साथ 9.72 टन सामान ढोया और कुल 60 हजार रुपये की कमाई की थी. सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइन का नाम एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया. इसके साथ ही नए मस्कट महाराजा की भी एयरलाइन में एंट्री ली. 2015 में महाराजा का मेकओवर किया गया. साल 1947 में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 प्रतिशत की भागेदारी ले ली. यहां से एयर इंडिया में सरकारी दखल शुरू हुई.
1948 को एअर इंडिया ने मुंबई से लंदन के बीच इंटरनेशनल फ्लाइट सेवा शुरू की. 1953 में एयर कॉरपोरेशन एक्ट (Air Corporations Act) के तहत इसका राष्ट्रीयकरण किया गया, लेकिन जेआरडी टाटा 1977 तक इसके अध्यक्ष बने रहे. बताया जाता है कि जे आरडी टाटा ने इसके राष्ट्रीयकरण का विरोध किया था. इसके विरोध में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी.
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सरकार ने 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के बाद इसके दो टुकड़े किए. घरेलू सेवा के लिए इंडियन एयरलाइंस और विदेशी उड़ान के लिए एअर इंडिया बनाई गई. 1960 में बोइंग इसे बेड़े में शामिल हुए .1962 में यह दुनिया की पहली ऑल-जेट एयरलाइन कंपनी बन गई.
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बता दें कि आठ अक्टूबर, 2021 को एअर इंडिया विनिवेश (Air India Disinvestment) की प्रक्रिया पूरी होने की घोषणा की गई थी. टाटा सन्स को एअर इंडिया की कमान मिली है. (Tata Sons wins bid for Air India) यह जानकारी दीपम सचिव (DIPAM Secretary) तुहिन कांत पांडे (Tuhin Kant Pandey) ने दी. एअर इंडिया की कमान मिलने के बाद चेयरमैन एमिरेटस (Chairman Emeritus) रतन टाटा (Ratan Tata) ने ट्वीट कर लिखा कि वेलकम बैक एअर इंडिया.
(एजेंसी इनपुट)