नई दिल्ली: नीट पीजी काउंसलिंग की मांग को लेकर दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से बातचीत के बाद RDA संगठनों की बैठक हुई. इसमें स्ट्राइक को जारी रखने का फैसला लिया गया है. हालांकि दिल्ली एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (AIIMS RDA) ने हड़ताल वापस ले ली है, लेकिन स्ट्राइक को समर्थन अभी भी जारी है.
दरअसल, सोमवार को दिल्ली के आईटीओ पर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल की घोषणा की थी. डॉक्टरों का कहना है कि जब तक पुलिस उनसे माफी नहीं मांगेगी, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग जल्द से जल्द कराने का आश्वासन मिलने के बाद दिल्ली एम्स आरडीए ने 29 दिसंबर को हड़ताल का फैसला वापस लेने का एलान किया. सभी सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी. एम्स आरडीए ने इसको लेकर प्रेस रिलीज जारी की है.
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल आगे भी जारी रहेगी. मंगलवार की शाम हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि हड़ताल को अभी खत्म न किया जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पुलिस से मांग करते हैं कि सोमवार को आईटीओ पर प्रोटेस्ट के समय पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, उसके लिए लिखित माफी मांगे.
वहीं, इस मामले में दिल्ली पुलिस की सेंट्रल रेंज की अतिरिक्त आयुक्त सुमन गोयल ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे विरोध करते हुए आईटीओ जंक्शन को जाम कर दिया. वे अपनी मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर मार्च करना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. अतिरिक्त आयुक्त के अनुसार, प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर ADGP और डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज निर्माण भवन पहुंचे. इसके बावजूद आईटीओ जंक्शन जाम रहा. प्रदर्शनकारी डॉक्टर फिर से सुप्रीम कोर्ट की ओर मार्च करना चाहते थे. इसको देखते हुए कुछ प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को हिरासत में लिया गया.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, डॉक्टरों ने गलत व्यवहार और बल प्रयोग का दावा किया. मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि कोई बल प्रयोग या लाठीचार्ज नहीं किया गया था. दिल्ली पुलिस डॉक्टरों का बहुत सम्मान करती है. कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए, कुछ पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए.
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वहीं, दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से सुलझाने के लिए रास्ता निकालने का आग्रह किया. इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि आज जब कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं तब डॉक्टरों को अस्पताल में होना चाहिए न कि सड़कों पर. पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि वह नीट-पीजी काउंसलिंग की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाने को भी सुनिश्चित करें.