नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में मेडिकल के क्षेत्र में अपराध की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है. वहीं एम्स में मरीजों से इलाज के नाम पर लूटखसोट की जानकारी मिली रही थी. इसी क्रम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नागपुर में दवा के नाम पर मरीज को लूटने के मामले में अस्पताल के दो कर्मचारी के अलावा एक दलाल को गिरफ्तार किया गया है.
बताया जाता है कि संबंधित मामले में मरीज की एमआरआई से पहले मरीज को कंट्रास्ट नाम के इंजेक्शन को लाने के लिए कहा गया. इतना ही नहीं इंजेक्शन आ जाने के बाद उसका उपयोग नहीं किया बल्कि इंजेक्शन को संबंधित मेडिकल दुकान पर ही वापस कर दिया गया. मामले के उजागर होने पर पैसा हड़पने की बात सामने आई है. इसी के मद्देनजर कार्रवाई में दो लोगों को दबोचा गया.
गौरतलब है कि एम्स में रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसको देखते हुए यहां तैनात कर्मचारियों के द्वारा पैसा कमाने के लिए नई-नई तरकीब निकाली जाती है. ताजा मामला एक्स-रेडियोलॉजी विभाग का है. इसमें कुछ कर्मचारियों ने गरीब मरीजों को आर्थिक रूप से लूटना शुरू कर दिया है. घटना के एम्स प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इसी क्रम में पुलिस ने एम्स के दो कर्मचारियों और एक दलाल को गिरफ्तार किया है.
'कंट्रास्ट' इंजेक्शन का उपयोग - जब किसी मरीज का एमआईआर निकालना होता है, तो मरीज को 'कंट्रास्ट' नामक एक इंजेक्शन दिया जाता है. इस इंजेक्शन के बाद एमआरआई फिल्म को बहुत स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है और इससे मरीज की बीमारी का सटीक पता चल जाता है.
वहीं पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा है कि इस मामले में आगे की पुलिस जांच जारी है, जो भी जरूरी कार्रवाई होगी वो की जाएगी. उन्होंने कहा कि मामले में सामने आया है कि एक्स-रे विभाग में कार्यरत कुछ कर्मचारी कालाबाजारी कर रहे थे.
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