नई दिल्ली: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (APCC) को राज्य में अन्य दलों के साथ किसी भी गठबंधन पर अंतिम निर्णय लेने की खुली छूट दे दी है.
एपीसीसी अध्यक्ष भूपेन बोरा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि 'पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को हम पर पूरा भरोसा है. उन्होंने हमें अगले साल के आम चुनाव से पहले अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन के किसी भी रूप पर फैसला करने की अनुमति दी है.'
चूंकि अगला लोकसभा चुनाव अगले साल होने वाला है, इसलिए कांग्रेस ने पार्टी सदस्यों को एक नई गति देने के लिए कमर कस ली है. पार्टी छत्तीसगढ़ के रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक अपना तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन बुला रही है. पूर्ण सत्र के दौरान कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव भी होगा.
भूपेन बोरा ने कहा कि 'पूर्ण सत्र में पीसीसी सदस्यों, जिला समिति सदस्यों सहित कम से कम 50 पार्टी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है. रायपुर अधिवेशन में असम में पार्टी की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा होने की पूरी संभावना है.'
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ किसी संभावित गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर बोरा ने ऐसी संभावना से इनकार किया. भूपेन बोरा ने कहा कि 'हम एआईयूडीएफ पर भरोसा नहीं कर सकते. उन्होंने हमें हर समय धोखा दिया. चाहे राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हो या असम में भाजपा सरकार की आलोचना, वे (एआईयूडीएफ) हमेशा रिंग पार्टी का समर्थन करते हैं.'
गौरतलब है कि केंद्र में कांग्रेस और एआईयूडीएफ में अंडरस्टैंडिंग है. बोरा ने कहा कि 'जहां तक असम में एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करने की बात है तो केंद्रीय नेतृत्व ने हमें खुली छूट दी है. राज्य में कई अन्य विपक्षी दल हैं जिनके साथ हम लगातार संपर्क में हैं. असम में 14 लोकसभा सीटें हैं. 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने 9, कांग्रेस ने 3, एआईयूडीएफ ने 1 और निर्दलीय ने 1 सीट जीती थी.
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