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Karnataka Election : कांग्रेस का अभियान, घर-घर जाकर वोट देने की अपील कर रहे पर्यवेक्षक

कर्नाटक में 10 मई को मतदान होना है. उसके पहले सभी पार्टियां पूरी ताकत झोंक रही हैं. कांग्रेस ने लगभग 70 एआईसीसी पर्यवेक्षक (70 AICC observers) तैनात किए हैं जो घर-घर जाकर वोट देने की अपील कर रहे हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

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Published : May 6, 2023, 10:42 PM IST

Karnataka Election
कांग्रेस का अभियान

नई दिल्ली : कड़े मुकाबले वाले कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने खास रणनीति अपनाई है. यहां पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा तैनात लगभग 70 एआईसीसी पर्यवेक्षक अतिरिक्त वोट बटोरने के लिए विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जा रहे हैं.

वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, सांसदों और पूर्व मंत्रियों सहित एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने न केवल अपने चुनाव लड़ने के अनुभव को धरातल पर उतारा है, बल्कि वे पार्टी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

पार्टी ने 2018 में एक आक्रामक अभियान चलाया था, लेकिन 224 में से केवल 80 सीटें जीत सकी थी. इस कारण उसे जेडी-एस को मुख्यमंत्री पद की पेशकश करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. जबकि जेडीएस के पास भाजपा (104) को सत्ता से बाहर रखने के लिए केवल 37 विधायक थे. पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि इस बार पार्टी का लक्ष्य अपने दम पर बहुमत हासिल करना है. इसलिए, विधानसभा क्षेत्रों का सूक्ष्म प्रबंधन किया गया है.

शुरुआत में 66 एआईसीसी पर्यवेक्षकों को नामित किया गया था. उनमें से पांच वरिष्ठ नेता पूर्व पीसीसी प्रमुख एन रघुवीरा रेड्डी, पूर्व-मुंबई इकाई प्रमुख संजय निरुपम, सांसद बेनी बेहानन, कार्ति चिदंबरम और जोथिमनी को अकेले राजधानी बेंगलुरु शहर के लिए तैनात किया गया है, जिसमें लगभग 25 विधानसभा सीटें हैं. शेष 61 पर्यवेक्षकों को अन्य विधानसभा सीटें सौंपी गईं. बाद में, खड़गे ने राज्य में अभियान की निगरानी के लिए पांच क्षेत्रवार पर्यवेक्षकों को तैनात किया था.

इसके पीछे मूल विचार यह है कि पर्यवेक्षकों को मतदाताओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. उनका काम है कि वे महिलाओं, बेरोजगार युवाओं के लिए भत्ता और बीपीएल परिवारों के लिए मुफ्त राशन जैसी पांच गारंटी के बारे में जानकारी दें.

पिछले कुछ दिनों से संजय निरुपम दक्षिण बेंगलुरु में अनेकल क्षेत्र में विभिन्न हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. खासकर आईटी क्षेत्र में काम करने वालों के साथ. बाद में, वह अनेकल निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर मौजूदा विधायक और उम्मीदवार सिवाना के पक्ष में वोट मांगेंगे.

निरुपम ने दोपहर के भोजन के दौरान राजधानी शहर में रेस्तरां मालिकों के संघ के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की, जिसके पास लगभग 24,000 रेस्तरां हैं और उनके सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की.

उन्होंने सर्वज्ञ नगर क्षेत्र में स्थानीय लोगों की सभा को भी संबोधित किया और मतदाताओं को समझाने के लिए बेंगलुरु दक्षिण में मंत्री ट्रैंक्विल अपार्टमेंट के सदस्यों से मुलाकात की. बाद में उन्हें चिकपेट क्षेत्र में राजस्थानी समुदाय द्वारा भी सुविधा प्रदान की गई और महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. निरुपम ने ईटीवी भारत को बताया कि 'कांग्रेस को जबरदस्त समर्थन' मिल रहा है.

इसी तरह, एआईसीसी सचिव काजी मोहम्मद निजामुद्दीन पार्टी के लिए समर्थन जुटाने के लिए बेलगाम क्षेत्र का दौरा कर रहे थे. निजामुद्दीन ने बताया कि 'यह पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण चुनाव है और हर वोट मायने रखता है. जब हम जाते हैं और स्थानीय लोगों से मिलते हैं, तो न केवल कार्यकर्ताओं को बढ़ावा मिलता है, मतदाता भी पार्टी के लिए खुल जाते हैं. हम किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में एक भी वोट नहीं खोना चाहते हैं.'

काज़ी ने बेलगाम क्षेत्र के खानपुर निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार अंजलि निंबालकर के पक्ष में स्थानीय लोगों से मुलाकात की और भाजपा और जद-एस के स्थानीय नेताओं को पार्टी में शामिल किया.

5 मई को कार्ति ने सीवी रमन नगर इलाके में लोकप्रिय द रामेश्वरम कैफे में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के साथ कॉफी पी. इससे पहले, उन्होंने बीटीएम लेआउट क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और 3 मई को बयातारायणपुरा सीट कृष्णा बायरे गौड़ा से पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार भी किया.

पढ़ें- Karnataka Election 2023 : कर्नाटक को किसी नेता के आशीर्वाद की जरूरत नहीं: सोनिया गांधी

नई दिल्ली : कड़े मुकाबले वाले कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने खास रणनीति अपनाई है. यहां पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा तैनात लगभग 70 एआईसीसी पर्यवेक्षक अतिरिक्त वोट बटोरने के लिए विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जा रहे हैं.

वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, सांसदों और पूर्व मंत्रियों सहित एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने न केवल अपने चुनाव लड़ने के अनुभव को धरातल पर उतारा है, बल्कि वे पार्टी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

पार्टी ने 2018 में एक आक्रामक अभियान चलाया था, लेकिन 224 में से केवल 80 सीटें जीत सकी थी. इस कारण उसे जेडी-एस को मुख्यमंत्री पद की पेशकश करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. जबकि जेडीएस के पास भाजपा (104) को सत्ता से बाहर रखने के लिए केवल 37 विधायक थे. पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि इस बार पार्टी का लक्ष्य अपने दम पर बहुमत हासिल करना है. इसलिए, विधानसभा क्षेत्रों का सूक्ष्म प्रबंधन किया गया है.

शुरुआत में 66 एआईसीसी पर्यवेक्षकों को नामित किया गया था. उनमें से पांच वरिष्ठ नेता पूर्व पीसीसी प्रमुख एन रघुवीरा रेड्डी, पूर्व-मुंबई इकाई प्रमुख संजय निरुपम, सांसद बेनी बेहानन, कार्ति चिदंबरम और जोथिमनी को अकेले राजधानी बेंगलुरु शहर के लिए तैनात किया गया है, जिसमें लगभग 25 विधानसभा सीटें हैं. शेष 61 पर्यवेक्षकों को अन्य विधानसभा सीटें सौंपी गईं. बाद में, खड़गे ने राज्य में अभियान की निगरानी के लिए पांच क्षेत्रवार पर्यवेक्षकों को तैनात किया था.

इसके पीछे मूल विचार यह है कि पर्यवेक्षकों को मतदाताओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. उनका काम है कि वे महिलाओं, बेरोजगार युवाओं के लिए भत्ता और बीपीएल परिवारों के लिए मुफ्त राशन जैसी पांच गारंटी के बारे में जानकारी दें.

पिछले कुछ दिनों से संजय निरुपम दक्षिण बेंगलुरु में अनेकल क्षेत्र में विभिन्न हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. खासकर आईटी क्षेत्र में काम करने वालों के साथ. बाद में, वह अनेकल निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर मौजूदा विधायक और उम्मीदवार सिवाना के पक्ष में वोट मांगेंगे.

निरुपम ने दोपहर के भोजन के दौरान राजधानी शहर में रेस्तरां मालिकों के संघ के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की, जिसके पास लगभग 24,000 रेस्तरां हैं और उनके सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की.

उन्होंने सर्वज्ञ नगर क्षेत्र में स्थानीय लोगों की सभा को भी संबोधित किया और मतदाताओं को समझाने के लिए बेंगलुरु दक्षिण में मंत्री ट्रैंक्विल अपार्टमेंट के सदस्यों से मुलाकात की. बाद में उन्हें चिकपेट क्षेत्र में राजस्थानी समुदाय द्वारा भी सुविधा प्रदान की गई और महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. निरुपम ने ईटीवी भारत को बताया कि 'कांग्रेस को जबरदस्त समर्थन' मिल रहा है.

इसी तरह, एआईसीसी सचिव काजी मोहम्मद निजामुद्दीन पार्टी के लिए समर्थन जुटाने के लिए बेलगाम क्षेत्र का दौरा कर रहे थे. निजामुद्दीन ने बताया कि 'यह पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण चुनाव है और हर वोट मायने रखता है. जब हम जाते हैं और स्थानीय लोगों से मिलते हैं, तो न केवल कार्यकर्ताओं को बढ़ावा मिलता है, मतदाता भी पार्टी के लिए खुल जाते हैं. हम किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में एक भी वोट नहीं खोना चाहते हैं.'

काज़ी ने बेलगाम क्षेत्र के खानपुर निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार अंजलि निंबालकर के पक्ष में स्थानीय लोगों से मुलाकात की और भाजपा और जद-एस के स्थानीय नेताओं को पार्टी में शामिल किया.

5 मई को कार्ति ने सीवी रमन नगर इलाके में लोकप्रिय द रामेश्वरम कैफे में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के साथ कॉफी पी. इससे पहले, उन्होंने बीटीएम लेआउट क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और 3 मई को बयातारायणपुरा सीट कृष्णा बायरे गौड़ा से पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार भी किया.

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