अहमदाबाद: गुजरातियों को ठग कहने के मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जहां आज अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने तेजस्वी यादव के खिलाफ समन जारी किया है.
तेजस्वी यादव को समन : वकील प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि तेजस्वी यादव के मामले में अब तक कुल 15 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है. कोर्ट ने खास तौर पर तेजस्वी यादव के साथ उपमुख्यमंत्री शब्द हटाने और अब उन्हें आरोपी कहकर संबोधित करने का मुद्दा उठाया. आरोपियों के खिलाफ जांच के पर्याप्त आधार हैं और उसी को देखते हुए कोर्ट ने समन जारी किया है.
'तेजस्वी ने किया गुजरात का अपमान' : यहां यह महत्वपूर्ण है कि पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील द्वारा अदालती जांच बंद करने की प्रक्रिया पेश की गई थी. 8 अगस्त को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने पूछताछ पूरी होने के बाद सीआरपीसी के नियम 202 के तहत आरोपी तेजस्वी यादव के खिलाफ नियम 204 के तहत समन की मांग की. गुजरात में 364 जाति के लोग रहते हैं, किसी एक व्यक्ति को कुछ कहना ठीक है, लेकिन यह पूरे गुजरात के लोगों का अपमान है. आरोपी एक राज्य का उपमुख्यमंत्री है. उनके बयान का असर समाज के लोगों पर पड़ता है.
शिकायतकर्ता कौन है? : अहमदाबाद के नरोडा में रहने वाले हरेशभाई मेहता ने गुजरातियों को 'ठग' कहने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है. मेट्रो कोर्ट में आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि की शिकायत दायर की गई है. शिकायतकर्ता अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निरोधक एवं अपराध निवारण परिषद का उपाध्यक्ष हैं.
गुजरातियों को ठग में मामले में हुई सुनवाई : इस मामले पर 1 मई को मेट्रो कोर्ट में शिकायतकर्ता का बयान लिया गया. अभियोजक ने अदालत को बताया कि तेजस्वी यादव के बयान से एक गुजराती होने के नाते उन्हें ठेस पहुंची है. ये गुजरातियों की बदनामी है. अभियोजक ने आवश्यक प्रमाणपत्रों के साथ तेजस्वी यादव की वीडियो सीडी और पेन ड्राइव के साक्ष्य अदालत में पेश किये.
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