नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला (AgustaWestland scam) मामले में कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को जमानत देने से इनकार कर दिया. मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों कर रहे हैं.
कथित तौर पर 3,600 करोड़ रुपये का यह घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद से संबंधित है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि जेम्स की यह दलील कि उसे इस आधार पर जमानत पर रिहा किया जाए कि उसने मामलों में अधिकतम सजा का आधा हिस्सा काट लिया है, स्वीकार नहीं की जा सकती.
हालांकि पीठ ने कहा कि वह निचली अदालत के समक्ष नियमित जमानत के लिए रुख कर सकता है. जेम्स ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 436ए के तहत जमानत का अनुरोध किया, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति ने अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा का आधा हिस्सा काट लिया है तो उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है.
गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 3,600 करोड़ रुपये में 12 अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 2010 के एक सौदे में दलाली के आरोपों की जांच कर रहे हैं.
फरवरी 2013 में तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने जांच करने के लिए कहा था. ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें उस पर लेनदेन में कमीशन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था. मिशेल ने आरोप से इनकार किया है.
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(एजेंसियां)