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VVIP चॉपर घोटाला : ईडी ने आरोपी राजीव सक्सेना को किया गिरफ्तार

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Published : Sep 13, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Sep 13, 2021, 8:30 PM IST

ईडी ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी राजीव सक्सेना को एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया है. सक्सेना को 31 जनवरी, 2019 को दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था.

राजीव सक्सेना
राजीव सक्सेना

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी राजीव सक्सेना को एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया है. राजीव सक्सेना की गिरफ्तारी कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में की गई.

सक्सेना 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक है. उसे कथित तौर पर हेलीकॉप्टर सौदा मामले में एक बिचौलिए के रूप में काम किया था. रिश्वत के भुगतान के आरोप सामने आने के बाद 2014 में भारत ने इस सौदे को रद्द कर दिया था.

सक्सेना दुबई में रह रहा था. उसे 31 जनवरी, 2019 को भारत द्वारा संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित किया गया था, और मामले में एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

दुबई स्थित व्यवसायी, सक्सेना को को अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित 3,600 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में भारत प्रत्यर्पित किया गया था.

प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े बैंक ऋण मामले में गिरफ्तार किया है. बैंक ने मोजर बेयर, उसके निदेशक और अन्य पर बैंक से 354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था.

बैंक ने दावा किया था कि मोजर बेयर और उसके निदेशकों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को धन जारी करने के लिए प्रेरित करने के लिए कथित रूप से जाली और फर्जी दस्तावेज बनाए.

सीबीआई ने 2019 में रतुल पुरी, जो मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड (एमबीआईएल) के पूर्व कार्यकारी निदेशक हैं, उनके पिता दीपक पुरी और अन्य के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था.

व्यवसायी दीपक पुरी रतुल पुरी के पिता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के रिश्तेदार हैं.

पढ़ें - पंजाब : भारत-पाक सीमा पर दिखा ड्रोन, बीएसएफ ने की फायरिंग

इससे पहले ईडी ने माफी मांगते हुए कहा था कि सक्सेना ने कहा था कि वह अपनी जानकारी में तथ्यों का पूरा खुलासा करेंगे और उनका बयान दर्ज किया गया जिसके बाद उन्हें क्षमादान दिया गया. बाद में उन्हें पूर्ण प्रकटीकरण करने के अधीन एक अनुमोदक बनने की अनुमति दी गई थी.

बाद में ईडी ने फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया और उनकी मंजूरी को चुनौती दी और जांच को गुमराह करने और अपने बयानों में उनके द्वारा दिए गए वादे के अनुसार जानकारी का खुलासा नहीं करने का हवाला देते हुए जमानत रद्द करने की भी मांग की.

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपी राजीव सक्सेना को एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया है. राजीव सक्सेना की गिरफ्तारी कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में की गई.

सक्सेना 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक है. उसे कथित तौर पर हेलीकॉप्टर सौदा मामले में एक बिचौलिए के रूप में काम किया था. रिश्वत के भुगतान के आरोप सामने आने के बाद 2014 में भारत ने इस सौदे को रद्द कर दिया था.

सक्सेना दुबई में रह रहा था. उसे 31 जनवरी, 2019 को भारत द्वारा संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित किया गया था, और मामले में एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था.

दुबई स्थित व्यवसायी, सक्सेना को को अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित 3,600 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में भारत प्रत्यर्पित किया गया था.

प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े बैंक ऋण मामले में गिरफ्तार किया है. बैंक ने मोजर बेयर, उसके निदेशक और अन्य पर बैंक से 354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था.

बैंक ने दावा किया था कि मोजर बेयर और उसके निदेशकों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को धन जारी करने के लिए प्रेरित करने के लिए कथित रूप से जाली और फर्जी दस्तावेज बनाए.

सीबीआई ने 2019 में रतुल पुरी, जो मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड (एमबीआईएल) के पूर्व कार्यकारी निदेशक हैं, उनके पिता दीपक पुरी और अन्य के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक शिकायत पर मामला दर्ज किया था.

व्यवसायी दीपक पुरी रतुल पुरी के पिता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के रिश्तेदार हैं.

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इससे पहले ईडी ने माफी मांगते हुए कहा था कि सक्सेना ने कहा था कि वह अपनी जानकारी में तथ्यों का पूरा खुलासा करेंगे और उनका बयान दर्ज किया गया जिसके बाद उन्हें क्षमादान दिया गया. बाद में उन्हें पूर्ण प्रकटीकरण करने के अधीन एक अनुमोदक बनने की अनुमति दी गई थी.

बाद में ईडी ने फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाया और उनकी मंजूरी को चुनौती दी और जांच को गुमराह करने और अपने बयानों में उनके द्वारा दिए गए वादे के अनुसार जानकारी का खुलासा नहीं करने का हवाला देते हुए जमानत रद्द करने की भी मांग की.

Last Updated : Sep 13, 2021, 8:30 PM IST
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