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आगरा की जामा मस्जिद फिर चर्चा में आई, जानें क्या है पूरा मामला

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Published : Jul 29, 2023, 2:33 PM IST

आगरा में जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने की चर्चा है. इसका नाम श्री मनकामेश्वर मंदिर किए जाने की बात कही जा रही है. सीएम योगी की घोषणा से मंदिर के महंत खुश है. वहीं, जामा मस्जिद इतजामियां कमिटी चेयरमैन के कहा कि उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है.

आगरा जामा मस्जिद
आगरा जामा मस्जिद
आगरा की जामा मस्जिद फिर चर्चा में

आगरा: जामा मस्जिद एक बाद फिर चर्चा में है. सीएम योगी ने बीते बुधवार को आगरा दौरे पर मेट्रो ट्रेन के हाई स्पीड ट्रायल को हरी झंडी दिखाने के साथ ही प्रस्तावित जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने को हवा दी. सीएम योगी ने अपने सम्बोधन में प्रायोरिटी कॉरिडोर के छह किलोमीटर लम्बे ताज पूर्वी गेट मेट्रो स्टेशन से श्री मनकामेश्वर मंदिर मेट्रो स्टेशन तक फरवरी 2024 तक मेट्रो चलाने की बात कही. जबकि, सीएम योगी के इस बयान से मेट्रो अधिकारी भी तैयारी में जुट गए हैं. प्रस्तावित जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का नाम श्री मनःकामेश्वर मंदिर किया जाए. सीएम योगी की घोषणा से श्री मनःकामेश्वर मंदिर के महंत और हिंदूवादी खुश हैं तो जामा मस्जिद इतजामियां कमिटी चेयरमैन ने कहा कि इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, शहर में इस मेट्रो स्टेशन का नाम डॉ. भीमराव आम्बेडकर रखने जाने की मांग की जा रही हैं.

जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन
जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन

ढाई साल में तीन बार चर्चा

पहली बार: जनवरी 2021 में जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को लेकर समर्पण कार्यक्रम चल रहा था. तब एक कार्यक्रम में आगरा मेट्रो के प्रायोरिटी काॅरिडोर के ताज पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक के छह किमी. के मेट्रो ट्रैक के जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का नाम श्रीमनकामेश्वर महादेव मंदिर किए जाने की मांग उठी थी.

दूसरी बार: अप्रैल 2021 में मथुरा कोर्ट में दायर की गई याचिका में यह मांग की गई थी कि मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर गिराने के बाद मुगल शासक औरंगजेब यहां से भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां लेकर आगरा गया था. उन्हें जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया था. याचिका में कोर्ट से रेडियोलॉजी टेस्ट के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वे कराने की मांग की थी. अभी मामला कोर्ट में है.

तीसरी बार: 11 मई 2023 को श्रीकृष्णजन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट की ओर से आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियाों के नीचे दबी भगवान केशव देव के विग्रहों को वापस दिलवाने की न्यायालय सिविल जज (प्रवर खण्ड) आगरा में प्रार्थना की है. न्यायालय सिविल जज (प्रवर खण्ड) आगरा में वाद डाला था. इस वाद से जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी, छोटी मस्जिद दीवाने खास जहांआरा मस्जिद आगरा किला, यूपी सेंट्रल वक्ख बोर्ड लखनऊ और श्रीकृष्ण सेवा संस्थान को नोटिस भेजे गए हैं. जिस पर कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस तरह जामा मस्जिद चर्चा में आई थी.

आगरा का श्री मनकामेश्वर मंदिर
आगरा का श्री मनकामेश्वर मंदिर

सीएम योगी और जनता का धन्यवाद

श्री मनःकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने बताया कि सीएम योगी का धन्यवाद है. यह जनता की मांग थी. मेरी भी मांग थी. सीएम योगी सनातन ध्वजा के ध्योतक हैं. उन्होंने आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के एक मेट्रो स्टेशन का नाम श्रीमन:कामेश्वर मंदिर नाम रखा है. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. पूरे शहर को धन्यवाद देता हूं. जिन्होंने मेरी इस मांग के लिए मेरा साथ दिया. आमजन से लेकर जन नेता ने मेरा साथ दिया. नौ जनवरी 2021 में श्रीराम जन्मभूमि को लेकर एक चर्चा थी. वहीं से आगरा की जनता ने मेट्रो स्टेशन का नाम श्रीमन:कामेश्वर मंदिर किए जाने की मांग उठाई थी. मैंने भी इसमें हल्की सी पुष्टि की थी. मेरी सीएम योगी की एक मांग है कि, पुराने आगरा शहर का भी भ्रमण करें. यहां का भी विकास करें.

आगरा जामा मस्जिद
आगरा जामा मस्जिद
हमें कोई आपत्ति नहीं

इस्लामिया लोकल एजेंसी के अध्यक्ष जाहिद कुरैशी ने बताया कि जामा मस्जिद मेट्रा स्टेशन का नाम बदलकर उसे श्रीमन:कामेश्वर मंदिर मेट्रो स्टेशन किया जा रहा है. इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है. यह सरकार को फैसला करना है. फिर, मेट्रो स्टेशन का नाम जामा मस्जिद रहे या श्रीमन:कामेश्वर मंदिर रहे. दोनों नाम धार्मिक हैं. लोगों की आस्था से जुड़े हुए हैं. इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है.

किसी महापुरुष के नाम से जाना जाए मेट्रो स्टेशन

समाज सेवी मोहम्मद फैजल का कहना है कि सदियों से जिस जगह का नाम चला आ रहा है. वो जगह उसी नाम से मशहूर होती है. वहां पर नई चीज शुरू की जा रही है. तो उसका नाम भी उसी मशहूर जगह के नाम पर होना चाहिए. क्योंकि, आज देश और प्रदेश में शहरों के नाम बदले जा रहे हैं. इसलिए, मेट्रो स्टेशन का नाम श्रीमन:कामेश्वर मंदिर मेट्रो स्टेशन किया जा रहा है. इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, वो जगह ज्यादा किस नाम से मशहूर है, इस पर सरकार को गौर करना चाहिए. धार्मिक जगह के नाम पर मेट्रो स्टेशन का नाम नहीं रखा जाए. क्योंकि, इसमें कोई अड़चन आ रही है, तो मेरी राय यह है कि इस मेट्रो स्टेशन का नाम किसी महापुरुष के नाम पर कर दिया जाए.

डाॅ. भीमराव आंबेडकर के नाम से हो मेट्रो स्टेशन

डाॅ. आंबेडकर अनुयायी एकता फाउंडेशन के अध्यक्ष आशीष प्रिंस ने कहा कि बिजलीघर पर जो मेट्रो स्टेशन बन रहा है. उसके सामने बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर की विशाल आदमकद प्रतिमा है. जहां पर यह प्रतिमा लगी है, उसे डाॅ. भीमराव आंबेडकर पार्क भी कहा जाता है. इसलिए, डाॅ. भीमराव आंबेडकर के अनुयायियों की मांग है कि इस मेट्रो स्ट्रेशन का नाम बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर के नाम से किया जाए. इसको लेकर हम सरकार के नाम जिला प्रशासन के जरिए ज्ञापन भी दे चुके हैं.

जामा मस्जिद शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा ने बनवाई थी

इतिहासकार राजकिशोर राजे बताने हैं कि मुगल शहंशाह शाहजहां के 14 संतानें थीं. इसमें मेहरून्निसा बेगम, जहांआरा, दारा शिकोह, शाह शूजा, रोशनआरा, औरंगजेब, उमेदबक्श, सुरैया बानो बेगम, मुराद लुतफुल्ला, दौलत आफजा और गौहरा बेगम शामिल थे. एक बच्चा पैदा होते ही मर गया था. शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा थी. उसने अपने वजीफा की रकम से सन् 1643 से 1648 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण कराया था. जामा मस्जिद 271 फीट लंबी और 270 फीट चौड़ी है. इसमें करीब पांच लाख रुपये खर्च हुए थे. जामा मस्जिद में एक साथ 10 हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं.

बाबा महादेव ने मनोकामना पूर्ण होने पर स्थापित किया था शिवलिंग

श्री मन:कामेश्वर महादेव मंदिर के महंत योगेश पुरी बताते हैं कि प्रचलित कथा के अनुसार, द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण का मथुरा में जन्म हुआ था, तो भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप के दर्शन करने की कामना हृदय में लिए कैलाश पर्वत से चलकर भगवान शंकर यहां यमुना किनारे आए थे. उन्होंने यहां पर एक रात बिताई थी और साधना भी की थी. भगवान शंकर ने यहां पर तब प्रण लिया था कि कान्हा को अपनी गोद में खिला पाए तो यहां पर शिवलिंग की स्थापना करेंगे. अगले दिन भगवान शंकर जब गोकुल में नंदबाबा के दरवाजे पर पहुंचे तो मां यशोदा ने भगवान शंकर का भस्म-भभूत और जटाधारी रूप देखकर उन्हें कान्हा गोद में देने की बात दूर दर्शन कराने से इनकार कर दिया.

यशोदा ने कहा कि बाबा आपको देखकर कान्हा डर जाएगा. इस पर भगवान शंकर पास में स्थित बरागद के पेड़ के नीचे ध्यान में बैठ गए. जब कान्हा को पता चला कि भगवान शंकर उनके घर आए और मां यशोदा ने उन्हें यहां से चलता कर दिया तो कान्हा ने रोने की लीला की. कान्हा को रोता देखकर मां यशोदा घबरा गईं और भगवान शंकर के पास कान्हा को लेकर पहुंचीं. यह देख भगवान शंकर ने कान्हा को गोद में लिया. उनके दर्शन किए. तभी कान्हा चुप हो गए. इसके बाद भगवान शंकर लौट कर आए और यहां पर अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर शिवलिंग की स्थापना की. बाबा शंकर ने कहा था कि जैसे मेरी यहां मनोकामना पूरी हुई है, वैसे ही सच्चे मन से यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होगी. यही श्री मन:कामेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास है.

यह भी पढ़ें: ट्रैफिक पुलिस 'ऑपरेशन क्लीन' से सुधारेगी चौराहे-तिराहे की सूरत, अवैध पार्किंग भी हटाए जाएंगे

आगरा की जामा मस्जिद फिर चर्चा में

आगरा: जामा मस्जिद एक बाद फिर चर्चा में है. सीएम योगी ने बीते बुधवार को आगरा दौरे पर मेट्रो ट्रेन के हाई स्पीड ट्रायल को हरी झंडी दिखाने के साथ ही प्रस्तावित जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने को हवा दी. सीएम योगी ने अपने सम्बोधन में प्रायोरिटी कॉरिडोर के छह किलोमीटर लम्बे ताज पूर्वी गेट मेट्रो स्टेशन से श्री मनकामेश्वर मंदिर मेट्रो स्टेशन तक फरवरी 2024 तक मेट्रो चलाने की बात कही. जबकि, सीएम योगी के इस बयान से मेट्रो अधिकारी भी तैयारी में जुट गए हैं. प्रस्तावित जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का नाम श्री मनःकामेश्वर मंदिर किया जाए. सीएम योगी की घोषणा से श्री मनःकामेश्वर मंदिर के महंत और हिंदूवादी खुश हैं तो जामा मस्जिद इतजामियां कमिटी चेयरमैन ने कहा कि इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, शहर में इस मेट्रो स्टेशन का नाम डॉ. भीमराव आम्बेडकर रखने जाने की मांग की जा रही हैं.

जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन
जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन

ढाई साल में तीन बार चर्चा

पहली बार: जनवरी 2021 में जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को लेकर समर्पण कार्यक्रम चल रहा था. तब एक कार्यक्रम में आगरा मेट्रो के प्रायोरिटी काॅरिडोर के ताज पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक के छह किमी. के मेट्रो ट्रैक के जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन का नाम श्रीमनकामेश्वर महादेव मंदिर किए जाने की मांग उठी थी.

दूसरी बार: अप्रैल 2021 में मथुरा कोर्ट में दायर की गई याचिका में यह मांग की गई थी कि मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर गिराने के बाद मुगल शासक औरंगजेब यहां से भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां लेकर आगरा गया था. उन्हें जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया था. याचिका में कोर्ट से रेडियोलॉजी टेस्ट के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वे कराने की मांग की थी. अभी मामला कोर्ट में है.

तीसरी बार: 11 मई 2023 को श्रीकृष्णजन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट की ओर से आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियाों के नीचे दबी भगवान केशव देव के विग्रहों को वापस दिलवाने की न्यायालय सिविल जज (प्रवर खण्ड) आगरा में प्रार्थना की है. न्यायालय सिविल जज (प्रवर खण्ड) आगरा में वाद डाला था. इस वाद से जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी, छोटी मस्जिद दीवाने खास जहांआरा मस्जिद आगरा किला, यूपी सेंट्रल वक्ख बोर्ड लखनऊ और श्रीकृष्ण सेवा संस्थान को नोटिस भेजे गए हैं. जिस पर कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस तरह जामा मस्जिद चर्चा में आई थी.

आगरा का श्री मनकामेश्वर मंदिर
आगरा का श्री मनकामेश्वर मंदिर

सीएम योगी और जनता का धन्यवाद

श्री मनःकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने बताया कि सीएम योगी का धन्यवाद है. यह जनता की मांग थी. मेरी भी मांग थी. सीएम योगी सनातन ध्वजा के ध्योतक हैं. उन्होंने आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के एक मेट्रो स्टेशन का नाम श्रीमन:कामेश्वर मंदिर नाम रखा है. मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. पूरे शहर को धन्यवाद देता हूं. जिन्होंने मेरी इस मांग के लिए मेरा साथ दिया. आमजन से लेकर जन नेता ने मेरा साथ दिया. नौ जनवरी 2021 में श्रीराम जन्मभूमि को लेकर एक चर्चा थी. वहीं से आगरा की जनता ने मेट्रो स्टेशन का नाम श्रीमन:कामेश्वर मंदिर किए जाने की मांग उठाई थी. मैंने भी इसमें हल्की सी पुष्टि की थी. मेरी सीएम योगी की एक मांग है कि, पुराने आगरा शहर का भी भ्रमण करें. यहां का भी विकास करें.

आगरा जामा मस्जिद
आगरा जामा मस्जिद
हमें कोई आपत्ति नहीं

इस्लामिया लोकल एजेंसी के अध्यक्ष जाहिद कुरैशी ने बताया कि जामा मस्जिद मेट्रा स्टेशन का नाम बदलकर उसे श्रीमन:कामेश्वर मंदिर मेट्रो स्टेशन किया जा रहा है. इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है. यह सरकार को फैसला करना है. फिर, मेट्रो स्टेशन का नाम जामा मस्जिद रहे या श्रीमन:कामेश्वर मंदिर रहे. दोनों नाम धार्मिक हैं. लोगों की आस्था से जुड़े हुए हैं. इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है.

किसी महापुरुष के नाम से जाना जाए मेट्रो स्टेशन

समाज सेवी मोहम्मद फैजल का कहना है कि सदियों से जिस जगह का नाम चला आ रहा है. वो जगह उसी नाम से मशहूर होती है. वहां पर नई चीज शुरू की जा रही है. तो उसका नाम भी उसी मशहूर जगह के नाम पर होना चाहिए. क्योंकि, आज देश और प्रदेश में शहरों के नाम बदले जा रहे हैं. इसलिए, मेट्रो स्टेशन का नाम श्रीमन:कामेश्वर मंदिर मेट्रो स्टेशन किया जा रहा है. इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, वो जगह ज्यादा किस नाम से मशहूर है, इस पर सरकार को गौर करना चाहिए. धार्मिक जगह के नाम पर मेट्रो स्टेशन का नाम नहीं रखा जाए. क्योंकि, इसमें कोई अड़चन आ रही है, तो मेरी राय यह है कि इस मेट्रो स्टेशन का नाम किसी महापुरुष के नाम पर कर दिया जाए.

डाॅ. भीमराव आंबेडकर के नाम से हो मेट्रो स्टेशन

डाॅ. आंबेडकर अनुयायी एकता फाउंडेशन के अध्यक्ष आशीष प्रिंस ने कहा कि बिजलीघर पर जो मेट्रो स्टेशन बन रहा है. उसके सामने बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर की विशाल आदमकद प्रतिमा है. जहां पर यह प्रतिमा लगी है, उसे डाॅ. भीमराव आंबेडकर पार्क भी कहा जाता है. इसलिए, डाॅ. भीमराव आंबेडकर के अनुयायियों की मांग है कि इस मेट्रो स्ट्रेशन का नाम बाबा साहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर के नाम से किया जाए. इसको लेकर हम सरकार के नाम जिला प्रशासन के जरिए ज्ञापन भी दे चुके हैं.

जामा मस्जिद शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा ने बनवाई थी

इतिहासकार राजकिशोर राजे बताने हैं कि मुगल शहंशाह शाहजहां के 14 संतानें थीं. इसमें मेहरून्निसा बेगम, जहांआरा, दारा शिकोह, शाह शूजा, रोशनआरा, औरंगजेब, उमेदबक्श, सुरैया बानो बेगम, मुराद लुतफुल्ला, दौलत आफजा और गौहरा बेगम शामिल थे. एक बच्चा पैदा होते ही मर गया था. शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा थी. उसने अपने वजीफा की रकम से सन् 1643 से 1648 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण कराया था. जामा मस्जिद 271 फीट लंबी और 270 फीट चौड़ी है. इसमें करीब पांच लाख रुपये खर्च हुए थे. जामा मस्जिद में एक साथ 10 हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं.

बाबा महादेव ने मनोकामना पूर्ण होने पर स्थापित किया था शिवलिंग

श्री मन:कामेश्वर महादेव मंदिर के महंत योगेश पुरी बताते हैं कि प्रचलित कथा के अनुसार, द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण का मथुरा में जन्म हुआ था, तो भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप के दर्शन करने की कामना हृदय में लिए कैलाश पर्वत से चलकर भगवान शंकर यहां यमुना किनारे आए थे. उन्होंने यहां पर एक रात बिताई थी और साधना भी की थी. भगवान शंकर ने यहां पर तब प्रण लिया था कि कान्हा को अपनी गोद में खिला पाए तो यहां पर शिवलिंग की स्थापना करेंगे. अगले दिन भगवान शंकर जब गोकुल में नंदबाबा के दरवाजे पर पहुंचे तो मां यशोदा ने भगवान शंकर का भस्म-भभूत और जटाधारी रूप देखकर उन्हें कान्हा गोद में देने की बात दूर दर्शन कराने से इनकार कर दिया.

यशोदा ने कहा कि बाबा आपको देखकर कान्हा डर जाएगा. इस पर भगवान शंकर पास में स्थित बरागद के पेड़ के नीचे ध्यान में बैठ गए. जब कान्हा को पता चला कि भगवान शंकर उनके घर आए और मां यशोदा ने उन्हें यहां से चलता कर दिया तो कान्हा ने रोने की लीला की. कान्हा को रोता देखकर मां यशोदा घबरा गईं और भगवान शंकर के पास कान्हा को लेकर पहुंचीं. यह देख भगवान शंकर ने कान्हा को गोद में लिया. उनके दर्शन किए. तभी कान्हा चुप हो गए. इसके बाद भगवान शंकर लौट कर आए और यहां पर अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर शिवलिंग की स्थापना की. बाबा शंकर ने कहा था कि जैसे मेरी यहां मनोकामना पूरी हुई है, वैसे ही सच्चे मन से यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होगी. यही श्री मन:कामेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास है.

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