नई दिल्ली : सेना में भर्ती के लिए आई केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Yojana) के विरोध में देश के विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन के चलते 2000 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया था. यह जानकारी राज्यसभा में दी गई. बता दें कि 15 जून से 23 जून 2022 के दौरान अग्निपथ योजना के विरोध में देश के 62 स्थानों पर कुल 2132 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था.
इस बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railways Minister Ashwini Vaishnaw) ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में जानकारी दी. वैष्णव ने कहा, अग्निपथ योजना शुरू होने के बाद हुए आंदोलन की वजह से सार्वजनिक अव्यवस्था के कारण रेल सेवाओं में व्यवधान के कारण यात्रियों को दी गई धनवापसी की राशि के संबंध में अलग से डेटा नहीं रखा गया है. हालांकि, 14 से 30 जून की अवधि के दौरान, कुल धनवापसी ट्रेनों को रद्द करने के लिए लगभग 102.96 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि आंदोलन से रेलवे संपत्ति को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
रेल मंत्री ने सदन को बताया कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं. उन्होंने कहा, 'इसलिए, राज्य सरकारें अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों जैसे सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) / जिला पुलिस के माध्यम से रेलवे पर अपराध की रोकथाम, पता लगाने, पंजीकरण और जांच और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं.' मंत्री ने राज्यसभा को आगे बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और उससे जुड़े मामलों के लिए जीआरपी / जिला पुलिस के प्रयासों का पूरक है. रेलवे संपत्ति सहित सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, नष्ट करने के मामले संबंधित जीआरपी/राज्य पुलिस द्वारा आईपीसी और रेलवे अधिनियम के तहत दर्ज और जांच की जाती है.
रेल मंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना की वजह से धरना-प्रदर्शन आदि की वजह से रद्द की गई सभी प्रभावित ट्रेनों को बहाल कर दिया गया है. गौरतलब है कि अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे जिसमें रेलवे संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचाने के साथ ही आग लगा दी गई थी. इस आंदोलन में सबसे अधिक बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और तेलंगाना प्रभावित हुए थे.
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