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अटर्नी जनरल का चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की अनुमति देने से इनकार

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Published : Oct 8, 2021, 9:55 PM IST

भारत के अटर्नी जनरल (Attorney General of India) केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) ने आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azaad) के खिलाफ कोर्ट ऑफ कंटेम्पट की कार्यवाही की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

केके वेणुगोपाल
केके वेणुगोपाल

नई दिल्ली : भारत के अटर्नी जनरल (Attorney General of India) केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) ने आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azaad) के न्यायपालिका के खिलाफ दिए बयानों के लिए अवमानना की ​​कार्यवाही (contempt proceedings) शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है.

एडवोकेट विनीत जिंदल (Advocate Vineet Jindal) ने एक टीवी चैनल के शो के दौरान दिए गए उनके बयानों के आधार पर आजाद के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि आजाद ने आरोप लगाया था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति उनके व्यक्तिगत संबंधों (personal relations) के आधार पर की जाती है और प्रक्रिया पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है.

जिंदल ने तर्क दिया था कि इस तरह के बयान राजनीतिक नेताओं के लिए न्यायपालिका में लोगों के विश्वास (faith of people ) को प्रभावित करने के लिए एक मिसाल कायम करेंगे.

एजी वेणुगोपाल ने स्वीकार किया कि दिए गए बयान गंभीर थे, लेकिन उन्होंने कहा कि वे प्रशासन को प्रभावित नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा, 'मैंने आपके ईमेल दिनांक 27.8.2021 के कंटेंट का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है और चंद्रशेखर आजाद द्वारा दिए गए बयानों का वीडियो देखा है, जो हिंदी में हैं. यह सच है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं.'

पढ़ें - कॉलेजियम ने न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की दी मंजूरी

आरोप एक सामान्य प्रकृति के हैं और इनमें पूरी तरह से विवरणों की कमी है. इतना ही नहीं, ऐसा लगता है कि उन्हें उकसाने के इरादे से बनाया गया है, लेकिन फिर भी मुझे विश्वास नहीं है कि जनता का कोई भी सदस्य इस तरह के बयानों को गंभीरता से लेगा. इसलिए मेरी राय है कि ये बयान न्याय के प्रशासन को काफी हद तक प्रभावित नहीं करते हैं या जनता के दिमाग में सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को कम नहीं कर रहे हैं.

नई दिल्ली : भारत के अटर्नी जनरल (Attorney General of India) केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) ने आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azaad) के न्यायपालिका के खिलाफ दिए बयानों के लिए अवमानना की ​​कार्यवाही (contempt proceedings) शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है.

एडवोकेट विनीत जिंदल (Advocate Vineet Jindal) ने एक टीवी चैनल के शो के दौरान दिए गए उनके बयानों के आधार पर आजाद के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि आजाद ने आरोप लगाया था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति उनके व्यक्तिगत संबंधों (personal relations) के आधार पर की जाती है और प्रक्रिया पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है.

जिंदल ने तर्क दिया था कि इस तरह के बयान राजनीतिक नेताओं के लिए न्यायपालिका में लोगों के विश्वास (faith of people ) को प्रभावित करने के लिए एक मिसाल कायम करेंगे.

एजी वेणुगोपाल ने स्वीकार किया कि दिए गए बयान गंभीर थे, लेकिन उन्होंने कहा कि वे प्रशासन को प्रभावित नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा, 'मैंने आपके ईमेल दिनांक 27.8.2021 के कंटेंट का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है और चंद्रशेखर आजाद द्वारा दिए गए बयानों का वीडियो देखा है, जो हिंदी में हैं. यह सच है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं.'

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आरोप एक सामान्य प्रकृति के हैं और इनमें पूरी तरह से विवरणों की कमी है. इतना ही नहीं, ऐसा लगता है कि उन्हें उकसाने के इरादे से बनाया गया है, लेकिन फिर भी मुझे विश्वास नहीं है कि जनता का कोई भी सदस्य इस तरह के बयानों को गंभीरता से लेगा. इसलिए मेरी राय है कि ये बयान न्याय के प्रशासन को काफी हद तक प्रभावित नहीं करते हैं या जनता के दिमाग में सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को कम नहीं कर रहे हैं.

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