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कांग्रेस का आरोप, पेगासस के बाद नया स्पाइवेयर कॉग्नाइट खरीदने की कोशिश में केंद्र - Pegasus spyware

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा (Congress media head Pawan Khera ) ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार पेगासस के बाद अब नया स्पाइवेयर कॉग्नाइट खरीदने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि नए स्पाइवेयर पर सरकार 986 करोड़ रुपये खर्च करने को तैयार है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Centre trying to buy new spyware Cognyte
पेगासस के बाद नया स्पाइवेयर कॉग्नाइट खरीदने की कोशिश में केंद्र
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Published : Apr 10, 2023, 3:31 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया है कि केंद्र इजराइल से पेगासस स्पाइवेयर खरीदने के बाद स्पाइवेयर कॉग्नाइट खरीदने की कोशिश कर रहा है. कांग्रेस ने इस कदम को लोकतंत्र विरोधी करार दिया है. पेगासस स्पाइवेयर, कैंब्रिज एनालिटिका और टीम जॉर्ज की तरह क्या मोदी सरकार ने मीडिया घरानों, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं, न्यायपालिका और संस्थानों की जासूसी करने के लिए कॉग्नाइट नामक एक नया स्पाइवेयर खरीदा है? सरकार नए स्पाइवेयर पर 986 करोड़ रुपये खर्च करने को तैयार है.

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा (Congress media head Pawan Khera ) ने कहा कि व्यापार रिपोर्टों के मुताबिक सरकार पेगासस की तुलना में कम प्रोफाइल वाले एक नए स्पाइवेयर की तलाश कर रही है, जिसे अधिकांश देशों द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि रक्षा और खुफिया अधिकारियों ने एनएसपी समूह के कम उजागर प्रतिस्पर्धियों से नया स्पाइवेयर हासिल करने का फैसला किया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या मोदी सरकार एक स्पाइवेयर को अंतिम रूप देने के लिए विचार-विमर्श के अंतिम चरण में है. क्या यह सच है कि रक्षा मंत्रालय ने भी इस संबंध में एक प्रस्ताव के अनुरोध पर काम करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि 2018 में पार्टी ने कैंब्रिज एनालिटिका और भाजपा के बीच संदिग्ध लिंक को साबित कर दिया था.

उन्होंने कहा, 'कैसे कैंब्रिज एनालिटिका ने 2014 के लोकसभा चुनावों में और पांच अन्य राज्यों बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा के लिए प्रचार किया, हम सभी जानते हैं.' उन्होंने कहा, हाल ही में हमने टीम जॉर्ज के नाम से इज़राइल से हैकर्स की एक टीम का पर्दाफाश किया, जिसका इस्तेमाल लक्षित दुष्प्रचार अभियानों को फैलाकर भारतीय चुनावों में दखल देने के लिए बीजेपी इकोसिस्टम द्वारा किया गया था. उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार एक बार फिर अवैध और असंवैधानिक निगरानी रैकेट में अपनी भूमिका के लिए देश के सामने बेनकाब हो गई है.'

खेड़ा ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश में दो जासूस हैं और वे किसी पर भरोसा नहीं करते, इसलिए वे जनता के करोड़ों रुपये का इस्तेमाल जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने में करते हैं. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उनका झूठ उजागर न हो जाए. खेड़ा ने कहा, 'अगर मोदीजी लोगों की जासूसी करने के लिए स्पाईवेयर पर इतना खर्च कर रहे हैं, तो वे देश को यह क्यों नहीं बता सकते कि अडाणी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं?'

कांग्रेस नेता ने सरकार से पूछा कि पीएम या एचएम या एनएसए ने अवैध स्पाइवेयर पेगासस को पहले क्यों अधिकृत किया और अब कौन नए स्पायवेयर कॉग्निट या प्रीडेटर या क्वाड्रीम या इसके प्रतिस्थापन को अधिकृत कर रहा है. खेड़ा ने कहा कि नागरिकों के खिलाफ अवैध स्पाइवेयर खरीदने और तैनात करने के दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए. क्या मंत्री आपराधिक रूप से दोषी नहीं हैं और टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 24, 25 और 26 और आईटी अधिनियम 2000 की धारा 66 के संदर्भ में दंडित होने के लिए उत्तरदायी हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि पेगासस मामले को देख रही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली समिति और पूर्व सीजेआई ने कहा था कि सरकार ने जांच में पूरा सहयोग नहीं किया. उन्होंने कहा, जांच समिति की रिपोर्ट अभी भी सील है. उन्होंने कहा कि 66.7 करोड़ भारतीयों का डेटा चोरी पाया गया, जिससे उनकी निजता का अधिकार खतरे में पड़ गया है.

ये भी पढ़ें - पेगासस जासूसी मामले में टेक्निकल कमेटी को दिए 29 में से 5 फोन में मिले मैलवेयर

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया है कि केंद्र इजराइल से पेगासस स्पाइवेयर खरीदने के बाद स्पाइवेयर कॉग्नाइट खरीदने की कोशिश कर रहा है. कांग्रेस ने इस कदम को लोकतंत्र विरोधी करार दिया है. पेगासस स्पाइवेयर, कैंब्रिज एनालिटिका और टीम जॉर्ज की तरह क्या मोदी सरकार ने मीडिया घरानों, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं, न्यायपालिका और संस्थानों की जासूसी करने के लिए कॉग्नाइट नामक एक नया स्पाइवेयर खरीदा है? सरकार नए स्पाइवेयर पर 986 करोड़ रुपये खर्च करने को तैयार है.

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा (Congress media head Pawan Khera ) ने कहा कि व्यापार रिपोर्टों के मुताबिक सरकार पेगासस की तुलना में कम प्रोफाइल वाले एक नए स्पाइवेयर की तलाश कर रही है, जिसे अधिकांश देशों द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि रक्षा और खुफिया अधिकारियों ने एनएसपी समूह के कम उजागर प्रतिस्पर्धियों से नया स्पाइवेयर हासिल करने का फैसला किया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि क्या मोदी सरकार एक स्पाइवेयर को अंतिम रूप देने के लिए विचार-विमर्श के अंतिम चरण में है. क्या यह सच है कि रक्षा मंत्रालय ने भी इस संबंध में एक प्रस्ताव के अनुरोध पर काम करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि 2018 में पार्टी ने कैंब्रिज एनालिटिका और भाजपा के बीच संदिग्ध लिंक को साबित कर दिया था.

उन्होंने कहा, 'कैसे कैंब्रिज एनालिटिका ने 2014 के लोकसभा चुनावों में और पांच अन्य राज्यों बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा के लिए प्रचार किया, हम सभी जानते हैं.' उन्होंने कहा, हाल ही में हमने टीम जॉर्ज के नाम से इज़राइल से हैकर्स की एक टीम का पर्दाफाश किया, जिसका इस्तेमाल लक्षित दुष्प्रचार अभियानों को फैलाकर भारतीय चुनावों में दखल देने के लिए बीजेपी इकोसिस्टम द्वारा किया गया था. उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार एक बार फिर अवैध और असंवैधानिक निगरानी रैकेट में अपनी भूमिका के लिए देश के सामने बेनकाब हो गई है.'

खेड़ा ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश में दो जासूस हैं और वे किसी पर भरोसा नहीं करते, इसलिए वे जनता के करोड़ों रुपये का इस्तेमाल जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने में करते हैं. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उनका झूठ उजागर न हो जाए. खेड़ा ने कहा, 'अगर मोदीजी लोगों की जासूसी करने के लिए स्पाईवेयर पर इतना खर्च कर रहे हैं, तो वे देश को यह क्यों नहीं बता सकते कि अडाणी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं?'

कांग्रेस नेता ने सरकार से पूछा कि पीएम या एचएम या एनएसए ने अवैध स्पाइवेयर पेगासस को पहले क्यों अधिकृत किया और अब कौन नए स्पायवेयर कॉग्निट या प्रीडेटर या क्वाड्रीम या इसके प्रतिस्थापन को अधिकृत कर रहा है. खेड़ा ने कहा कि नागरिकों के खिलाफ अवैध स्पाइवेयर खरीदने और तैनात करने के दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए. क्या मंत्री आपराधिक रूप से दोषी नहीं हैं और टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 24, 25 और 26 और आईटी अधिनियम 2000 की धारा 66 के संदर्भ में दंडित होने के लिए उत्तरदायी हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि पेगासस मामले को देख रही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली समिति और पूर्व सीजेआई ने कहा था कि सरकार ने जांच में पूरा सहयोग नहीं किया. उन्होंने कहा, जांच समिति की रिपोर्ट अभी भी सील है. उन्होंने कहा कि 66.7 करोड़ भारतीयों का डेटा चोरी पाया गया, जिससे उनकी निजता का अधिकार खतरे में पड़ गया है.

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