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ओसामा की हत्या के बाद जरदारी ने पत्नी बेनजीर को याद किया : ओबामा

सितंबर 2011 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओसामा बिन लादेन की हत्या की खबर दी, तो पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जरदारी ने उन्हें बधाई दी. साथ ही अपनी पत्नी बेनजीर को याद किया. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ पत्रकार संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

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बराक ओबामा
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Published : Nov 18, 2020, 8:17 PM IST

नई दिल्ली : अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को संकोच हो रहा था कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को कैसे सूचना दी जाए. कारण यह था कि अमेरिका ने लादेन को मारने के लिए पाकिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन किया था. बराक ओबामा को हैरत हुई, जब जरदारी खबर सुनने के बाद बड़े इत्मिनान से बात कर रहे थे. 2 सितंबर 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में एक घर पर किए गए एक साहसी मिशन में अमेरिकी नौसेना के कमांडो की एक टीम ने लादेन को गोली मार दी थी.

पाकिस्तान सरकार को इस अमेरिकी मिशन के बारे में अंधेरे में रखा गया था. लादेन की गोली मारकर हत्या करने के तुरंत बाद ओबामा ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन को फोन किया और साथ ही यूके के पीएम डेविड कैमरून को भी मामले की जानकारी दी. अपनी हालिया प्रकाशित पुस्तक ए प्रॉमिस लैंड में इस घटना के बारे में लिखते हुए ओबामा ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि मेरी सबसे कठिन बात पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ होगी. वह निश्चित रूप से पाकिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता के उल्लंघन का मुद्दा उठाएंगे. हालांकि, जब मैंने उन्हें फोन किया, तो जरदारी ने मुझे बधाई दी और कहा, यह बहुत अच्छी खबर है.

पढ़ें-अमेरिका ने हमलावर आईसीबीएम को मार गिराने का किया परीक्षण

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने भी इसके बाद संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के तत्कालीन अध्यक्ष माइक मुलेन से बात की थी. पूर्व राष्ट्रपति लिखते हैं कि उनकी भी बातचीत विनम्र थी. कयानी ने अनुरोध किया था कि हम लादेन वाली जगह से जल्द से जल्द निकलें, ताकि पाकिस्तानी जनता की प्रतिक्रिया का प्रबंधन करने में मदद मिल सके.

ओबामा ने लिखा कि जरदारी ने कहा कि उनकी पत्नी बेनजीर भुट्टो को चरमपंथियों ने अल कायदा के साथ मिलकर मार डाला था. रावलपिंडी में 27 दिसंबर 2007 को एक बम विस्फोट में बेनजीर भुट्टो को मार दिया गया था. माना जाता है कि अल-कायदा और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस धमाके को अंजाम दिया. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी लिखा है कि लादेन को मारने के बाद समुद्र में दफनाने की तैयारी पहले से थी, ताकि जिहादियों को उसके कब्र को तीर्थ स्थल बनाने का मौका न मिले. राष्ट्रपति ओबामा ने ह्वाइट हाउस में नेपच्यून स्पीयर नाम के इस ऑपरेशन को खुद देखा था.

ओबामा ने लिखा है कि यह राष्ट्रपति के रूप में पहली और एकमात्र बार था, जब मैं वास्तविक समय में एक सैन्य अभियान को देख रहा था. ओबामा के साथ उनके सहयोगी वर्तमान राष्ट्रपति चुनाव विजेता जो बिडेन और राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के सदस्य शामिल थे. बाद में ओसामा को मारने के मिशन में भाग लेने वाले लगभग 30 नेवी सील कमांडो की टीम से मुलाकात का जिक्र करते हुए ओबामा ने लिखा है कि उन्हें आश्चर्य हुआ कि टीम के सदस्य सख्त कमांडो के विपरीत दिखते हैं. कई अकाउंटेंट या उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्यों के तरह दिख रहे थे. ज्यादातर शुरुआती 40वें वर्ष में थे.

नई दिल्ली : अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को संकोच हो रहा था कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को कैसे सूचना दी जाए. कारण यह था कि अमेरिका ने लादेन को मारने के लिए पाकिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन किया था. बराक ओबामा को हैरत हुई, जब जरदारी खबर सुनने के बाद बड़े इत्मिनान से बात कर रहे थे. 2 सितंबर 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में एक घर पर किए गए एक साहसी मिशन में अमेरिकी नौसेना के कमांडो की एक टीम ने लादेन को गोली मार दी थी.

पाकिस्तान सरकार को इस अमेरिकी मिशन के बारे में अंधेरे में रखा गया था. लादेन की गोली मारकर हत्या करने के तुरंत बाद ओबामा ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बिल क्लिंटन को फोन किया और साथ ही यूके के पीएम डेविड कैमरून को भी मामले की जानकारी दी. अपनी हालिया प्रकाशित पुस्तक ए प्रॉमिस लैंड में इस घटना के बारे में लिखते हुए ओबामा ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि मेरी सबसे कठिन बात पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ होगी. वह निश्चित रूप से पाकिस्तान की क्षेत्रीय संप्रभुता के उल्लंघन का मुद्दा उठाएंगे. हालांकि, जब मैंने उन्हें फोन किया, तो जरदारी ने मुझे बधाई दी और कहा, यह बहुत अच्छी खबर है.

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने भी इसके बाद संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के तत्कालीन अध्यक्ष माइक मुलेन से बात की थी. पूर्व राष्ट्रपति लिखते हैं कि उनकी भी बातचीत विनम्र थी. कयानी ने अनुरोध किया था कि हम लादेन वाली जगह से जल्द से जल्द निकलें, ताकि पाकिस्तानी जनता की प्रतिक्रिया का प्रबंधन करने में मदद मिल सके.

ओबामा ने लिखा कि जरदारी ने कहा कि उनकी पत्नी बेनजीर भुट्टो को चरमपंथियों ने अल कायदा के साथ मिलकर मार डाला था. रावलपिंडी में 27 दिसंबर 2007 को एक बम विस्फोट में बेनजीर भुट्टो को मार दिया गया था. माना जाता है कि अल-कायदा और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने इस धमाके को अंजाम दिया. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी लिखा है कि लादेन को मारने के बाद समुद्र में दफनाने की तैयारी पहले से थी, ताकि जिहादियों को उसके कब्र को तीर्थ स्थल बनाने का मौका न मिले. राष्ट्रपति ओबामा ने ह्वाइट हाउस में नेपच्यून स्पीयर नाम के इस ऑपरेशन को खुद देखा था.

ओबामा ने लिखा है कि यह राष्ट्रपति के रूप में पहली और एकमात्र बार था, जब मैं वास्तविक समय में एक सैन्य अभियान को देख रहा था. ओबामा के साथ उनके सहयोगी वर्तमान राष्ट्रपति चुनाव विजेता जो बिडेन और राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के सदस्य शामिल थे. बाद में ओसामा को मारने के मिशन में भाग लेने वाले लगभग 30 नेवी सील कमांडो की टीम से मुलाकात का जिक्र करते हुए ओबामा ने लिखा है कि उन्हें आश्चर्य हुआ कि टीम के सदस्य सख्त कमांडो के विपरीत दिखते हैं. कई अकाउंटेंट या उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्यों के तरह दिख रहे थे. ज्यादातर शुरुआती 40वें वर्ष में थे.

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