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अयोध्या, काशी के बाद हनुमान जन्मभूमि पर छिड़ा विवाद, नासिक का अंजनेरी फिर से चर्चा में आया

यह दावा किया जाता रहा है कि अंजनी पुत्र कहे जाने वाले हनुमान का जन्म नासिक के अंजनेरी पहाड़ में हुआ है. लेकिन इस पर विवाद है. महंत गोवंदानंद समेत कई श्रद्धालुओं का मानना है कि हनुमान जी का जन्म अंजनेरी में नहीं, बल्कि किष्किंधा में हुआ था. अंजनेरी नासिक जिले के त्रयंबकेश्वर तालुका में है. पढ़िये पूरी खबर...

Controversy broke out over Hanuman Janmabhoomi
हनुमान जन्मभूमि पर छिड़ा विवाद
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Published : May 28, 2022, 3:44 PM IST

Updated : May 28, 2022, 4:15 PM IST

नासिक : अयोध्या, ज्ञानवापी और काशी के बाद अब हनुमान जन्मभूमि (Hanuman Birth Place) को लेकर विवाद शुरू हो गया है. भगवान हनुमान का जन्म अंजनेरी में होने का दावा किया जाता रहा है. अंजनेरी पहाड़ महाराष्ट्र के नासिक के त्रयंबकेश्वर के पास स्थित है. इस दावे के विरोध में महंत गोविंदानंद (Mahant Govindanand) ने नासिक के पुरोहितों और शोधकर्ताओं को चुनौती दी है. गोविंदानंद ने इन पुरोहितों और रिसर्चर्स से नासिक के त्रयंबकेश्वर के पास अंजनेरी पर्वत (Anjaneri in Trayambakeshwar Nashik) में हनुमान जन्मभूमि होने का प्रमाण मांगा है. महंत गोविंदानंद ने कहा है कि वे हनुमान जन्मभूमि के सही स्थान की पहचान को लेकर किसी भी स्तर पर किसी भी तरह की बहस करने को तैयार हैं.

महंत गोविंदानंद का कहना है कि हनुमान जी का जन्म किष्किंधा में हुआ था. नासिक के अंजनेरी को हनुमान जन्मभूमि बता कर हिंदू श्रद्धालुओं के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है. महंत गोविंदानंद अपनी इस चुनौती के साथ त्रयंबकेश्वर पहुंच गए हैं.

हनुमान जन्मभूमि पर छिड़ा विवाद

अंजनेरी या किष्किंधा? क्या कहते हैं प्रमाण? कहां जन्मे थे वीर हनुमान? -महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्रयंबकेश्वर में अंजनेरी नाम का एक पर्वत है. कई श्रद्धालुओं का विश्वास है कि भगवान हनुमान का जन्म यहीं हुआ था. अंजनेरी में हनुमान जी का एक मंदिर भी है. यह दावा किया जाता रहा है कि अंजनी पुत्र कहे जाने वाले वीर हनुमान का जन्म नासिक के इसी अंजनेरी पहाड़ में हुआ है. लेकिन इस पर विवाद है. महंत गोविंदानंद समेत कई श्रद्धालुओं का मानना है कि अंजनी पुत्र हनुमान का जन्म अंजनेरी में नहीं, बल्कि किष्किंधा में हुआ था. अंजनेरी नासिक जिले के त्रयंबकेश्वर तालुका में है. इस तालुका में स्थित एक पहाड़ को अंजनेरी नाम दिया गया है. इस पहाड़ में भगवान हनुमान के साथ ही अंजनी माता का भी मंदिर है. मान्यता है कि नासिक के पंचवटी में सीता,राम और लक्ष्मण ने कुछ काल तक निवास किया था. इसी अंजनेरी पहाड़ में वीर हनुमान के जन्म होने का भी दावा किया जाता रहा है.

2020 से शुरू हुआ विवाद, क्या है मान्यताएं, क्या है इतिहास?- नासिक में हनुमान जी का जन्म हुआ कि नहीं, इससे पहले दक्षिण भारत के दो राज्यों के बीच पहले से ही विवाद शुरू है. आंध्रप्रदेश और कर्नाटक राज्य भी जन्मभूमि को लेकर दावे करते रहे हैं. कर्नाटक का दावा है कि हनुमान जी का जन्म हम्पी के पास किष्किंधा के अंजनाद्री पहाड़ी में हुआ था जबकि आंध्रप्रदेश का दावा है कि वीर हनुमान का जन्म तिरुमाला की सात पहाड़ियों में अर्थात सप्तगिरी के अंजनाद्री नाम के स्थान पर हुआ था.

नासिक का हनुमान कनेक्शन क्या? इसके पीछे की यह है कथा - नासिक और हनुमान जन्मभूमि के बीच क्या संबंध है? इसके सूत्र जुड़ते हैं नाम के प्रमाण से. हनुमान जी अंजनी पुत्र हैं. अंजनी नाम से जुड़े नासिक में दो ठिकाने हैं. सारा विवाद तीन नामों को लेकर शुरू है. ये तीन नाम हैं अंजनेरी, अंजनाद्री और अजेयानाद्री. इन तीन नामों से जुड़े हैं तीन राज्य- कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र. बीबीसी मराठी में छपी अनघा पाठक की रिपोर्ट के मुताबिक हनुमान की जन्मस्थली को लेकर कोई भी ठोस साक्ष्य इन तीनों ही ठिकानों को लेकर नहीं मिले हैं. ऐसे में यह तय करना बेहद मुश्किल है कि असल में हनुमान जी का जन्म कहां हुआ था?

ये भी पढ़ें- हनुमान के जन्म स्थान पर टीटीडी का दावा झूठा और अवैज्ञानिक : गोविंदानंद सरस्वती

नासिक : अयोध्या, ज्ञानवापी और काशी के बाद अब हनुमान जन्मभूमि (Hanuman Birth Place) को लेकर विवाद शुरू हो गया है. भगवान हनुमान का जन्म अंजनेरी में होने का दावा किया जाता रहा है. अंजनेरी पहाड़ महाराष्ट्र के नासिक के त्रयंबकेश्वर के पास स्थित है. इस दावे के विरोध में महंत गोविंदानंद (Mahant Govindanand) ने नासिक के पुरोहितों और शोधकर्ताओं को चुनौती दी है. गोविंदानंद ने इन पुरोहितों और रिसर्चर्स से नासिक के त्रयंबकेश्वर के पास अंजनेरी पर्वत (Anjaneri in Trayambakeshwar Nashik) में हनुमान जन्मभूमि होने का प्रमाण मांगा है. महंत गोविंदानंद ने कहा है कि वे हनुमान जन्मभूमि के सही स्थान की पहचान को लेकर किसी भी स्तर पर किसी भी तरह की बहस करने को तैयार हैं.

महंत गोविंदानंद का कहना है कि हनुमान जी का जन्म किष्किंधा में हुआ था. नासिक के अंजनेरी को हनुमान जन्मभूमि बता कर हिंदू श्रद्धालुओं के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है. महंत गोविंदानंद अपनी इस चुनौती के साथ त्रयंबकेश्वर पहुंच गए हैं.

हनुमान जन्मभूमि पर छिड़ा विवाद

अंजनेरी या किष्किंधा? क्या कहते हैं प्रमाण? कहां जन्मे थे वीर हनुमान? -महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्रयंबकेश्वर में अंजनेरी नाम का एक पर्वत है. कई श्रद्धालुओं का विश्वास है कि भगवान हनुमान का जन्म यहीं हुआ था. अंजनेरी में हनुमान जी का एक मंदिर भी है. यह दावा किया जाता रहा है कि अंजनी पुत्र कहे जाने वाले वीर हनुमान का जन्म नासिक के इसी अंजनेरी पहाड़ में हुआ है. लेकिन इस पर विवाद है. महंत गोविंदानंद समेत कई श्रद्धालुओं का मानना है कि अंजनी पुत्र हनुमान का जन्म अंजनेरी में नहीं, बल्कि किष्किंधा में हुआ था. अंजनेरी नासिक जिले के त्रयंबकेश्वर तालुका में है. इस तालुका में स्थित एक पहाड़ को अंजनेरी नाम दिया गया है. इस पहाड़ में भगवान हनुमान के साथ ही अंजनी माता का भी मंदिर है. मान्यता है कि नासिक के पंचवटी में सीता,राम और लक्ष्मण ने कुछ काल तक निवास किया था. इसी अंजनेरी पहाड़ में वीर हनुमान के जन्म होने का भी दावा किया जाता रहा है.

2020 से शुरू हुआ विवाद, क्या है मान्यताएं, क्या है इतिहास?- नासिक में हनुमान जी का जन्म हुआ कि नहीं, इससे पहले दक्षिण भारत के दो राज्यों के बीच पहले से ही विवाद शुरू है. आंध्रप्रदेश और कर्नाटक राज्य भी जन्मभूमि को लेकर दावे करते रहे हैं. कर्नाटक का दावा है कि हनुमान जी का जन्म हम्पी के पास किष्किंधा के अंजनाद्री पहाड़ी में हुआ था जबकि आंध्रप्रदेश का दावा है कि वीर हनुमान का जन्म तिरुमाला की सात पहाड़ियों में अर्थात सप्तगिरी के अंजनाद्री नाम के स्थान पर हुआ था.

नासिक का हनुमान कनेक्शन क्या? इसके पीछे की यह है कथा - नासिक और हनुमान जन्मभूमि के बीच क्या संबंध है? इसके सूत्र जुड़ते हैं नाम के प्रमाण से. हनुमान जी अंजनी पुत्र हैं. अंजनी नाम से जुड़े नासिक में दो ठिकाने हैं. सारा विवाद तीन नामों को लेकर शुरू है. ये तीन नाम हैं अंजनेरी, अंजनाद्री और अजेयानाद्री. इन तीन नामों से जुड़े हैं तीन राज्य- कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र. बीबीसी मराठी में छपी अनघा पाठक की रिपोर्ट के मुताबिक हनुमान की जन्मस्थली को लेकर कोई भी ठोस साक्ष्य इन तीनों ही ठिकानों को लेकर नहीं मिले हैं. ऐसे में यह तय करना बेहद मुश्किल है कि असल में हनुमान जी का जन्म कहां हुआ था?

ये भी पढ़ें- हनुमान के जन्म स्थान पर टीटीडी का दावा झूठा और अवैज्ञानिक : गोविंदानंद सरस्वती

Last Updated : May 28, 2022, 4:15 PM IST
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